यूसुफ ने ज्येष्ठ पुत्र का नाम ‘मनश्शे’ रखा; क्योंकि वह कहता था ‘परमेश्वर ने मुझे मेरे सब कष्ट और पिता का समस्त परिवार भुला दिया है।’
अय्यूब 11:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम अपने दु:ख-तकलीफ को भूल जाओगे, जैसे पानी बहकर गुजर जाता है वैसे दु:ख की स्मृति भी बीत जाएगी। पवित्र बाइबल अय्यूब, तब तू अपनी विपदा को भूल पायेगा। तू अपने दुखड़ो को बस उस पानी सा याद करेगा जो तेरे पास से बह कर चला गया। Hindi Holy Bible तब तू अपना दु:ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब तू अपना दु:ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि तुम्हें अपने कष्टों का स्मरण रहेगा, जैसे वह जल जो बह चुका है वैसी ही होगी तुम्हारी स्मृति. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब तू अपना दुःख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो। |
यूसुफ ने ज्येष्ठ पुत्र का नाम ‘मनश्शे’ रखा; क्योंकि वह कहता था ‘परमेश्वर ने मुझे मेरे सब कष्ट और पिता का समस्त परिवार भुला दिया है।’
मैं तुम्हारे साथ यह विधान स्थापित करता हूं कि फिर कभी जल-प्रलय से प्राणी नष्ट न होंगे। पृथ्वी का विनाश करने के लिए फिर कभी जल-प्रलय न होगा।’
तुम्हारा प्रकाश अन्धकार में बदल गया है; अत: तुम्हें दिखाई नहीं देता; तुम विनाश की बाढ़ में डूब रहे हो!
मेरे भाई-बन्धु छिछली नदी के समान विश्वासघाती हैं, वे बरसाती नदी के समान हैं जो ग्रीष्म ऋतु में सूख जाती है;
परमेश्वर उसे उसके हृदय के उल्लास में ही डुबाए रखता है: इसलिए वह इस बात को बहुत याद नहीं कर पाएगा कि उसका जीवन थोड़े दिन का ही है।
मत डर; क्योंकि अब तू लज्जित न होगी। मत घबरा; क्योंकि अब तू अपमानित न होगी। जो अपमान तूने जवानी में सहा था, उसे तू भूल जाएगी। अपने विधवापन का कलंक तुझे याद न रहेगा।
‘मेरे लिए यह वैसा है जैसा नूह के समय में था: मैंने शपथ ली थी कि जल-प्रलय से पृथ्वी पुन: न डूबेगी। वैसी ही शपथ अब मैं पुन: ले रहा हूं : मैं तुझसे नाराज न होऊंगा, मैं तुझे फिर न डांटूंगा।
जो व्यक्ति देश में आशिष की याचना करेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से आशिष को प्राप्त करेगा। जो देश में शपथ लेगा, वह सत्य परमेश्वर के नाम से शपथ लेगा; क्योंकि अतीत के कष्ट भुला दिये गये हैं; वे मेरी आंखों से ओझल हो गये हैं।
प्रसव निकट आने पर गर्भवती स्त्री को दु:ख होता है, क्योंकि उसका समय आ गया है; किन्तु शिशु को जन्म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्योंकि उसे आनन्द होता है कि संसार में एक मनुष्य का जन्म हुआ है।