वह हिम से कहता है, “पृथ्वी पर बरसो।” इसी प्रकार वह वर्षा और फुहार को भी पृथ्वी पर बरसने का आदेश देता है।
अय्यूब 38:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘क्या तू कभी हिम के भण्डर-गृहों में गया है? क्या तूने कभी ओलों के भण्डारों को देखा है, पवित्र बाइबल “अय्यूब, क्या तू कभी उन कोठियारों में गया हैं? जहाँ मैं हिम और ओलों को रखा करता हूँ? Hindi Holy Bible फिर क्या तू कभी हिम के भणडार में पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने देखा है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर क्या तू कभी हिम के भण्डार में पैठा, या कभी ओलों के भण्डार को तू ने देखा है, सरल हिन्दी बाइबल “क्या तुमने कभी हिम के भंडार में प्रवेश किया है, अथवा क्या तुमने कभी हिम के भण्डारगृह देखे हैं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर क्या तू कभी हिम के भण्डार में पैठा, या कभी ओलों के भण्डार को तूने देखा है, |
वह हिम से कहता है, “पृथ्वी पर बरसो।” इसी प्रकार वह वर्षा और फुहार को भी पृथ्वी पर बरसने का आदेश देता है।
वह पृथ्वी के छोर से बादल उठाता है, वह वर्षा के लिए विद्युत चमकाता है, वह अपने स्वर्गिक भण्डार-गृहों से पवन बहाता है।
प्रभु ने समुद्र के जल को मानो पात्र में एकत्र किया है; उसने अतल सागरों को भण्डार में रखा है।
अतएव देख, कल इसी समय मैं भारी ओलों की ऐसी भयंकर वर्षा करूंगा, जैसी मिस्र देश की स्थापना के दिन से अब तक नहीं हुई है।
उस दिन प्रभु अपने भक्तों को अपनी तेजस्वी वाणी सुनाएगा और पृथ्वी की ओर नीचे आती हुई अपनी शक्तिशाली भुजा के दर्शन कराएगा। वह प्रचण्ड क्रोध, भस्मकारी ज्वाला, मेघों की गड़गड़ाहट, तूफान और ओलों की वर्षा में यह कार्य करेगा।
‘ओ मानव, लीपा-पोती करनेवाले झूठे नबियों से कह कि दीवार ढह जाएगी; क्योंकि शीघ्र ही मूसलाधार वर्षा होगी। बड़े-बड़े ओले गिरेंगे और प्रचण्ड आंधी बहेगी।
इसलिए स्वामी-प्रभु यों कहता है : मैं क्रोध से प्रचण्ड आंधी बहाऊंगा। मेरे प्रकोप के कारण मूसलाधार वर्षा होगी। मैं गुस्से में बड़े-बड़े ओले गिराऊंगा, और उसको नष्ट कर दूंगा।
जब एमोरी सैनिक इस्राएलियों के सम्मुख से अजेकाह की ओर भागते हुए बेतहोरोन की ढाल पर पहुंचे, तब प्रभु ने आकाश से बड़े-बड़े ओले उन पर बरसाए और वे मर गए। जितनी संख्या में इस्राएलियों ने तलवार से उन का वध किया था, उससे अधिक संख्या में वे ओलों से मर गए!
आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी।