इब्रानियों 12:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कहीं ऐसा न हो कि आप लोग निराश होकर हिम्मत हार जायें, इसलिए आप उनका स्मरण करते रहें, जिन्होंने पापियों का इतना घोर विरोध सहा। पवित्र बाइबल उसका ध्यान करो जिसने पापियों का ऐसा विरोध इसलिए सहन किया ताकि थक कर तुम्हारा मन हार न मान बैठे। Hindi Holy Bible इसलिये उस पर ध्यान करो, जिस ने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश होकर हियाव न छोड़ दो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना विरोध सह लिया कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए उस पर ध्यान दो जिसने अपने विरुद्ध पापियों का इतना विरोध सहा कि तुम थककर हताश न हो जाओ। सरल हिन्दी बाइबल उन पर विचार करो, जिन्होंने पापियों द्वारा दिए गए घोर कष्ट इसलिये सह लिए कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो। |
स्वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।
मानव पुत्र आया। वह साधारण मनुष्य के समान खाता-पीता है और लोग कहते हैं : ‘देखो, यह आदमी पेटू और पियक्कड़ है। चुंगी-अधिकारियों और पापियों का मित्र है।’ किन्तु परमेश्वर की प्रज्ञ अपने कर्मों से प्रमाणित होती है। ”
यह सुन कर फरीसियों ने कहा, “यह भूतों के नायक बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता है।”
और यह बोले, “आपके शिष्य धर्मवृद्धों की परम्परा क्यों तोड़ते हैं? वे बिना हाथ धोये भोजन करते हैं।”
येशु मन्दिर में लौटे। जब वह लोगों को शिक्षा दे रहे थे, तब महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध उनके पास आ कर बोले, “आप किस अधिकार से ये कार्य कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?”
वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते थे, किन्तु वे जनता से डरते थे; क्योंकि वह येशु को नबी मानती थी।
उस समय फरीसियों ने जा कर आपस में परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसाएँ।
येशु एक विश्राम के दिन किसी फरीसी अधिकारी के यहाँ भोजन करने गये। वे लोग उनकी ताक में थे।
फरीसी और शास्त्री यह देखकर भुनभुनाने लगे, “यह मनुष्य पापियों का स्वागत करता है और उनके साथ खाता-पीता है।”
शिमोन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और बालक की माता मरियम से यह कहा, “देखिए, यह बालक एक ऐसा चिह्न है जिसका लोग विरोध करेंगे। इस के कारण इस्राएल में बहुतों का पतन और उत्थान होगा
इस पर शास्त्री और फरीसी एक-दूसरे से प्रश्न पूछने लगे, “ईश-निन्दा करने वाला यह कौन है? परमेश्वर के अतिरिक्त और कौन पाप क्षमा कर सकता है?”
इस पर पास खड़े सिपाहियों में से एक ने येशु को थप्पड़ मार कर कहा, “तुम महापुरोहित को इस तरह जवाब देते हो?”
जनता में उनके विषय में बड़ी कानाफूसी हो रही थी। कुछ लोग कहते थे, “वह भला मनुष्य है।” कुछ कहते थे, “नहीं, वह लोगों को पथभ्रष्ट कर रहा है।”
धर्मगुरुओं ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम में भूत है। अब्राहम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो, ‘यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।’
इस पर लोगों ने येशु को मारने के लिए पत्थर उठाये, किन्तु वह छिपकर मन्दिर से निकल गये।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप विश्वास में दृढ़ तथा अटल बने रहें। आप प्रभु के कार्य में निरंतर बढ़ते जाएं, और आप यह निश्चित जानिए कि प्रभु के लिए किया गया आप का परिश्रम व्यर्थ नहीं है।
यही कारण है कि हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे अभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता रहता है;
हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें; क्योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्य फसल काटेंगे।
“ओ इस्राएलियो, सुनो! तुम अपने शत्रुओं से युद्ध करने के लिए आज यहां आए हो। तुम्हारा मनोबल कम न हो। उनका सामना करने से तुम मत डरो, व्याकुल मत हो, उनसे आतंकित न हो;
हम अपने विश्वास के प्रवर्तक एवं सिद्धिकर्ता येशु पर दृष्टि रखे रहें, जिन्होंने कलंक की कोई परवाह नहीं की और भविष्य में आनन्द की प्राप्ति के लिए क्रूस का कष्ट सहन किया तथा परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर विराजमान हुए।
क्या आप लोग धर्मग्रन्थ का यह प्रबोधन भूल गये हैं, जिस में परमेश्वर आप को अपनी संतान कह कर सम्बोधित करता है? “मेरे बच्चो†! प्रभु के अनुशासन की उपेक्षा मत करो और उसकी फटकार से हिम्मत मत हारो;
भाइयो एवं बहिनो! आप पवित्र हैं, आप ईश्वरीय बुलावे में सहभागी हैं; इसलिए आप हमारे विश्वास-वचन के महापुरोहित येशु का ध्यान करें, जिनको परमेश्वर ने प्रेषित किया।
जब उन्हें गाली दी गयी, तो उन्होंने उत्तर में गाली नहीं दी और जब उन्हें सताया गया, तो उन्होंने धमकी नहीं दी। उन्होंने अपने को उसी पर छोड़ दिया, जो न्यायपूर्वक विचार करता है।
केवल प्रभु की भक्ति करो और सम्पूर्ण हृदय से उसकी सेवा करो। देखो, उसने तुम्हारे लिए कितने महान् कार्य किए हैं।