तब उसके सम्मुख मनुष्य, जो जन्म से घृणास्पद और भ्रष्ट है, जो पाप को पानी की तरह पीता है, कितना अशुद्ध होगा!
इफिसियों 4:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे नैतिक बोध से शून्य हो कर लम्पटता के वशीभूत हो गये हैं और उन में हर प्रकार के अशुद्ध कर्म की लालसा निवास करती है। पवित्र बाइबल लज्जा की भावना उनमें से जाती रही है। और उन्होंने अपने को इन्द्रिय उपासना में लगा दिया है। बिना कोई बन्धन माने वे हर प्रकार की अपवित्रता में जुटे हैं। Hindi Holy Bible और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वे सुन्न होकर लुचपन में लग गए हैं कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें। नवीन हिंदी बाइबल वे सुन्न होकर स्वयं लुचपन में लग गए कि लालायित होकर हर प्रकार की अशुद्धता का कार्य करें। सरल हिन्दी बाइबल सुन्न होकर उन्होंने स्वयं को लोभ से भरकर सब प्रकार की कामुकता और अनैतिकता के अधीन कर दिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वे सुन्न होकर लुचपन में लग गए हैं कि सब प्रकार के गंदे काम लालसा से किया करें। |
तब उसके सम्मुख मनुष्य, जो जन्म से घृणास्पद और भ्रष्ट है, जो पाप को पानी की तरह पीता है, कितना अशुद्ध होगा!
कुत्तों की भूख शान्त नहीं होती, उनका पेट कभी नहीं भरता। चरवाहों में भी समझ नहीं है, वे अपने-अपने मार्ग पर चल रहे हैं, उन सबको केवल अपने लाभ की चिन्ता है।
परस्त्री-गमन, लोभ, विद्वेष, छल-कपट, लम्पटता, ईष्र्या, झूठी निन्दा, अहंकार और धर्महीनता−
मैं आप लोगों से यह कहता हूँ और प्रभु के नाम पर यह अनुरोध करता हूँ कि आप अब से विधर्मियों-जैसा आचरण नहीं करें, जो निस्सार बातों की चिन्ता करते हैं।
इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों को निर्जीव करें जो संसार की हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ को जो मूर्तिपूजा के सदृश है।
वे कपटी लोगों के पाखण्ड द्वारा भटकाये जायेंगे, जिनके अन्त:करण पर शैतान की मुहर लग चुकी है,
आप लोगों ने पहले सांसारिक लोगों की जीवनचर्या के अनुसार व्यभिचार, भोग-विलास, मदिरापान, रंगरलियों, मादकता और घृणित मूर्तिपूजा में जो समय बिताया, वही बहुत हुआ।
उन लोगों में सही अर्थ में यह कहावत चरितार्थ होती है, “कुत्ता अपने ही वमन के पास लौटता है” और “नहलायी हुई सूअरी फिर कीचड़ में लोटती है।”
धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।
क्योंकि सभी राष्ट्रों ने उसके व्यभिचार की तीखी मदिरा पी ली है, पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है और पृथ्वी के व्यापारी उसके अपार वैभव से धनी हो गये हैं।”