‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे (ऐसा कौन मनुष्य है, जिसने कभी पाप नहीं किया?) और तू उनसे क्रुद्ध होगा, उन्हें शत्रुओं के हाथ सौंप देगा कि वे उन्हें बन्दी बनाकर दूर अथवा समीप के, अपने देश में ले जाएं;
अय्यूब 9:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मैं सचमुच यह जानता हूं कि जो तुमने कहा है, वह सच है। पर परमेश्वर के सम्मुख मनुष्य किस प्रकार धार्मिक सिद्ध हो सकता है? पवित्र बाइबल “हाँ, मैं जानता हूँ कि तू सत्य कहता है किन्तु मनुष्य परमेश्वर के सामने निर्दोष कैसे हो सकता है? Hindi Holy Bible मैं निश्चय जानता हूं, कि बात ऐसी ही है; परन्तु मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में क्योंकर धमीं ठहर सकता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मैं निश्चय जानता हूँ कि बात ऐसी ही है; परन्तु मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में कैसे धर्मी ठहर सकता है? सरल हिन्दी बाइबल “वस्तुतः मुझे यह मालूम है कि सत्य यही है. किंतु मनुष्य भला परमेश्वर की आंखों में निर्दोष कैसे हो सकता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मैं निश्चय जानता हूँ कि बात ऐसी ही है; परन्तु मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में कैसे धर्मी ठहर सकता है? |
‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे (ऐसा कौन मनुष्य है, जिसने कभी पाप नहीं किया?) और तू उनसे क्रुद्ध होगा, उन्हें शत्रुओं के हाथ सौंप देगा कि वे उन्हें बन्दी बनाकर दूर अथवा समीप के, अपने देश में ले जाएं;
हे इस्राएल के प्रभु परमेश्वर, तू निस्सन्देह न्याय करने वाला ईश्वर है। हम मुक्त हुई इस्राएली कौम के बचे हुए लोग हैं, जैसे आज भी हम जीवित रह गए हैं। यद्यपि दुष्कर्म के कारण कोई भी व्यक्ति तेरे सम्मुख खड़ा नहीं हो सकता है, तथापि, प्रभु, हम अपराधी होकर भी तेरे सामने उपस्थित हैं।’
तब क्या मनुष्य उसके सम्मुख धार्मिक सिद्ध हो सकता है? नारी से उत्पन्न मानव कदापि पवित्र नहीं हो सकता है!
उनके साथ एलीहू नामक एक युवक था। उसके पिता का नाम बारकेल था, जो बूजी वंश और राम के कुल का था। एलीहू का क्रोध अय्यूब के प्रति भड़क उठा; क्योंकि उसने अपने दु:ख के लिए परमेश्वर को दोषी और स्वयं को निर्दोष प्रमाणित किया था।
क्योंकि अय्यूब ने यह कहा है; “मैं धार्मिक हूं, परमेश्वर ने मुझे दु:ख देकर मेरे साथ अन्याय किया है।
“क्या परमेश्वर के सामने नश्वर मनुष्य धार्मिक प्रमाणित हो सकता है? क्या बलवान मनुष्य अपने बनानेवाले के सामने पवित्र सिद्ध हो सकता है?
हे प्रभु, यदि तू मेरे अधर्म पर ध्यान देगा, तो, हे स्वामी, तेरे सम्मुख कौन खड़ा रह सकेगा?
हे प्रभु, अपने सेवक के साथ न्याय में प्रवेश न कर; क्योंकि एक भी प्राणी तेरी दृष्टि में धार्मिक नहीं है।
क्योंकि व्यवस्था के कर्मकाण्ड द्वारा कोई भी मनुष्य परमेश्वर के सामने धार्मिक नहीं ठहराया जायेगा: व्यवस्था केवल पाप का ज्ञान कराती है।