किन्तु वह विलम्ब करता रहा। अत: दूत उसका तथा उसकी पत्नी एवं उसकी दोनों पुत्रियों का हाथ पकड़कर उन्हें नगर से बाहर ले गए; क्योंकि प्रभु लोट के प्रति दयालु था।
इब्रानियों 8:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह उस विधान की तरह नहीं होगा जिसे मैंने उनके पूर्वजों के लिए उस समय निर्धारित किया था, जब मैंने उन्हें मिस्र से निकालने के लिए उनके हाथ थामे थे। प्रभु यह कहता है: उन्होंने मेरे विधान का पालन नहीं किया, इसलिए मैंने भी उनकी सुध नहीं ली। पवित्र बाइबल यह वाचा वैसा नहीं होगा जैसा मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस समय किया था। जब मैंने उनका हाथ मिस्र से निकाल लाने पकड़ा था। क्योंकि प्रभु कहता है, वे मेरे वाचा के विश्वासी नहीं रहे। मैंने उनसे मुँह फेर लिया। Hindi Holy Bible यह उस वाचा के समान न होगी, जो मैं ने उन के बाप दादों के साथ उस समय बान्धी थी, जब मैं उन का हाथ पकड़ कर उन्हें मिसर देश से निकाल लाया, क्योंकि वे मेरी वाचा पर स्थिर न रहे, और मैं ने उन की सुधि न ली; प्रभु यही कहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह उस वाचा के समान न होगी, जो मैं ने उनके बापदादों के साथ उस समय बाँधी थी, जब मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया; क्योंकि वे मेरी वाचा पर स्थिर न रहे, इसलिये मैं ने उनकी सुधि न ली, प्रभु यही कहता है। नवीन हिंदी बाइबल फिर प्रभु कहता है, “यह उस वाचा के समान नहीं होगी, जो मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस दिन बाँधी थी जब मैंने उनका हाथ थामकर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था— क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे, और मैं भी उनसे विमुख हो गया।” सरल हिन्दी बाइबल वैसी नहीं, जैसी मैंने उनके पूर्वजों से उस समय की थी, जब मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था, क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे, इसलिये मैं उनसे दूर हो गया, यह प्रभु का कहना है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह उस वाचा के समान न होगी, जो मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस समय बाँधी थी, जब मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया, क्योंकि वे मेरी वाचा पर स्थिर न रहे, और मैंने उनकी सुधि न ली; प्रभु यही कहता है। |
किन्तु वह विलम्ब करता रहा। अत: दूत उसका तथा उसकी पत्नी एवं उसकी दोनों पुत्रियों का हाथ पकड़कर उन्हें नगर से बाहर ले गए; क्योंकि प्रभु लोट के प्रति दयालु था।
उन्होंने उससे मुंह फेर कर अपने पूर्वजों के समान विश्वासघात किया, वे धोखा देनेवाले धनुष के समान दूसरी ओर मुड़ गए।
जिस मार्ग पर चलने के लिए मैंने उनको आज्ञा दी थी, उससे वे इतने शीघ्र भटक गए। उन्होंने अपने लिए बछड़े की मूर्ति बनाई है। उन्होंने उसकी पूजा की, उसको बलि चढ़ाई और कहा, “ओ इस्राएली समाज! यह है तेरा ईश्वर, जो तुझे मिस्र देश से निकाल लाया है।” ’
प्रभु ने कहा, ‘देख, मैं विधान स्थापित करता हूँ। मैं तेरे सब लोगों के सामने ऐसे आश्चर्यपूर्ण कर्म करूँगा, जो समस्त पृथ्वी पर, सारे राष्ट्रों में कभी नहीं किए गए। जिन लोगों के मध्य में तू है, वे सब प्रभु के कार्य को देखेंगे। वह आतंकमय कार्य है, जिसे मैं तेरे लिए करूँगा।
‘अपने प्रियतम के कन्धे पर झुकी-सी यह कौन निर्जन प्रदेश से आ रही है?’ ‘मैं तुमको सेब के वृक्ष के नीचे जगाती हूं, जहाँ तुम्हारी मां ने तुम्हारे लिए प्रसव-पीड़ा भोगी थी, जहाँ तुम्हारी जननी ने तुमको जन्म दिया था।
वह मेषपाल के सदृश अपने रेवड़ को चराएगा; वह अपनी बाहों में मेमनों को उठाएगा; वह उन्हें अपनी गोद में उठाकर ले जाएगा, वह दूध पिलानेवाली भेड़ों को धीरे-धीरे ले जाएगा।
क्योंकि मैं, तेरा प्रभु परमेश्वर, तेरे दाहिने हाथ को सम्भालता हूं, मैं ही तुझ से कहता हूं : “मत डर, मैं तेरी सहायता करता हूं।”
जिन पुत्रों को तूने जन्म दिया, उनमें एक भी ऐसा पुत्र नहीं निकला जो तुझे सम्भाल सके। जिन पुत्रों को तूने पाला-पोसा उनमें एक भी ऐसा पुत्र नहीं हुआ जो तेरा हाथ थाम सके!
यह विधान उस विधान के समान नहीं होगा, जो मैंने उनके पूर्वजों से स्थापित किया था। जब मैं उनका हाथ पकड़ कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, तब मैंने उनसे विधान स्थापित किया था। किन्तु उन्होंने मेरे विधान को तोड़ डाला था, यद्यपि मैं उन का स्वामी था। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
स्वयं प्रभु ने अपने क्रोध से उन्हें अन्य राष्ट्रों में तितर-बितर किया है; अब वह उन पर ध्यान नहीं देगा। लोगों ने पुरोहितों का सम्मान नहीं किया, और न ही धर्मवृद्धों पर दया की।
स्वामी-प्रभु यों कहता है: ‘ओ यरूशलेम, तूने शपथ खाकर मुझसे विवाह का विधान स्थापित किया था। किन्तु तूने अपनी शपथ को तुच्छ समझा, और विधान को तोड़ दिया। अत: जैसा तूने किया है वैसा ही मैं तुझ से व्यवहार करूंगा।
‘मैं फिर तेरे पास से गुजरा, और तुझ पर दृष्टि की, तो देखा कि तेरी उम्र प्रेम करने के लायक हो गई है। मैंने तेरे शरीर पर अपनी चादर डाल दी, और यों तेरी नग्नता ढांप दी। मैंने सौगन्ध खाकर तुझे वचन दिया, और तेरे साथ विधान स्थापित किया, और इस प्रकार तू मेरी पत्नी बन गई।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
तुम मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हो, पर मैं उनको स्वीकार नहीं करूंगा। सहभागिता-बलि के रूप में चढ़ाए गए तुम्हारे मोटे-ताजे पशुओं की चर्बी पर मैं नजर भी नहीं डालूंगा।
ओ पुरोहितो, तुम यह कार्य भी करते हो: तुम रोते हो, कराहते हो और अपने आंसुओं से प्रभु की वेदी को भिगोते हो; क्योंकि प्रभु तुम्हारे आंसुओं पर ध्यान नहीं देता, तुम्हारे हाथ से भेंट को स्वीकार नहीं करता और तुम पर कृपा नहीं करता।
वह अन्धे का हाथ पकड़ कर उसे गाँव के बाहर ले गये। वहाँ उन्होंने उसकी आँखों पर लगाने के लिए थूका और उस पर अपना हाथ रख कर उस से पूछा, “क्या तुम्हें कुछ दिखाई दे रहा है?”
अब देख, प्रभु का हाथ तेरे विरुद्ध उठा है। तू अन्धा हो जायेगा और कुछ समय तक सूर्य का प्रकाश नहीं देख सकेगा।” उसी क्षण उस की आँखों के सामने धुंधलापन और अंधेरा छा गया और वह इधर-उधर टटोलने लगा कि कोई उसका हाथ पकड़ कर उसे ले चले।
वही मूसा उन्हें बाहर निकाल लाये और मिस्र देश में, लाल समुद्र के तट पर तथा निर्जन प्रदेश में चालीस वर्ष तक आश्चर्य कर्म और चिह्न दिखाते रहे।
शाऊल भूमि से उठा। यद्यपि उसकी आँखें खुली थीं, किन्तु वह कुछ नहीं देख सका। इसलिए वे उसका हाथ पकड़ कर उसे दमिश्क नगर ले गये।
इन बातों का एक लाक्षणिक अर्थ है। वे दो स्त्रियाँ दो विधानों की प्रतीक हैं। एक विधान, अर्थात् सीनय पर्वत का विधान, दासता के लिए सन्तति उत्पन्न करता है। यह हागार है।
जो विधान प्रभु ने इस्राएली समाज के साथ होरेब पर्वत पर स्थापित किया था, उसके अतिरिक्त प्रभु ने मूसा को आदेश दिया कि वह इस्राएली समाज के साथ मोआब देश में एक विधान स्थापित करे। उस विधान के ये शब्द हैं :
तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे साथ विधान स्थापित करेगा। वह आज अपने और तेरे मध्य शपथ खाएगा, और तू इस विधान में सम्मिलित होगा,
तब लोग कहेंगे, “जब प्रभु उन्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया था तब उसने उनके साथ एक विधान स्थापित किया था। उन्होंने प्रभु के, अपने पूर्वजों के परमेश्वर के इस विधान को त्याग दिया,