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अय्यूब 37:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

23 सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर को कौन पा सकता है? वह अत्‍यन्‍त सामर्थी और न्‍यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्‍याचार नहीं कर सकता।

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पवित्र बाइबल

23 सर्वशक्तिमान परमेश्वर सचमुच महान है, हम परमेश्वर को नहीं जान सकते परमेश्वर सदा ही लोगों के साथ न्याय और निष्पक्षता के साथ व्यवहार करता हैं।

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Hindi Holy Bible

23 सर्वशक्तिमान जो अति सामथीं है, और जिसका भेद हम पा नहीं सकते, वह न्याय और पूर्ण धर्म को छोड़ अत्याचार नहीं कर सकता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

23 सर्वशक्‍तिमान जो अति सामर्थी है, और जिसका भेद हम पा नहीं सकते, वह न्याय और पूर्ण धर्म को छोड़ अत्याचार नहीं कर सकता।

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सरल हिन्दी बाइबल

23 वह सर्वशक्तिमान, जिनकी उपस्थिति में प्रवेश दुर्गम है, वह सामर्थ्य में उन्‍नत हैं; यह हो ही नहीं सकता कि वह न्याय तथा अतिशय धार्मिकता का हनन करें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

23 सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो अति सामर्थी है, और जिसका भेद हम पा नहीं सकते, वह न्याय और पूर्ण धार्मिकता को छोड़ अत्याचार नहीं कर सकता।

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अय्यूब 37:23
38 क्रॉस रेफरेंस  

‘क्‍या तुम परमेश्‍वर के गूढ़ रहस्‍य का पता लगा सकते हो? क्‍या तुम सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की सीमा मालूम कर सकते हो?


परमेश्‍वर की सीमा स्‍वर्ग से ऊंची है, तुम क्‍या कर सकते हो? वह अधोलोक से अधिक गहरी है, तुम क्‍या यह समझ सकते हो?


‘परमेश्‍वर ही में बुद्धि और सामर्थ्य है; सन्‍मति और समझ उसमें है।


‘परमेश्‍वर ही प्रभुता करता, और सृष्‍टि में अपने प्रति भक्‍ति उत्‍पन्न करता है। वह अपने सर्वोच्‍च स्‍वर्ग में शान्‍ति का स्‍थापक है।


‘मित्रो, ये सब तो परमेश्‍वर के अति साधारण कार्य हैं! हम-मनुष्‍य उसके महान कार्यों की एक झलक ही देख पाते हैं; उसके महासामर्थ्य की थाह कौन पा सकता है?’


‘देखो, परमेश्‍वर महान है, और हम उसको जान नहीं पाते हैं। उसकी आयु के वर्ष अनन्‍त हैं।


मैं दूर-दूर से ज्ञान संचित करूंगा और अपने सृष्‍टा की धार्मिकता सिद्ध करूंगा।


‘देखो, परमेश्‍वर शक्‍तिशाली है, और वह किसी को तुच्‍छ नहीं समझता; उसमें समझने की शक्‍ति अपार है।


अय्‍यूब, हमें सिखाओ कि हमें परमेश्‍वर से क्‍या कहना चाहिए, क्‍योंकि अन्‍धकार के कारण हम अपने तर्क अच्‍छे ढंग से पेश नहीं कर सकते हैं।


उत्तर दिशा से सुनहरी ज्‍योति आ रही है; परमेश्‍वर भयप्रद तेज से विभूषित है।


भाई, क्‍या परमेश्‍वर न्‍याय को अन्‍याय में बदल देता है? क्‍या सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर, धर्म को अधर्म में उलट देता है?


‘यदि तुम बलवान का सामर्थ्य देखना चाहते हो, तो परमेश्‍वर को देखो! यदि न्‍याय का प्रश्‍न है तो कौन उससे मुकदमा लड़ सकता है?


परमेश्‍वर बुद्धिमान है, वह सर्वशक्‍तिमान है, किस मनुष्‍य ने हठ पूर्वक उसका विरोध किया, और सफलता प्रप्‍त की?


प्रभु महान् है, वह अत्‍यन्‍त स्‍तुत्‍य है; प्रभु की महानता अगम है।


प्रभु का क्रोध क्षण मात्र के लिए होता है; पर उसकी कृपा जीवनपर्यन्‍त बनी रहती है। रोदन संध्‍या समय आकर रात में ठहर सकता है, पर प्रभात के साथ उल्‍लास का आगमन होता है।


परमेश्‍वर ने एक बार कहा, मैं ने दो बार यह सुना कि सामर्थ्य परमेश्‍वर का ही है।


और स्‍वामी, करुणा भी तेरी ही है; क्‍योंकि तू मनुष्‍य को उसके कामों के अनुसार फल देता है।


तूने ही अपने बाहुबल से पर्वतों को स्‍थित किया है; तू पराक्रम से विभूषित है।


परमेश्‍वर से यह कहो, “तेरे कार्य कितने भयप्रद हैं। तेरे असीम बल के कारण तेरे शत्रु तेरे सन्‍मुख घुटने टेकते हैं।


प्रभु राज्‍य करता है, वह प्रताप से विभूषित है। प्रभु विभूषित है, वह शक्‍ति का कटिबन्‍ध बांधे हुए है। निश्‍चय पृथ्‍वी की नींव दृढ़ है, वह विचलित न होगी।


हे शक्‍तिमान न्‍यायप्रिय राजा, तूने ही निष्‍पक्षता की स्‍थापना की है; तूने इस्राएल में न्‍याय और धार्मिकता का व्‍यवहार किया है।


वस्‍तुत: परमेश्‍वर ने हर एक काम का समय निश्‍चित किया है, और प्रत्‍येक काम अथवा प्रत्‍येक वस्‍तु अपने नियत समय पर ही सुन्‍दर लगती है। उसने मनुष्‍य के हृदय में अनादि-अनन्‍त काल का ज्ञान भरा है, फिर भी मनुष्‍य यह भेद जान नहीं पाता है कि परमेश्‍वर ने आदि से अन्‍त तक क्‍या कार्य किया है।


जो तत्‍व है, वह बहुत दूर है, गहरा है, और अत्‍यन्‍त गहरा है। उसका भेद कौन पा सकता है?


अपनी बात कहो, प्रमाण को सामने लाओ, तुम आपस में विचार-विमर्श करो। किसने प्राचीनकाल से ये बातें बताई थीं? किसने बहुत पहले से ये घटनाएँ प्रकट की थीं? मैंने, मैं-प्रभु ने ही ये बातें तुम पर प्रकट की थीं। मेरे अतिरिक्‍त अन्‍य ईश्‍वर नहीं है। मुझे छोड़ दूसरा धार्मिक और उद्धारकर्ता ईश्‍वर नहीं है।’


‘सुनो, मैं स्‍वामी-प्रभु यह कहता हूँ: क्‍या मैं दुर्जन की मृत्‍यु से प्रसन्न होता हूं? नहीं, जब कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता और जीवित रहता है, तब मुझे प्रसन्नता होती है।


मैं किसी भी दुर्जन की मृत्‍यु से प्रसन्न नहीं होता। इसलिए तुम अपना दुराचरण छोड़कर मेरी ओर लौटो, और सदा जीवित रहो।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्‍वयं स्‍वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्‍ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्‍यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्‍तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्‍यों मरना चाहते हो?”


और हमें परीक्षा में न डाल, बल्‍कि बुराई से हमें बचा। [क्‍योंकि राज्‍य, सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे हैं। आमेन।]


मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, पर केवल पिता; और न कोई जानता है कि पिता कौन है, पर केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रकट करना चाहे।”


अहा! कितना अगाध है परमेश्‍वर का वैभव, बुद्धि और ज्ञान! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय! कितने रहस्‍यमय हैं उसके मार्ग!


जो अमरता का एकमात्र स्रोत है, जो अगम्‍य ज्‍योति में निवास करता है, जिसे न तो किसी मनुष्‍य ने कभी देखा है और न कोई देख सकता है। उसे सम्‍मान प्राप्‍त हो तथा उसका सामर्थ्य युगानुयुग बना रहे! आमेन!


वे तो अपनी-अपनी समझ के अनुसार इस अल्‍पकालिक जीवन के लिए हमें तैयार करने के उद्देश्‍य से ताड़ित करते थे। परन्‍तु परमेश्‍वर हमारे कल्‍याण के लिए ऐसा करता है, क्‍योंकि वह हमें अपनी पवित्रता का भागीदार बनाना चाहता है।


हमारे पर का पालन करें:

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