मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
इफिसियों 3:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने अपने सामर्थ्य के प्रभाव से मुझे यह कृपा प्रदान की कि मैं उस शुभसमाचार का सेवक बनूँ। पवित्र बाइबल सुसमाचार के कारण मैं उस सुसमाचार का प्रचार करने वाला एक सेवक बन गया, जो उसकी शक्ति के अनुसार परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान स्वरूप मुझे दिया गया था। Hindi Holy Bible और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना। नवीन हिंदी बाइबल जिसका मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार सेवक बना, जो उसके सामर्थ्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया। सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ्य के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो सामर्थ्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना। |
मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
प्रभु ने हनन्याह से कहा, “जाओ। वह मेरा निर्वाचित पात्र है। वह अन्यजातियों, राजाओं तथा इस्राएलियों के सम्मुख मेरे नाम का प्रचार करेगा।
उन्हीं येशु से हमें प्रेरित बनने का वरदान मिला है कि उनके नाम के निमित्त सब जातियों के लोग विश्वास की अधीनता स्वीकार करें।
उस कृपा के अधिकार से, जो मुझे प्राप्त हुई है, मैं आप लोगों में हर एक से यह कहता हूँ: अपने को औचित्य से अधिक महत्व मत दीजिए। परमेश्वर द्वारा प्रदत्त विश्वास की मात्रा के अनुरूप हर एक को अपने विषय में सन्तुलित विचार रखना चाहिए।
कि मैं, गैर-यहूदियों को लिए येशु मसीह का जन्म-सेवक बनकर, परमेश्वर के शुभ समाचार की सेवा पुरोहित के रूप में करूँ, जिससे गैर-यहूदी, पवित्र आत्मा द्वारा पवित्र किये जाने के बाद, परमेश्वर को अर्पित और सुग्राह्य हो जायें।
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
(क्योंकि जिस परमेश्वर ने पतरस को यहूदियों का प्रेरित बनाकर उनके द्वारा सेवा-कार्य किया, उसी ने मुझे गैर-यहूदियों का प्रेरित बनाकर मेरे द्वारा सेवा-कार्य किया।)
और हम-विश्वासियों के कल्याण के लिए सक्रिय रहने वाले ईश्वरीय महा-सामर्थ्य का प्रभाव कितना अपार है।
आप लोगों ने अवश्य सुना होगा कि परमेश्वर ने आप लोगों की भलाई के लिए मुझे अपने कृपामय प्रबन्ध के अनुसार सेवा-कार्य सौंपा है।
जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे हैं,
मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं
और उनसे समस्त देह को बल मिलता है। तब देह अपनी सब सन्धियों द्वारा सुसंघटित हो कर प्रत्येक अंग की समुचित सक्रियता से अपनी परिपूर्णता तक पहुंचती और प्रेम द्वारा अपना निर्माण करती है।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं उनके सामर्थ्य से, जो मुझ में प्रबल रूप से क्रियाशील है, प्रेरित हो कर कठिन परिश्रम करते हुए संघर्ष में लगा रहता हूँ।
हम इसलिए निरन्तर परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं कि जब आपने हम से परमेश्वर का सन्देश सुना और ग्रहण किया, तो आपने उसे मनुष्यों का वचन नहीं, बल्कि- जैसा कि वह वास्तव में है- परमेश्वर का वचन समझ कर स्वीकार किया और यह वचन अब आप विश्वासियों में क्रियाशील है।
आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्वर की स्तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!