और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
अय्यूब 10:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मैं अपने जीवन से तंग आ गया हूँ। मैं निस्संकोच अपनी शिकायत पेश करूंगा। मैं अपने प्राण की पीड़ा व्यक्त करूंगा। पवित्र बाइबल “किन्तु हाय, अब मैं वैसा नहीं कर सकता। मुझ को स्वयं अपने जीवन से घृणा हैं अत: मैं मुक्त भाव से अपना दुखड़ा रोऊँगा। मेरे मन में कड़वाहट भरी है अत: मैं अबबोलूँगा। Hindi Holy Bible मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुड़कुड़ाऊंगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुड़कुड़ाऊँगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूँगा। सरल हिन्दी बाइबल “अपने जीवन से मुझे घृणा है; मैं खुलकर अपनी शिकायत प्रस्तुत करूंगा. मेरे शब्दों का मूल है मेरी आत्मा की कड़वाहट. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुड़कुड़ाऊँगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूँगा। |
और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
हे प्रभु, काश! तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता; और तब तक मुझे छिपाए रखता, जब तक तेरा क्रोध शान्त न हो जाता। भला होता कि तू मेरे लिए निश्चित समय निर्धारित करता, और मेरी सुधि लेता!
तुम शब्दों की बाजीगरी दिखाते हो, तुम सोचते हो कि केवल तुम्हारे शब्द ही सच हैं, और उसके शब्द मात्र हवा हैं, जो निराशा में डूबा है।
‘अत: मैं अपना मुंह बन्द नहीं रखूंगा; मैं अपनी आत्मा की वेदना के कारण बोलूंगा; मैं अपने प्राण की कटुता के कारण, हे परमेश्वर, तुझसे शिकायत करूंगा! क्या मैं समुद्री राक्षस हूं कि तू मुझे पहरे में रखता है, जिससे मैं बन्धन-मुक्त न होऊं?
मुझे अपने जीवन से घृणा है; मैं चिरकाल तक जीवित रहना नहीं चाहता। मुझे अकेला छोड़ दे; क्योंकि मेरा जीवन हवा का झोंका है।
यद्यपि मैं हर दृष्टि से सिद्ध हूं, तो भी मुझे अपनी परवाह नहीं, मैं अपने जीवन से घृणा करता हूं।
मैं क्या कह सकता हूं? उसी ने मुझ से जैसा कहा था वैसा ही मेरे साथ किया है! मेरे प्राण की कड़ुआहट के कारण मेरी आंखों की नींद उड़ गई।
कडुआहट भोगने में ही मेरा कल्याण छिपा था; तूने मेरे जीवन को विनाश के गड्ढे में गिरने से रोका। तूने मेरे सब पाप अपनी पीठ के पीछे फेंक दिए!
इसलिए अब मैं तुझसे यह विनती करता हूं: हे प्रभु, तू मेरा प्राण मुझसे ले ले। मेरे लिए जीवित रहने की अपेक्षा मरना अच्छा है।’
जब सूरज निकला तब परमेश्वर ने पूर्व दिशा से गरम हवा बहाई। योना के सिर पर सूरज की किरणें पड़ीं और वह बेहोश हो गया। योना मृत्यु की इच्छा करने लगा। उसने कहा, ‘मेरे लिए जीवित रहने की अपेक्षा मरना अच्छा है।’
यदि तू मुझसे ऐसा व्यवहार करेगा, तो मुझपर कृपा कर, और अविलम्ब मेरा वध कर दे जिससे मुझे अपनी दुर्दशा अपनी आंखों से देखनी न पड़े।’