‘जो हृदय से अधर्मी होते हैं, वे अपने मन में क्रोध को पालते हैं। जब परमेश्वर उनको जंजीर में जकड़ता है, तब वे दुहाई भी नहीं देते।
अय्यूब 38:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिन्हें मैंने संकट-काल के लिए, युद्ध और लड़ाई के दिनों के लिए सुरक्षित रखा है? पवित्र बाइबल मैं हिम और ओलों को विपदा के काल और युद्ध लड़ाई के समय के लिये बचाये रखता हूँ। Hindi Holy Bible जिस को मैं ने संकट के समय और युद्ध और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिसको मैं ने संकट के समय और युद्ध और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है? सरल हिन्दी बाइबल उन ओलों को जिन्हें मैंने पीड़ा के समय के लिए रखा हुआ है युद्ध तथा संघर्ष के दिनों के लिए? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिसको मैंने संकट के समय और युद्ध और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है? |
‘जो हृदय से अधर्मी होते हैं, वे अपने मन में क्रोध को पालते हैं। जब परमेश्वर उनको जंजीर में जकड़ता है, तब वे दुहाई भी नहीं देते।
कौमों का न्याय वह इन्हीं के द्वारा करता है; वह प्रचुर मात्रा में लोगों को भोजन देता है।
‘क्या तू कभी हिम के भण्डर-गृहों में गया है? क्या तूने कभी ओलों के भण्डारों को देखा है,
जिस स्थान से प्रकाश फैलाया जाता है, जहाँ से पूर्वी वायु पृथ्वी पर बहायी जाती है, वहाँ जानेवाला मार्ग कहाँ है? क्या तू उसको जानता है?
अतएव देख, कल इसी समय मैं भारी ओलों की ऐसी भयंकर वर्षा करूंगा, जैसी मिस्र देश की स्थापना के दिन से अब तक नहीं हुई है।
ओलों की वर्षा होती रही। विद्युत् निरन्तर ओलों के मध्य चमकती रही। जब से मिस्र राष्ट्र बना तब से ओलों की ऐसी भीषण वर्षा समस्त देश में कभी नहीं हुई थी।
उस दिन प्रभु अपने भक्तों को अपनी तेजस्वी वाणी सुनाएगा और पृथ्वी की ओर नीचे आती हुई अपनी शक्तिशाली भुजा के दर्शन कराएगा। वह प्रचण्ड क्रोध, भस्मकारी ज्वाला, मेघों की गड़गड़ाहट, तूफान और ओलों की वर्षा में यह कार्य करेगा।
पानी बरसा, नदियों में बाढ़ आयी, आँधियाँ चलीं और उस घर से टकरायीं। वह घर ढह गया और उसका सर्वनाश हो गया।”
जब एमोरी सैनिक इस्राएलियों के सम्मुख से अजेकाह की ओर भागते हुए बेतहोरोन की ढाल पर पहुंचे, तब प्रभु ने आकाश से बड़े-बड़े ओले उन पर बरसाए और वे मर गए। जितनी संख्या में इस्राएलियों ने तलवार से उन का वध किया था, उससे अधिक संख्या में वे ओलों से मर गए!
आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी।