परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, “देखो, मुझ-प्रभु की भक्ति करना ही बुद्धिमानी है; और बुराई से दूर रहना ही समझदारी है!” ’
इफिसियों 5:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोग नासमझ न बनें, बल्कि प्रभु की इच्छा क्या है, यह पहचानें। पवित्र बाइबल इसलिए मूर्ख मत बनो बल्कि यह जानो कि प्रभु की इच्छा क्या है। Hindi Holy Bible इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो कि प्रभु की इच्छा क्या है। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए मूर्ख न बनो, बल्कि यह समझो कि प्रभु की इच्छा क्या है। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये निर्बुद्धि नहीं परंतु प्रभु की इच्छा के ज्ञान के लिए विवेक प्राप्त करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है। |
परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, “देखो, मुझ-प्रभु की भक्ति करना ही बुद्धिमानी है; और बुराई से दूर रहना ही समझदारी है!” ’
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि का आरम्भ है; जो उसका पालन करते हैं, उनको उत्तम समझ प्राप्त होती है। प्रभु की स्तुति सदा की जाएगी!
विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है।
प्रभु ने कहा, ‘मेरे निज लोग मूर्ख हैं; वे मुझे नहीं जानते। वे नासमझ बच्चे हैं; उनमें बिल्कुल समझ नहीं है। वे दुष्कर्म करने में चतुर हैं, पर सत्कर्म कैसे करना चाहिए, यह वे नहीं जानते।’
यदि कोई उसकी इच्छा पूरी करने का संकल्प करेगा, तो वह यह जान जाएगा कि मेरी शिक्षा परमेश्वर की ओर से है अथवा मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्कि सब कुछ नयी दृष्टि से देखें और अपना स्वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्वर क्या चाहता है और उसकी दृष्टि में क्या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।
अपने आचरण का पूरा-पूरा ध्यान रखें। मूर्खों की तरह नहीं, बल्कि बुद्धिमानों की तरह चल कर।
तुम उनका पालन करना और उनके अनुसार कार्य करना, क्योंकि इनके द्वारा ही दूसरी जातियों की दृष्टि में तुम्हारी बुद्धि और समझ प्रकट होगी। जब वे इन संविधियों के विषय में सुनेंगी तब कहेंगी, “निस्सन्देह, इस महान् राष्ट्र के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।”
जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरन्तर आप लोगो के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम परमेश्वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्त प्रज्ञ तथा आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करें, जिससे आप उसकी इच्छा पूर्ण रूप से समझ सकें।
सब बातों के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दें; क्योंकि येशु मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में परमेश्वर की इच्छा यही है।
और उसे मानवीय वासनाओं के अनुसार नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छानुसार अपना शेष जीवन बिताना चाहिए।