राजा ने कहा, ‘सरूयाह के पुत्रो, यह मेरा और तुम्हारा काम नहीं है। उसे गाली देने दो। यदि प्रभु ने उससे यों कहा, “दाऊद को अपशब्द कह!” तो किसको यह पूछने का अधिकार है, “तूने ऐसा क्यों कहा?” ’
अय्यूब 9:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि वह किसी से कुछ छीन ले तो कौन उसको रोक सकेगा? कौन उससे उत्तर मांग सकता है? कि यह तू क्या कर रहा है? पवित्र बाइबल यदि परमेश्वर छीनने लगता है तो कोई भी उसे रोक नहीं सकता। कोई भी उससे कह नहीं सकता, ‘तू क्या कर रहा है।’ Hindi Holy Bible देखो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा? कौन उस से कह सकता है कि तू यह क्या करता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देखो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा? कौन उससे कह सकता है कि तू यह क्या करता है? सरल हिन्दी बाइबल यदि वह कुछ छीनना चाहें, कौन उन्हें रोक सकता है? किसमें उनसे यह प्रश्न करने का साहस है, ‘यह क्या कर रहे हैं आप?’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देखो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा? कौन उससे कह सकता है कि तू यह क्या करता है? |
राजा ने कहा, ‘सरूयाह के पुत्रो, यह मेरा और तुम्हारा काम नहीं है। उसे गाली देने दो। यदि प्रभु ने उससे यों कहा, “दाऊद को अपशब्द कह!” तो किसको यह पूछने का अधिकार है, “तूने ऐसा क्यों कहा?” ’
उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्य है।’
यदि परमेश्वर सामने से गुजर कर किसी को बन्दी बना ले, और न्याय के लिए अदालत में बुलाए तो उसको कौन रोक सकता है?
किन्तु वह अपनी बात का पक्का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है।
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
राजा के शब्दों में परम सत्ता होती है। राजा से कौन पूछ सकता है, ‘आप यह क्या कर रहे हैं?’
मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
धिक्कार है उसे, जो अपने रचनेवाले से तर्क करता है। क्या घड़ा अपने बनानेवाले कुम्हार से बहस कर सकता है? क्या मिट्टी अपने गढ़नेवाले कुम्हार से कह सकती है, ‘तू क्या बना रहा है?’ अथवा, ‘इसमें मुठिया तो है ही नहीं।’
‘ओ इस्राएल के वंश! जैसा इस कुम्हार ने मिट्टी के साथ किया, क्या मैं तुम्हारे साथ वैसा नहीं कर सकता हूं? मुझ-प्रभु का यह कथन है: सुन, ओ इस्राएल के वंश! जैसे मिट्टी कुम्हार के हाथ में होती है, वैसे ही तू मेरे हाथ में है।
तू मनुष्य-समाज के बीच से निकाल दिया जाएगा, और तुझको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। तू बैल के समान घास चरेगा। सात वर्ष तक तेरी यही दशा रहेगी। उसके बाद ही तुझको अनुभव होगा कि सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्य दे देता है।”
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
जो मेरा है, क्या मैं अपनी इच्छा के अनुसार उस का उपयोग नहीं कर सकता? क्या मेरा उदार होना तुम्हारी आँखों में खटकता है?’
परमेश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।