तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
इब्रानियों 1:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु वर्तमान अन्तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। पवित्र बाइबल किन्तु इन अंतिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की, जिसे उसने सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है और जिसके द्वारा उसने समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की है। Hindi Holy Bible इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इन अन्तिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बातें कीं, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि की रचना की है। नवीन हिंदी बाइबल पर इन अंतिम दिनों में उसने अपने पुत्र के द्वारा हमसे बातें कीं, जिसे उसने सब वस्तुओं का उत्तराधिकारी ठहराया, और उसी के द्वारा उसने सृष्टि की भी रचना की है। सरल हिन्दी बाइबल किंतु अब इस अंतिम समय में उन्होंने हमसे अपने पुत्र के द्वारा बातें की हैं, जिन्हें परमेश्वर ने सारी सृष्टि का वारिस चुना और जिनके द्वारा उन्होंने युगों की सृष्टि की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (1 कुरि. 8:6, यूह. 1:3) |
तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
तेरा मुक्तिदाता, तुझे गर्भ में गढ़नेवाला प्रभु यों कहता है: “मैं ही प्रभु हूं, मैं ही सबका बनानेवाला हूं। मैंने ही आकाश को वितान के समान ताना है, मैंने ही पृथ्वी को आकार दिया है। उस समय मेरे साथ कौन था?
मैंने पृथ्वी को बनाया है, मैंने ही मनुष्य को रचा है, ताकि वह उस पर निवास करे। मेरे ही हाथों ने आकाश को वितान के समान ताना है; मेरे ही आदेश से आकाश के तारागण स्थित हैं।
आकाश का स्रष्टा (वह परमेश्वर है!), पृथ्वी को आकार देनेवाला और बनानेवाला प्रभु यों कहता है: (उसने ही पृथ्वी को स्थिर किया है, उसने उसको इसलिए नहीं रचा कि वह निर्जन रहे, उसने उसे आबाद करने के लिए बनाया है।) ‘मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा कोई प्रभु नहीं है।
जब तक प्रभु अपने हृदय के संकल्प को कार्य रूप में परिणित नहीं कर लेगा, और उसको पूर्ण नहीं कर लेगा, तब तक वह अपने क्रोध को शान्त नहीं करेगा। अंतिम दिनों में यह बात स्पष्ट समझ में आ जाएगी।
प्रभु कहता है, “तो भी मैं मोआब की समृद्धि आनेवाले दिनों में पुन: लौटाऊंगा।” मोआब का दण्ड-विचार समाप्त हुआ।’
जैसे काली घटाएं आकाश को ढक लेती हैं, तू और तेरी सेना वैसे ही मेरे निज लोग इस्राएलियों के देश को ढक लेगी। तू उन पर चढ़ाई करेगा। ओ गोग, जब मेरे निज लोग इस्राएली अपने देश में बस चुके होंगे, उसके पश्चात् मैं स्वयं तुझसे अपने देश पर आक्रमण कराऊंगा, जिससे सब राष्ट्र जानेंगे कि मैं तेरे माध्यम से सब राष्ट्रों की आंखों के सामने अपनी पवित्रता प्रमाणित करता हूं।
ताकि तुझे वे बातें समझाऊं जो युगान्त में तेरी कौम के लोगों के साथ घटेंगी। जो दर्शन तूने देखा है वह आगामी कुछ दिनों के बाद पूरा होगा।”
किन्तु स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर सब रहस्यों पर से परदा हटाता है। उसी ने महाराज को भविष्य में घटनेवाली घटनाओं का दर्शन स्वप्न में कराया है। आपका स्वप्न और आपके मन में अंकित दृश्य जो आपने पलंग पर सोते समय देखे हैं, वे ये हैं :
तत्पश्चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।
आनेवाले दिनों में यह होगा: प्रभु-भवन का पहाड़ पहाड़ों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा; वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा। हर राष्ट्र के लोग जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
अब, देखिए, मैं अपने भाई-बन्धुओं के पास जा रहा हूं। आइए, मैं आपको बता दूं कि ये इस्राएली लोग आपकी प्रजा के साथ आनेवाले दिनों में क्या करेंगे।’
वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”
किन्तु पुत्र को देख कर किसानों ने एक दूसरे से कहा, ‘यह तो उत्तराधिकारी है। चलो, हम इसे मार डालें और इसकी पैतृक-सम्पत्ति पर कब्जा कर लें।’
परन्तु येशु चुप रहे। तब प्रधान महापुरोहित ने येशु से कहा, “तुम्हें जीवन्त परमेश्वर की शपथ! यदि तुम मसीह हो, परमेश्वर के पुत्र हो, तो हमें बता दो।”
और देखो, स्वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
अब उसके पास केवल एक बच रहा−उसका प्रिय पुत्र। अन्त में उसने यह सोच कर उसे उनके पास भेजा कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे।
किन्तु किसानों ने आपस में कहा, ‘यह तो उत्तराधिकारी है। चलो, हम इसे मार डालें और तब इसकी पैतृक-सम्पत्ति हमारी हो जाएगी।’
शब्द संसार में था, और संसार उसके द्वारा उत्पन्न हुआ; किन्तु संसार ने उसे नहीं पहचाना।
शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण है।
उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ और जो कुछ भी उत्पन्न हुआ, वह उसके बिना उत्पन्न नहीं हुआ।
येशु यह जानते थे कि पिता ने सब कुछ उनके हाथों में दे दिया है और यह कि वह परमेश्वर के पास से आए हैं और परमेश्वर के पास जा रहे हैं।
यदि उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा हुई, तो परमेश्वर भी उसे अपने में महिमान्वित करेगा और वह शीघ्र ही उसे महिमान्वित करेगा।
अब से मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्हें बता दिया है।
जो कुछ पिता का है, वह मेरा है। इसलिये मैंने कहा कि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्हें वही बताएगा।
तूने उसे समस्त मानवजाति पर अधिकार दिया है, जिससे वह उन सब को शाश्वत जीवन प्रदान करे, जिन्हें तूने उसे सौंपा है।
“परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे।
योहन के शिष्यों का किसी यहूदी धर्मगुरु के साथ शुद्धीकरण के विषय में वाद-विवाद छिड़ गया।
क्योंकि जिस तरह पिता स्वयं में जीवन धारण किए हुए है, उसी तरह उसने पुत्र को भी स्वयं में जीवन धारण करने का अधिकार दिया है;
हम जानते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से बात की है, किन्तु उस मनुष्य के विषय हम नहीं जानते कि वह कहाँ से आया है।”
“परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपना सन्देश भेजा और येशु मसीह द्वारा, जो सब के प्रभु हैं, शान्ति का शुभसमाचार सुनाया।
परमेश्वर यह कहता है : ‘मैं अन्तिम दिनों में सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उंडेलूंगा। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्हारे नवयुवक दिव्य दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बड़े-बूढ़े स्वप्न देखेंगे।
यदि हम सन्तान हैं, तो हम विरासत के अधिकारी भी हैं—हां, परमेश्वर के उत्तराधिकारी, वरन् मसीह के सह-उत्तराधिकारी। केवल एक शर्त है कि हम मसीह के साथ दु:ख सहें, जिससे हम उनके साथ महिमान्वित भी हों।
हम परमेश्वर की उस रहस्यमय प्रज्ञ और उद्देश्य की घोषणा करते हैं, जो अब तक गुप्त रहे, जिन्हें परमेश्वर ने संसार की सृष्टि से पहले ही हमारी महिमा के लिए निश्चित किया था,
फिर भी हमारे लिए तो एक ही परमेश्वर है-वह पिता, जिससे सब कुछ उत्पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है-और एक ही प्रभु हैं, अर्थात् येशु मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्हीं के द्वारा अस्तित्व में है।
किन्तु समय पूरा हो जाने पर परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा। वह एक नारी से उत्पन्न हुए और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुए,
और सब मनुष्यों पर वह रहस्यमय प्रबन्ध प्रकट करूँ, जो युगों से समस्त विश्व के सृष्टिकर्ता परमेश्वर में गुप्त रहा है।
‘तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे मध्य से, तेरे जाति-भाइयों में से मेरे समान एक नबी को तेरे लिए उत्पन्न करेगा। तू उसकी बातें सुनना।
मैं जानता हूँ, तुम मेरी मृत्यु के पश्चात् निश्चय ही भ्रष्ट हो जाओगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उससे भटक जाओगे। आगामी दिनों में तुम पर बुराई का आक्रमण होगा। तुम वही कार्य करोगे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है। इस प्रकार तुम अपने व्यवहार से उसको चिढ़ाओगे।’
जब तुम संकटग्रस्त होगे, और आनेवाले दिनों में इन बातों की याद जो मैंने कही हैं तुम्हें आ घेरेगी, तब तुम अपने प्रभु परमेश्वर की ओर लौटोगे, और उसका स्वर सुनोगे;
क्या परमेश्वर ने कभी किसी स्वर्गदूत से यह कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है” और “मैं उसके लिए पिता बन जाऊंगा और वह मेरा पुत्र होगा”?
किन्तु पुत्र के विषय में, “हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन युग-युगों तक बना रहता है और तेरा राजदण्ड न्याय का अधिकारदण्ड है।
विश्वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्वर के शब्द द्वारा विश्व का निर्माण हुआ है और अदृश्य से दृश्य की उत्पत्ति हुई है।
तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्ति का तिरस्कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्होंने उनके सन्देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।
जब कि मसीह, परमेश्वर के घराने का अध्यक्ष बन कर, पुत्र के रूप में विश्वस्त रहे। परमेश्वर का घराना हम हैं, बशर्ते हम पूर्ण भरोसा करें और वह आशा अक्षुण्ण बनाये रखें, जिस पर हम गर्व करते हैं।
हमारे अपने एक महान् महापुरोहित हैं, अर्थात् परमेश्वर-पुत्र येशु जो ऊध्र्वलोक को पार कर चुके हैं। इसलिए हम अपने विश्वास-वचन में सुदृढ़ रहें।
व्यवस्था तो दुर्बल मनुष्यों को महापुरोहित नियुक्त करती है, किन्तु व्यवस्था के समाप्त हो जाने के बाद परमेश्वर की शपथ के अनुसार वह पुत्र महापुरोहित नियुक्त किया जाता है, जिसे सदा के लिए पूर्ण सिद्ध बना दिया गया है।
उनके न तो पिता है, न माता और न कोई वंशावली। उनके जीवन का न तो आरम्भ है और न अन्त। वह परमेश्वर के पुत्र के सदृश हैं और वह सदा पुरोहित बने रहते हैं।
यदि ऐसा होता तो संसार के प्रारम्भ से उन्हें बार-बार दु:ख भोगना पड़ता, किन्तु अब युग के अन्त में वह एक ही बार प्रकट हुए जिससे वह आत्मबलिदान द्वारा पाप को मिटा दें।
वह संसार की सृष्टि से पहले ही नियुक्त किये गये थे, किन्तु समय के अन्त में आप के लिए प्रकट हुए।
आप लोग सर्वप्रथम यह जान लें कि अन्तिम दिनों में उपहास करने वाले धर्मनिन्दक आयेंगे। वे अपनी दुर्वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे
उन्होंने आप से यह कहा है, “अन्तिम समय में उपहास करने वाले नास्तिक प्रकट होंगे, जो अपनी अधर्मपूर्ण वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे।”