वह प्रत्येक मनुष्य के हाथ को निष्क्रिय बना देता है, जिससे सब मनुष्य जिनको उसने रचा है, उसके काम को पहचान सकें।
अय्यूब 9:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह सूर्य को आदेश देता है, और सूर्य अपने स्थान से नहीं निकलता; वह तारों को मुहर लगाकर बन्द कर देता है। पवित्र बाइबल परमेश्वर सूर्य को आज्ञा दे सकता है और उसे उगने से रोक सकता हैं। वह तारों को बन्द कर सकता है ताकि वे न चमकें। Hindi Holy Bible उसकी आज्ञा बिना सूर्य उदय होता ही नहीं; और वह तारों पर मुहर लगाता है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी आज्ञा बिना सूर्य उदय होता ही नहीं; और वह तारों पर मुहर लगाता है; सरल हिन्दी बाइबल उसके आदेश पर सूर्य निष्प्रभ हो जाता है, कौन तारों पर अपनी मोहर लगा देता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसकी आज्ञा बिना सूर्य उदय होता ही नहीं; और वह तारों पर मुहर लगाता है; |
वह प्रत्येक मनुष्य के हाथ को निष्क्रिय बना देता है, जिससे सब मनुष्य जिनको उसने रचा है, उसके काम को पहचान सकें।
उस दिन आकाश में तारे और नक्षत्र प्रकाश नहीं देंगे; सूर्य उदित होते ही अन्धकार में बदल जाएगा, चन्द्रमा अपना प्रकाश नहीं देगा।
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
देखो, जो पहाड़ों को आकार देता है, और हवा को उत्पन्न करता है, जो मनुष्य के विचारों को उस पर प्रकट करता है, जो प्रकाश और अन्धकार को रचता है, और पृथ्वी के पहाड़ों पर चलता है, वह प्रभु है। उसका नाम प्रभु, स्वर्गिक सेनाओं का परमेश्वर है।
स्वामी-प्रभु यह कहता है : ‘उस दिन मैं दोपहर को सूर्यास्त कर दूंगा; दिन-दहाड़े समस्त पृथ्वी पर अंधकार छा जाएगा।
“उन दिनों के संकट के तुरन्त बाद सूर्य अन्धकारमय हो जाएगा, चन्द्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जाएँगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जाएँगी।
जिस दिन प्रभु ने इस्राएलियों को एमोरी जाति पर विजय प्रदान की, उस दिन यहोशुअ प्रभु से यों बोला। उसने इस्राएलियों के सम्मुख यह कहा : ‘ओ सूर्य, गिब्ओन के आकाश पर अचल रह; ओ चन्द्रमा, अय्यालोन की घाटी में रुक जा!’
वस्तुत: ऐसा ही हुआ! जब तक इस्राएली सेना ने अपने शत्रुओं को पराजित नहीं कर दिया तब तक सूर्य अचल रहा, और चन्द्रमा आगे नहीं बढ़ा! यह घटना ‘याशर की पुस्तक’ में लिखी हुई है। उस दिन सूर्य आकाश के मध्य ठहर गया था और वह अस्त होने के लिए पूरे दिन तक आगे नहीं बढ़ा।