प्रभु निर्दोष व्यक्तियों की आयु का प्रत्येक दिन जानता है, उनकी पैतृक सम्पत्ति सदा बनी रहेगी।
इब्रानियों 9:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मसीह प्रथम विधान के अन्तर्गत किये हुए अपराधों की क्षमा के लिए मर गये हैं और इस प्रकार वह एक नये विधान के मध्यस्थ हैं। परमेश्वर जिन्हें बुलाता है, वे अब उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त काल तक बनी रहने वाली विरासत प्राप्त करते हैं। पवित्र बाइबल इसी कारण से मसीह एक नए वाचा का मध्यस्थ बना ताकि जिन्हें बुलाया गया है, वे उत्तराधिकार का अनन्त आशीर्वाद पा सकें जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी। अब देखो, पहले वाचा के अधीन किए गए पापों से उन्हें मुक्त कराने के लिए फिरौती के रूप में वह अपने प्राण दे चुका है। Hindi Holy Bible और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहिली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त मीरास को प्राप्त करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उसकी मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त मीरास को प्राप्त करें। नवीन हिंदी बाइबल इसी कारण मसीह नई वाचा का मध्यस्थ है ताकि उसकी मृत्यु के द्वारा, जो पहली वाचा के अंतर्गत अपराधों से छुटकारे के लिए हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनंत उत्तराधिकार को प्राप्त करें। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये वह एक नई वाचा के मध्यस्थ हैं कि वे सब, जिनको बुलाया गया है, प्रतिज्ञा की हुई अनंत उत्तराधिकार प्राप्त कर सकें क्योंकि इस मृत्यु के द्वारा उन अपराधों का छुटकारा पूरा हो चुका है, जो उस समय किए गए थे, जब पहली वाचा प्रभावी थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त विरासत को प्राप्त करें। |
प्रभु निर्दोष व्यक्तियों की आयु का प्रत्येक दिन जानता है, उनकी पैतृक सम्पत्ति सदा बनी रहेगी।
बासठ सप्ताहों के पश्चात् एक दूसरा ‘अभिषिक्त’ होगा। वह काटा जाएगा, और उसके पास कुछ नहीं रह जाएगा। एक अगुआ आएगा। उस की सेना नगर और पवित्र स्थान को खण्डहर बना देगी। उसका अन्त बाढ़ से होगा, और अन्त तक युद्ध होता रहेगा। विनाश ठहराया जा चुका है।
और जिस किसी ने मेरे नाम के लिए घरबार, भाइयों, बहिनों, पिता, माता, बाल-बच्चों अथवा खेतों को छोड़ दिया है, वह सौ गुना पाएगा और शाश्वत जीवन का अधिकारी होगा।
उसने उत्सव में आमन्त्रित लोगों को बुला लाने के लिए अपने सेवकों को भेजा, लेकिन अतिथि आना नहीं चाहते थे।
“तब राजा अपनी दाहिनी ओर के लोगों से कहेगा, ‘मेरे पिता के कृपापात्रो! आओ और उस राज्य के अधिकारी बनो, जो सृष्टि के आरम्भ से तुम्हारे लिए तैयार किया गया है;
मैं नंगा था और तुम ने मुझे वस्त्र पहिनाया। मैं बीमार था और तुम ने मेरी देखभाल की। मैं बन्दी था और तुम मुझ से मिलने आए।’
येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
एक कुलीन मनुष्य ने येशु से यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मैं क्या करूँ?”
इसी तरह उन्होंने भोजन के बाद यह कहते हुए कटोरा दिया, “यह कटोरा मेरे रक्त द्वारा स्थापित नया विधान है। यह तुम्हारे लिए बहाया जा रहा है।
मैं उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करता हूँ। वे कभी नष्ट नहीं होंगी और उन्हें मेरे हाथ से कोई नहीं छीन सकेगा।
अब मैं आप लोगों को परमेश्वर के तथा उसके अनुग्रहपूर्ण वचन के संरक्षण में सौंपता हूं, जो आपका निर्माण करने तथा सब पवित्र किए हुए भक्तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।
हम शत्रु ही थे, जब परमेश्वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्यु द्वारा हो गया था; और परमेश्वर के साथ मेल हो जाने के बाद उसके पुत्र के जीवन द्वारा निश्चय ही हमारा उद्धार होगा।
किन्तु हम पापी ही थे, जब मसीह हमारे लिए मरे। इससे परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम का प्रमाण दिया है।
क्योंकि पाप का वेतन मृत्यु है, किन्तु परमेश्वर का वरदान है हमारे प्रभु येशु मसीह में शाश्वत जीवन।
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाये गये हैं, परमेश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;
उसने जिन्हें पहले से निश्चित किया, उन्हें बुलाया भी है : जिन्हें बुलाया, उन्हें धार्मिक भी ठहराया है और जिन्हें धार्मिक ठहराया है, उन्हें महिमान्वित भी किया है।
ऐसे दया के पात्र हम हैं, जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से बुलाया है, बल्कि गैर-यहूदियों में से भी।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
जो अपने रक्त द्वारा हमें विमोचन, अर्थात् अपराधों की क्षमा दिलाते हैं। यह परमेश्वर की अपार कृपा का परिणाम है,
उसी उद्देश्य के लिए उसने हमारे शुभ समाचार के प्रचार द्वारा आप को बुलाया, जिससे आप हमारे प्रभु येशु मसीह की महिमा को प्राप्त करें।
केवल एक ही परमेश्वर है और परमेश्वर तथा मनुष्यों के बीच केवल एक ही मध्यस्थ हैं, अर्थात् येशु मसीह, जो स्वयं मनुष्य हैं
मैं चुने हुए लोगों के लिए सब कुछ सहता हूँ, जिससे वे भी येशु मसीह के द्वारा मुक्ति तथा सदा बनी रहने वाली महिमा प्राप्त करें।
और शाश्वत जीवन की आशा का आधार है। सत्यवादी परमेश्वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।
जिससे हम उसकी कृपा द्वारा धार्मिक ठहराये जायें और शाश्वत जीवन के उत्तराधिकारी बनने की आशा कर सकें।
आपने बन्दियों से सहानुभूति रखी और जब आप लोगों की धन-सम्पत्ति जब्त की गयी, तो आप ने यह सहर्ष स्वीकार किया; क्योंकि आप जानते थे कि इससे कहीं अधिक उत्तम और चिरस्थायी सम्पत्ति आपके पास विद्यमान है।
आप लोगों को धैर्य की आवश्यकता है, जिससे परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के बाद आप को वह मिल जाये, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर कर चुका है;
प्रतिज्ञा का फल पाये बिना ये सब विश्वास करते हुए मर गये। परन्तु उन्होंने उसको दूर से देखा और उसका स्वागत किया। वे अपने को पृथ्वी पर परदेशी तथा प्रवासी मानते थे।
और नवीन विधान के मध्यस्थ येशु विराजमान हैं- जिनका छिड़काया हुआ रक्त हाबिल के रक्त से कहीं अधिक कल्याणकारी वाणी बोल रहा है।
शान्ति का परमेश्वर, जिसने शाश्वत विधान के रक्त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे, हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से पुनर्जीवित किया,
परिवार की समस्त सन्तति का रक्त-मांस एक ही होता है, इसलिए येशु ने भी हमारा रक्त-मांस धारण किया, जिससे वह अपनी मृत्यु द्वारा मृत्यु पर अधिकार रखने वाले शैतान को परास्त करें
भाइयो एवं बहिनो! आप पवित्र हैं, आप ईश्वरीय बुलावे में सहभागी हैं; इसलिए आप हमारे विश्वास-वचन के महापुरोहित येशु का ध्यान करें, जिनको परमेश्वर ने प्रेषित किया।
परमेश्वर ने जब अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी, तो उसने अपने नाम की शपथ खायी; क्योंकि उस से बड़ा कोई नहीं था, जिसका नाम ले कर वह शपथ खाये।
इस प्रकार, हम देखते हैं कि येशु जिस विधान का उत्तरदायित्व लेते हैं, वह कहीं अधिक श्रेष्ठ है।
परमेश्वर इस विधान को “नया” कह कर पुकारता है, इसलिए उसने प्रथम विधान रद्द कर दिया है। जो पुराना और जराग्रस्त हो गया है, वह लुप्त होने को है।
उन्होंने बकरों तथा बछड़ों का नहीं, बल्कि अपना रक्त ले कर सदा के लिए एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया और इस तरह मनुष्यों के लिए सदा-सर्वदा बना रहने वाला उद्धार प्राप्त किया है।
उसी तरह मसीह बहुतों के पाप हरने के लिए एक ही बार अर्पित हुए। वह दूसरी बार प्रकट होंगे−पाप के कारण नहीं, बल्कि उन लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए, जो उनकी प्रतीक्षा करते हैं।
धन्य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्तों को देने की प्रतिज्ञा की है।
मसीह ने भी एक बार ही पापों के प्रायश्चित के लिए दु:ख भोगा; धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह आप लोगों को परमेश्वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा द्वारा जिलाये गये।
परमेश्वर ने, जो सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।