मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
अय्यूब 4:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सुनो, तुमने बहुत लोगों को धर्म की बातें सिखाईं, और कमजोर हाथों को मजबूत बनाया। पवित्र बाइबल हे अय्यूब, तूने बहुत से लोगों को शिक्षा दी और दुर्बल हाथों को तूने शक्ति दी। Hindi Holy Bible सुन, तू ने बहुतों को शिक्षा दी है, और निर्बल लोगों को बलवन्त किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सुन, तू ने बहुतों को शिक्षा दी है, और निर्बल लोगों को बलवन्त किया है। सरल हिन्दी बाइबल यह सत्य है कि तुमने अनेकों को चेताया है, तुमने अनेकों को प्रोत्साहित किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सुन, तूने बहुतों को शिक्षा दी है, और निर्बल लोगों को बलवन्त किया है। |
मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
उन्होंने सात दिन तक बेखमीर रोटी का पर्व आनन्द-उल्लास से मनाया; क्योंकि प्रभु ने उन्हें आनंदित किया था, और असीरिया के सम्राट का हृदय उनकी ओर उन्मुख किया था। असीरिया के सम्राट ने इस्राएली कौम के परमेश्वर के भवन के निर्माण में उनकी सहायता की थी।
मैं अपनी थोथी बातों से तुम्हें बल प्रदान करता, मेरी बनावटी सांत्वना तुम्हारे दर्द को कम करती!
जो व्यक्ति मेरा बात सुनता, वह मुझे धन्य कहता था; जो मनुष्य मुझे देखता, वह मेरा समर्थन करता था।
मैं गरीबों के लिए उनका पिता था; मैं अपरिचितों के मुकदमे की भी जांच- पड़ताल करता और उनकी सहायता करता था।
‘तब लोग मेरी बात ध्यान से सुनते, और मेरी प्रतीक्षा करते थे, मेरा परामर्श जानने के लिए चुपचाप बैठे रहते थे।
तुम्हारे शब्दों ने गिरते हुए मनुष्य को सम्भाला, और कांपते हुए घुटनों को स्थिर किया।
धार्मिक मनुष्य के शब्दों से अनेक लोगों का भला होता है; पर मूर्ख मनुष्य समझ के अभाव में मर जाता है।
बुद्धिमान अपनी वाणी से ज्ञान का प्रसार करता है; पर मूर्ख का मस्तिष्क ऐसा नहीं कर पाता।
जिसके मस्तिष्क में बुद्धि का निवास है, वह समझदार कहलाता है; मधुर वचन बोलने से मनुष्य अपनी विद्या में वृद्धि करता है।
स्वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।
‘मैंने धार्मिक व्यक्ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता।
परन्तु सिमोन, मैंने तुम्हारे लिए प्रार्थना की है, जिससे तुम्हारा विश्वास नष्ट न हो। समय आने पर जब तुम फिरो, तब अपने भाइयों को भी संभालना।”
आपके मुख से कोई अश्लील बात नहीं, बल्कि ऐसे शब्द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्याण में सहायक हों।
किन्तु तू यहोशुअ को आदेश दे, उसको प्रोत्साहन दे, उसको शक्तिशाली बना; क्योंकि वही इन लोगों के आगे-आगे उस पार जाएगा, और उसके कारण ही ये उस देश को अपने पैतृक अधिकार में करेंगे, जिसका तू केवल दर्शन करेगा।”