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इब्रानियों 9:15 - नवीन हिंदी बाइबल

15 इसी कारण मसीह नई वाचा का मध्यस्थ है ताकि उसकी मृत्यु के द्वारा, जो पहली वाचा के अंतर्गत अपराधों से छुटकारे के लिए हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनंत उत्तराधिकार को प्राप्‍त करें।

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पवित्र बाइबल

15 इसी कारण से मसीह एक नए वाचा का मध्यस्थ बना ताकि जिन्हें बुलाया गया है, वे उत्तराधिकार का अनन्त आशीर्वाद पा सकें जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी। अब देखो, पहले वाचा के अधीन किए गए पापों से उन्हें मुक्त कराने के लिए फिरौती के रूप में वह अपने प्राण दे चुका है।

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Hindi Holy Bible

15 और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहिली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त मीरास को प्राप्त करें।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 मसीह प्रथम विधान के अन्‍तर्गत किये हुए अपराधों की क्षमा के लिए मर गये हैं और इस प्रकार वह एक नये विधान के मध्‍यस्‍थ हैं। परमेश्‍वर जिन्‍हें बुलाता है, वे अब उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्‍त काल तक बनी रहने वाली विरासत प्राप्‍त करते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उसकी मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त मीरास को प्राप्‍त करें।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 इसलिये वह एक नई वाचा के मध्यस्थ हैं कि वे सब, जिनको बुलाया गया है, प्रतिज्ञा की हुई अनंत उत्तराधिकार प्राप्‍त कर सकें क्योंकि इस मृत्यु के द्वारा उन अपराधों का छुटकारा पूरा हो चुका है, जो उस समय किए गए थे, जब पहली वाचा प्रभावी थी.

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इब्रानियों 9:15
52 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा खरे लोगों की आयु को जानता है, और उनका भाग सदा बना रहेगा।


जिस किसी ने मेरे नाम के कारण घरों या भाइयों या बहनों या माता या पिताया बच्‍चों या खेतों को छोड़ा है, उसे सौ गुणा मिलेगा और वह अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होगा।


उसने विवाह में आमंत्रित लोगों को बुलाने के लिए अपने दास भेजे, परंतु उन्होंने आना न चाहा।


तब राजा अपने दाहिनी ओर वालों से कहेगा, ‘हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ! जगत की उत्पत्ति से तुम्हारे लिए जो राज्य तैयार किया गया है, उसके उत्तराधिकारी बनो;


मैं निर्वस्‍त्र था और तुमने मुझे वस्‍त्र पहनाए, मैं बीमार था और तुमने मेरी सुधि ली, मैं बंदीगृह में था और तुम मुझसे मिलने आए।’


जब वह मार्ग में जा रहा था तो एक व्यक्‍ति दौड़ता हुआ आया और उसके सामने घुटने टेककर पूछने लगा, “हे उत्तम गुरु! अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होने के लिए मैं क्या करूँ?”


फिर किसी प्रधान ने उससे यह पूछा, “हे उत्तम गुरु! अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होने के लिए मैं क्या करूँ?”


भोजन करने के बाद उसने इसी प्रकार कटोरा भी यह कहते हुए दिया,“यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिए बहाया जाता है, नई वाचा है।


और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा।


और अब मैं तुम्हें परमेश्‍वर और उसके अनुग्रह के उस वचन के हाथ सौंपता हूँ, जो तुम्हारी उन्‍नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों के साथ तुम्हें उत्तराधिकार दे सकता है।


क्योंकि जब शत्रु होने पर भी उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा परमेश्‍वर से हमारा मेल हुआ, तो फिर मेल-मिलाप हो जाने पर हम निश्‍चय ही उसके जीवन के द्वारा उद्धार पाएँगे।


जब हम निर्बल ही थे, तब उचित समय पर मसीह भक्‍तिहीनों के लिए मरा।


परंतु परमेश्‍वर हमारे प्रति अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट करता है कि जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।


क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्‍वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।


हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम रखते हैं अर्थात् जो उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिए वह सब बातों को मिलाकर भलाई ही उत्पन्‍न‍ करता है।


और जिन्हें उसने पहले से ठहराया उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया उन्हें धर्मी भी ठहराया, और जिन्हें धर्मी ठहराया उन्हें महिमा भी दी।


अर्थात् हमें, जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से बल्कि गैरयहूदियों में से भी बुलाया है?


उसने हमें उस नई वाचा का सेवक होने के योग्य भी बनाया, जो अक्षर की नहीं परंतु आत्मा की है, क्योंकि अक्षर तो मारता है, परंतु आत्मा जीवन देता है।


अब मध्यस्थ तो एक पक्ष का नहीं होता, परंतु परमेश्‍वर एक ही है।


उसी में हमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा और अपराधों की क्षमा मिलती है। यह परमेश्‍वर के उस अनुग्रह के धन के अनुसार है


इसी के लिए उसने हमारे सुसमाचार के द्वारा तुम्हें बुलाया कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को प्राप्‍त करो।


क्योंकि एक ही परमेश्‍वर है तथा परमेश्‍वर और मनुष्यों के बीच भी एक ही मध्यस्थ है, अर्थात् मसीह यीशु, जो मनुष्य है।


इसलिए मैं चुने हुओं के कारण सब कुछ सह लेता हूँ कि वे भी उस उद्धार को, जो मसीह यीशु में है, अनंत महिमा के साथ प्राप्‍त करें।


उस अनंत जीवन की आशा में जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्‍वर ने, जो झूठ नहीं बोल सकता, सनातन काल से की है,


ताकि हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहराए जाकर, अनंत जीवन की आशा के अनुसार उत्तराधिकारी बन जाएँ।


तुमने बंदियों के साथ सहानुभूति दिखाई और अपनी संपत्ति के लुटने को यह जानकर आनंद के साथ स्वीकार कर लिया, कि तुम्हारे पास उत्तम और चिरस्थाई संपत्ति है।


तुम्हें धीरज धरने की आवश्यकता है ताकि तुम परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करके उसे प्राप्‍त कर सको जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी।


ये सब विश्‍वास की दशा में मरे। इन्होंने प्रतिज्ञा की गई वस्तुओं को प्राप्‍त नहीं किया पर उन्हें दूर ही से देखकर उनका स्वागत किया और यह मान लिया कि हम पृथ्वी पर परदेशी और यात्री हैं।


तथा नई वाचा के मध्यस्थ यीशु, और छिड़के हुए उस लहू के पास आए हो जो हाबिल के लहू से उत्तम बातें कहता है।


अब शांति का परमेश्‍वर, जिसने अनंत वाचा के लहू के द्वारा भेड़ों के महान चरवाहे हमारे प्रभु यीशु को मृतकों में से जीवित कर दिया,


अतः जैसे बच्‍चे लहू और मांस में सहभागी हैं, वैसे ही वह स्वयं भी उनमें सहभागी हुआ, ताकि मृत्यु के द्वारा मृत्यु पर अधिकार रखनेवाले, अर्थात् शैतान को निष्फल कर दे,


इसलिए हे पवित्र भाइयो, तुम जो स्वर्गीय बुलाहट में सहभागी हो, यीशु पर ध्यान दो जिसे हम प्रेरित और महायाजक मानते हैं।


अब्राहम से प्रतिज्ञा करते समय जब परमेश्‍वर को शपथ खाने के लिए अपने से बड़ा कोई न मिला, तो उसने अपनी ही शपथ खाई,


इस प्रकार अब्राहम ने धीरज धरकर प्रतिज्ञा की हुई बात को प्राप्‍त किया।


इस प्रकार यीशु एक उत्तम वाचा का ज़ामिन ठहरा है।


जब उसने कहा, “एक नई वाचा,” तो उसने पहली वाचा को पुरानी ठहरा दिया। अब जो पुरानी और जीर्ण हो रही है, वह लुप्‍त होने पर है।


उसने बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं परंतु अपने ही लहू के द्वारा सदा के लिए एक ही बार परम पवित्र स्थान में प्रवेश करके हमारे लिए अनंत छुटकारा प्राप्‍त किया।


जहाँ वसीयतनामा है, वहाँ उसके लिखनेवाले की मृत्यु का होना भी आवश्यक है;


उसी प्रकार मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिए एक ही बार बलिदान हुआ; और दूसरी बार वह पाप उठाने के लिए नहीं बल्कि उनके उद्धार के लिए प्रकट होगा, जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं।


धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा में धीरज धरता है क्योंकि वह खरा उतरकर जीवन का वह मुकुट पाएगा जिसकी प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम रखनेवालों से की है।


इसलिए कि मसीह ने भी पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, अर्थात् धर्मी ने अधर्मियों के लिए, ताकि तुम्हें परमेश्‍वर के निकट ले आए। वह शरीर में तो मारा गया, पर आत्मा में जिलाया गया।


अब परमेश्‍वर जो समस्त अनुग्रह का दाता है, और जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनंत महिमा के लिए बुलाया है, वह तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद स्वयं तुम्हें सिद्ध, ढृढ़, बलवंत और स्थिर करेगा।


जो प्रतिज्ञा उसने स्वयं हमसे की है वह अनंत जीवन है।


तब वे यह नया गीत गाने लगे : तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरों को खोलने के योग्य है, क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से परमेश्‍वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, राष्‍‍ट्र और जाति में से लोगों को खरीद लिया,


हमारे पर का पालन करें:

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