ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




अय्यूब 9:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह बड़े-बड़े कार्य करता है जिनको बुद्धि समझ नहीं पाती; वह अगणित आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

परमेश्वर ऐसे अद्भुत कर्म करता है जिन्हें मनुष्य नहीं समझ सकता। परमेश्वर के महान आश्चर्यकर्मों का कोई अन्त नहीं है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

वह तो ऐसे बड़े कर्म करता है, जिनकी थाह नहीं लगती; और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जा सकते।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वह तो ऐसे बड़े कर्म करता है, जिनकी थाह नहीं लगती; और इतने आश्‍चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जा सकते।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

कौन विलक्षण कार्य करता है? वे कार्य, जो अगम्य, आश्चर्यजनक एवं असंख्य भी हैं.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वह तो ऐसे बड़े कर्म करता है, जिनकी थाह नहीं लगती; और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जा सकते।

अध्याय देखें



अय्यूब 9:10
14 क्रॉस रेफरेंस  

सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर को कौन पा सकता है? वह अत्‍यन्‍त सामर्थी और न्‍यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्‍याचार नहीं कर सकता।


परमेश्‍वर अपनी आवाज से आश्‍चर्यपूर्ण गर्जन करता है; वह बड़े-बड़े कार्य करता है जिनको हम समझ नहीं पाते हैं’


क्‍योंकि परमेश्‍वर ही बड़े-बड़े आश्‍चर्यपूर्ण कर्म, अगणित भेदपूर्ण कार्य करता है।


अकेले ही महान आश्‍चर्य कर्म करने वाले की सराहना करो, उसकी करुणा शाश्‍वत है।


प्रभु महान् है, वह अत्‍यन्‍त स्‍तुत्‍य है; प्रभु की महानता अगम है।


मैं दिन भर अपने मुंह से तेरी धार्मिकता की, तेरे उद्धार के कार्यों की, तेरे असंख्‍य कार्यों की चर्चा करूंगा।


इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर धन्‍य है, उसने ही आश्‍चर्यपूर्ण कार्य किए हैं।


‘हे प्रभु, देवताओं में तेरे सदृश कौन है? तेरे समान पवित्रता में महाप्रतापी, स्‍तुत्‍य कार्यों में भयावह, आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों का कर्ता और कौन है?


वस्‍तुत: परमेश्‍वर ने हर एक काम का समय निश्‍चित किया है, और प्रत्‍येक काम अथवा प्रत्‍येक वस्‍तु अपने नियत समय पर ही सुन्‍दर लगती है। उसने मनुष्‍य के हृदय में अनादि-अनन्‍त काल का ज्ञान भरा है, फिर भी मनुष्‍य यह भेद जान नहीं पाता है कि परमेश्‍वर ने आदि से अन्‍त तक क्‍या कार्य किया है।


अहा! कितना अगाध है परमेश्‍वर का वैभव, बुद्धि और ज्ञान! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय! कितने रहस्‍यमय हैं उसके मार्ग!


जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्‍पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्‍पना से अत्‍यधिक परे हैं,