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मत्ती 26:63 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

63 परन्‍तु येशु चुप रहे। तब प्रधान महापुरोहित ने येशु से कहा, “तुम्‍हें जीवन्‍त परमेश्‍वर की शपथ! यदि तुम मसीह हो, परमेश्‍वर के पुत्र हो, तो हमें बता दो।”

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पवित्र बाइबल

63 किन्तु यीशु चुप रहा। फिर महायाजक ने उससे पूछा, “मैं तुझे साक्षात परमेश्वर की शपथ देता हूँ, हमें बता क्या तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है?”

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Hindi Holy Bible

63 मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

63 परन्तु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा, “मैं तुझे जीवते परमेश्‍वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे।”

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नवीन हिंदी बाइबल

63 परंतु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा, “मैं तुझे जीवित परमेश्‍वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है तो हमें बता।”

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सरल हिन्दी बाइबल

63 येशु मौन ही रहे. तब महापुरोहित ने येशु से कहा, “मैं तुम्हें जीवित परमेश्वर की शपथ देता हूं कि तुम हमें बताओ, क्या तुम ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हो?”

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मत्ती 26:63
42 क्रॉस रेफरेंस  

राजा ने उससे कहा, ‘मैं तुम्‍हें कितनी बार शपथ दूं कि तुम मुझसे प्रभु के नाम में सच के अतिरिक्‍त कुछ मत बोला करो?’


राजा ने उससे कहा, ‘मैं तुम्‍हें कितनी बार शपथ दूं कि तुम मुझसे प्रभु के नाम में सच के अतिरिक्‍त कुछ मत बोला करो?’


मेरा प्राण परमेश्‍वर के, जीवंत परमेश्‍वर के दर्शन का प्‍यासा है। मैं कब जाऊंगा और परमेश्‍वर के मुख का दर्शन पाऊंगा?


चोर का साथी अपने प्राण का बैरी होता है; अदालत में शपथ खाने पर भी वह सच्‍चाई को प्रकट नहीं करता।


वह सताया गया, उसे पीड़ित किया गया, तोभी उसके मुंह से ‘आह’ न निकली। जैसे मेमना वध के लिए ले जाते समय चुप रहता है, जैसे भेड़ ऊन कतरने वाले के सामने शान्‍त रहती है, वैसे ही वह मौन था।


शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने राजा को उत्तर दिया, “महाराज, इस सम्‍बन्‍ध में हम उत्तर देना आवश्‍यक नहीं समझते।


‘यदि कोई व्यक्‍ति साक्षी होकर ऐसा पाप करता है कि शपथ खिलाकर पूछने पर कि “क्‍या तुमने यह देखा है,” अथवा “क्‍या तुम यह जानते हो?” वह बात को प्रकट नहीं करता है, तो उसे अपने अधर्म का भार स्‍वयं वहन करना पड़ेगा।


सिमोन पतरस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, आप जीवन्‍त परमेश्‍वर के पुत्र हैं।”


इस पर प्रधान महापुरोहित ने खड़ा हो कर येशु से कहा, “ये लोग तुम्‍हारे विरुद्ध जो गवाही दे रहे हैं, क्‍या इसका उत्तर तुम्‍हारे पास नहीं है?”


महापुरोहित और धर्मवृद्ध उन पर अभियोग लगाते रहे, परन्‍तु येशु ने कोई उत्तर नहीं दिया।


फिर भी येशु ने उत्तर में एक शब्‍द भी नहीं कहा। इस पर राज्‍यपाल को बहुत आश्‍चर्य हुआ।


यह कह रहे थे, “हे मन्‍दिर ढाने वाले और तीन दिनों में उसे फिर बना देने वाले! यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो अपने को बचा और क्रूस से उतर आ”।


यह परमेश्‍वर पर निर्भर रहा। यदि परमेश्‍वर इससे प्रसन्न है, तो अब इसे छुड़ाये; क्‍योंकि इसने कहा था, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ।’ ”


शतपति और उसके साथ येशु पर पहरा देने वाले सैनिक भूकम्‍प और इन सब घटनाओं को देख कर अत्‍यन्‍त भयभीत हो गये और बोल उठे, “निश्‍चय ही, यह परमेश्‍वर का पुत्र था।”


तब परीक्षक ने पास आकर उनसे कहा, “यदि आप परमेश्‍वर के पुत्र हैं, तो कह दीजिए कि ये पत्‍थर रोटियाँ बन जाएँ।”


परन्‍तु येशु चुप रहे। उन्‍होंने कोई उत्तर नहीं दिया। इसके बाद प्रधान महापुरोहित ने येशु से पूछा, “क्‍या तुम परमस्‍तुत्‍य के पुत्र मसीह हो?”


मैंने स्‍वयं देखा और यह मेरी साक्षी है कि यह परमेश्‍वर के पुत्र हैं।”


नतनएल ने उनसे कहा, “गुरु जी! आप परमेश्‍वर के पुत्र हैं, आप इस्राएल के राजा हैं।”


यहूदी धर्मगुरुओं ने उन्‍हें घेर लिया और कहा, “आप हमें कब तक असमंजस में रखे रहेंगे? यदि आप मसीह हैं, तो हमें स्‍पष्‍ट शब्‍दों में बता दीजिए।”


मैं और पिता एक हैं।”


तो जिसे पिता ने पवित्र ठहरा कर संसार में भेजा है, उससे तुम लोग यह कैसे कहते हो, ‘तुम ईश-निन्‍दा करते हो’; क्‍योंकि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ’?


इस पर पिलातुस ने उनसे कहा, “तो, तुम राजा हो?” येशु ने उत्तर दिया, “आप ही कह रहे हैं कि मैं राजा हूँ। मैं इसलिए जन्‍मा और इसलिए संसार में आया हूँ कि सत्‍य के विषय में साक्षी दूँ। जो सत्‍य का है, वह मेरी वाणी सुनता है।”


यहूदी धर्मगुरुओं ने उत्तर दिया, “हमारी एक व्‍यवस्‍था है और उस व्‍यवस्‍था के अनुसार यह प्राणदण्‍ड के योग्‍य है, क्‍योंकि यह स्‍वयं को परमेश्‍वर का पुत्र मानता है।”


उसने फिर राजभवन के अन्‍दर जा कर येशु से पुछा, “तुम कहाँ के हो?” किन्‍तु येशु ने उसे उत्तर नहीं दिया।


किन्‍तु इनका विवरण इसलिए दिया गया है, जिससे आप विश्‍वास करें कि येशु ही मसीह, परमेश्‍वर के पुत्र हैं और अपने इस विश्‍वास के द्वारा उनके नाम से जीवन प्राप्‍त करें।


हम विश्‍वास करते और जानते हैं कि आप परमेश्‍वर के पवित्र व्यक्‍ति हैं।”


तब लोगों ने उन से पूछा, “आप कौन हैं?” येशु ने उत्तर दिया, “वही, जो मैंने आरम्‍भ से तुम से कहा है।


क्‍योंकि सिल्‍वानुस, तिमोथी और मैंने आपके बीच जिनका प्रचार किया, उन परमेश्‍वर-पुत्र येशु मसीह में कभी ‘हां’ और कभी ‘नहीं’-जैसी बात नहीं-उन में मात्र ‘हां’ है।


जब उन्‍हें गाली दी गयी, तो उन्‍होंने उत्तर में गाली नहीं दी और जब उन्‍हें सताया गया, तो उन्‍होंने धमकी नहीं दी। उन्‍होंने अपने को उसी पर छोड़ दिया, जो न्‍यायपूर्वक विचार करता है।


शाऊल ने उस दिन उतावली में एक मन्नत मानी। उसने अपने सैनिकों को एक महाशपथ दी। उसने कहा, ‘सन्‍ध्‍या के पूर्व, तथा जब तक मैं अपने शत्रुओं से बदला न ले लूँ, उसके पहले भोजन करने वाला व्यक्‍ति अभिशप्‍त होगा।’ अत: किसी भी सैनिक ने मुँह में दाना भी नहीं डाला।


सैनिक मधु के छत्तों के पास आए। यद्यपि मधु-मक्खियाँ उड़ गई थीं तो भी किसी ने शपथ के भय के कारण अपने मुँह में मधु नहीं डाला।


एक सैनिक उससे बोला, ‘तुम्‍हारे पिता ने लोगों को कड़ी शपथ दी थी, और यह कहा था : “जो व्यक्‍ति आज भोजन करेगा, वह अभिशप्‍त होगा।” इसलिए सैनिक इतने थके-मांदे, अशक्‍त हैं।’


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