हे प्रभु, अपने सेवक और अपने निज लोग इस्राएलियों की विनती की ओर तेरी आंखें सदा खुली रहें। जब-जब वे तुझे पुकारें, तू उनकी ओर कान दे।
इफिसियों 6:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोग हर समय पवित्र आत्मा में सब प्रकार की प्रार्थना तथा निवेदन करते रहें। आप लोग जागते रहें और सब सन्तों के लिए लगन से निरन्तर प्रार्थना करते रहें। पवित्र बाइबल हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो। Hindi Holy Bible और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और विनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती किया करो, नवीन हिंदी बाइबल हर समय, प्रत्येक विनती और निवेदन सहित आत्मा में प्रार्थना करते रहो; और इसी लिए जागते रहकर पूरे धीरज के साथ सब पवित्र लोगों के लिए विनती किया करो, सरल हिन्दी बाइबल तथा आत्मा में हर समय विनती और प्रार्थना की जाती रहे. जागते हुए लगातार बिना थके प्रयास करना तुम्हारा लक्ष्य हो. सभी पवित्र लोगों के लिए निरंतर प्रार्थना किया करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और विनती करते रहो, और जागते रहो कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती किया करो, |
हे प्रभु, अपने सेवक और अपने निज लोग इस्राएलियों की विनती की ओर तेरी आंखें सदा खुली रहें। जब-जब वे तुझे पुकारें, तू उनकी ओर कान दे।
सुलेमान प्रभु की वेदी के सम्मुख घुटने टेके हुए था। उसके हाथ आकाश कि ओर फैले हुए थे। जब वह प्रभु से प्रार्थना और विनती कर चुका, तब वह उठा।
प्रभु के सम्मुख प्रस्तुत मेरी प्रार्थना और विनती के शब्द, रात-दिन हमारे प्रभु परमेश्वर के समीप उपस्थित रहें। वह हमारी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकता के अनुसार अपने सेवक और अपने निज लोग इस्राएलियों का न्याय करे;
प्रभु ने उससे कहा, ‘जो प्रार्थना तूने मुझसे की है, जो विनती तूने मेरे सम्मुख प्रस्तुत की है, उसको मैंने सुना। मैंने उस भवन को, जिसको तूने बनाया है, पवित्र कर दिया। मैंने सदा-सर्वदा के लिए वहां अपना नाम प्रतिष्ठित किया है। मेरी आंखें और मेरा हृदय सब समय उस भवन पर लगे रहेंगे।
शूशन नगर में बसनेवाले यहूदियों का विनाश करने के लिए जो आदेश-पत्र भेजा गया था, उसकी एक प्रति भी मोरदकय ने हताख को दी ताकि वह एस्तर को दिखा दे, और उसका विवरण भी उसको बता दे। मोरदकय ने हताख के माध्यम से एस्तर को आदेश दिया कि वह अपनी कौम के भाई-बन्धुओं के प्राण बचाने के लिए सम्राट के पास जाए, और उससे अनुनय-विनय करे और उसके सम्मुख निवेदन करे।
क्या वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर में सुख प्राप्त करेगा? क्या वह हर समय उसको पुकारेगा?
हे मेरे संरक्षक परमेश्वर! मेरी पुकार का मुझे उत्तर दे! जब मैं संकट में था, तब तूने मेरी सहायता की। अब मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन।
प्रभु, हम संकट-काल में तुझे ढूंढ़ते हैं। जब तू हमें ताड़ित करता है, तब हम तुझसे निरन्तर प्रार्थना करते हैं।
जब दानिएल को यह मालूम हुआ कि निषेधाज्ञा के पत्र पर सम्राट दारा का हस्ताक्षर हो गया, तब वह अपने घर गए। उनके घर की ऊपरी मंजिल के कमरे की खिड़कियां यरूशलेम नगर की दिशा में खुलती थीं। वह दिन में तीन बार घुटने टेककर परमेश्वर से प्रार्थना करते और उसको धन्यवाद दिया करते थे। आज भी उन्होंने वैसा ही किया।
“इस प्रकार मैं बोल रहा था। मैं प्रार्थना कर रहा था। मैं अपने और अपनी इस्राएली कौम के पाप को स्वीकार कर रहा था। जब मैं अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उसके पवित्र पहाड़ी नगर के लिए याचना प्रस्तुत कर रहा था;
वह दूत से लड़ा, और उससे जीता भी था। वह रोया, और उससे आशिष मांगी। परमेश्वर बेत-एल में याकूब से मिला; और वहां उसने याकूब से बात की।
मैं दाऊद के परिवार और यरूशलेम के निवासियों पर कृपा और प्रार्थना की आत्मा उण्डेलूंगा। अत: वे मुझ पर दृष्टि डालेंगे। जिस व्यक्ति को उन्होंने बेधा है उसके लिए वे विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने मृत इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है। वे रोएंगे, जैसे कोई अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु पर रोता है।
[परन्तु भूतों की यह जाति प्रार्थना तथा उपवास के सिवा किसी और उपाय से नहीं निकाली जा सकती]।”
जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो तत्पर है, परन्तु शरीर दुर्बल।”
तुम सब जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो तत्पर है, परन्तु शरीर दुर्बल।”
इसलिए सदा जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम इन सब आने वाले संकटों से बचने और मानव-पुत्र के सामने खड़े होने में समर्थ हो सको।”
येशु ने उनसे कहा, “तुम लोग क्यों सो रहे हो? उठो और प्रार्थना करो, जिससे तुम परीक्षा में न पड़ो।”
ये सब, कई स्त्रियों के साथ, येशु की माता मरियम तथा उनके भाइयों सहित, एक-चित्त होकर प्रार्थना में लगे रहे।
वह, और उसका समस्त परिवार भी, धर्मपरायण तथा ईश्वर-भक्त था। वह जनता को बहुत दान दिया करता और हर समय परमेश्वर की प्रार्थना में लगा रहता था।
जब पतरस पर इस प्रकार बन्दीगृह में पहरा बैठा हुआ था, तब कलीसिया उनके लिए आग्रह के साथ परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी।
आप लोगों को दासत्व का आत्मा नहीं मिला है, जिस से प्रेरित हो कर आप फिर डरने लगें। आप लोगों को दत्तक संतान बनने का आत्मा ही मिला है, जिस से प्रेरित हो कर हम पुकार कर कहते हैं, “अब्बा, हे पिता!”
आप लोग संतान ही हैं। इसका प्रमाण यह है कि परमेश्वर ने हमारे हृदय में अपने पुत्र का आत्मा भेजा है, जो पुकार कर यह कहता है, “अब्बा! पिता!”
मैं आप लोगों के कारण परमेश्वर को निरन्तर धन्यवाद देता और अपनी प्रार्थनाओं में आप लोगों का स्मरण करता रहता हूँ।
उन्हीं के द्वारा आप लोग भी इस भवन में जोड़े जाते हैं, जिससे आप पवित्र आत्मा में परमेश्वर के लिए एक निवास स्थान बनें।
इस तरह, आप लोग अन्य सभी सन्तों के साथ मसीह के प्रेम की चौड़ाई, लम्बाई, ऊंचाई और गहराई समझ सकेंगे।
मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं
आप मेरे लिए भी प्रार्थना करें, जिससे बोलते समय मुझे शब्द दिये जायें और मैं निर्भीकता से उस शुभ समाचार का रहस्य घोषित कर सकूँ,
किसी बात की चिन्ता न करें। हर जरूरत में प्रार्थना करें और विनय तथा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सामने अपने निवेदन प्रस्तुत करें।
हम ने येशु मसीह में आप लोगों के विश्वास और सभी सन्तों के प्रति आपके प्रेम के विषय में सुना है। इसलिए हम आप लोगों के लिए प्रार्थना करते समय परमेश्वर को- अपने प्रभु येशु मसीह के पिता को- निरन्तर धन्यवाद देते हैं।
मैं अपने पूर्वजों की तरह शुद्ध अन्त:करण से परमेश्वर की सेवा करता हूँ और उसे धन्यवाद देता हुआ निरन्तर रात-दिन तुम्हें अपनी प्राथनाओं में याद करता हूँ।
क्योंकि प्रभु येशु और सब सन्तों के प्रति तुम्हारे प्रेम तथा विश्वास की चर्चा सुनता रहता हूँ।
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
किन्तु प्रिय भाइयो और बहिनो! आप अपने परमपावन विश्वास की नींव पर अपने जीवन का निर्माण करें। पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते रहें।
हन्नाह प्रभु के सम्मुख बहुत समय से प्रार्थना कर रही थी। एली उसके ओंठों को ध्यान से देख रहा था।