मैंने इस्राएलियों को आज्ञाएं दी थीं, अपने सेवक मूसा के द्वारा उनको व्यवस्था प्रदान की थी। मैंने कहा था : यदि वे उनके अनुसार कार्य करने को तत्पर रहेंगे तो मैं उनके पूर्वजों की भूमि से उनके पैर नहीं उखाड़ूंगा, और उनको भटकने नहीं दूंगा।’
2 शमूएल 7:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्थान निर्धारित करूँगा। मैं उन्हें वहाँ बसाऊंगा जिससे वे अपने स्थान में निवास करेंगे, और उन्हें फिर नहीं सताया जाएगा। दुर्जन उन्हें फिर दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे पहले करते थे, पवित्र बाइबल और मैं अपने लोग इस्राएलियों के लिये एक स्थान चुनूँगा। मैं इस्राएलियों को इस प्रकार जमाऊँगा कि वे अपनी भूमि पर रह सकें। तब वे फिर कभी हटाये नहीं जा सकेंगे। अतीत में मैंने अपने इस्राएल के लोगों को मार्गदर्शन के लिये न्यायाधीशों को भेजा था और पापी व्यक्तियों ने उन्हें परेशान किया। अब वैसा नहीं होगा। मैं तुम्हें तुम्हारे सभी शत्रुओं से शान्ति दूँगा। मैं तुमसे यह भी कहता हूँ कि मैं तुम्हारे परिवार को राजाओं का परिवार बनाऊँगा। Hindi Holy Bible और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊंगा, और उसको स्थिर करूंगा, कि वह अपने ही स्थान में बसी रहेगी, और कभी चलायमान न होगी; और कुटिल लोग उसे फिर दु:ख न देने पाएंगे, जैसे कि पहिले दिनों में करते थे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊँगा, और उसको स्थिर करूँगा, कि वह अपने ही स्थान में बसी रहेगी, और कभी चलायमान न होगी; और कुटिल लोग उसे फिर दु:ख न देने पाएँगे, जैसा कि वे पहले करते थे, सरल हिन्दी बाइबल अपनी प्रजा इस्राएल के लिए मैं एक जगह तय करूंगा, मैं उन्हें वहां बसाऊंगा कि वे वहां अपने ही घरों में रह सकें, और उन्हें वहां से चलाया न जाए, और कोई भी दुष्ट व्यक्ति उन्हें पहले के समान परेशान न करे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊँगा, और उसको स्थिर करूँगा, कि वह अपने ही स्थान में बसी रहेगी, और कभी चलायमान न होगी; और कुटिल लोग उसे फिर दुःख न देने पाएँगे, जैसे कि पहले करते थे, |
मैंने इस्राएलियों को आज्ञाएं दी थीं, अपने सेवक मूसा के द्वारा उनको व्यवस्था प्रदान की थी। मैंने कहा था : यदि वे उनके अनुसार कार्य करने को तत्पर रहेंगे तो मैं उनके पूर्वजों की भूमि से उनके पैर नहीं उखाड़ूंगा, और उनको भटकने नहीं दूंगा।’
मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्थान निर्धारित करूंगा। मैं उन्हें वहां बसाऊंगा जिससे वे अपने स्थान में निवास करेंगे और उन्हें फिर नहीं सताया जाएगा। कुटिल व्यक्ति फिर उन्हें दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे उन दिनों में करते थे,
मैंने इस्राएल को आज्ञाएँ दी थीं और अपने सेवक मूसा के द्वारा उनको समस्त व्यवस्था, संविधियां तथा न्याय-सिद्धान्त दिये थे। मैंने कहा था : यदि वे उनके अनुसार कार्य करने को तत्पर रहेंगे तो मैं उस भूमि से उनके पैर नहीं उखाड़ूंगा और उनको भटकने नहीं दूंगा, जो मैंने उनके पूर्वजों को दी थी।’
तूने राष्ट्रों को अपने हाथ से उखाड़ा, पर हमारे पूर्वजों को स्थापित किया था; और उनको विकसित करने के लिए तूने अन्य जातियों का दमन किया था।
फरओ ने अपनी समस्त प्रजा को आदेश दिया, ‘तुम इब्रानियों से उत्पन्न सब लड़कों को नील नदी में फेंक देना, किन्तु लड़कियों को जीवित रहने देना।’
‘हे प्रभु, तू अपने उस पर्वत पर, अपने उस स्थान पर, जिसे तूने अपने निवास-स्थान के लिए बनाया है, उन्हें पहुँचाएगा। हे प्रभु, अपने पवित्र स्थान पर, जिसे तेरे हाथों ने स्थापित किया है, तू उन्हें रोपेगा।
उसने भूमि को खोदा, उसके पत्थर-कंकड़ बीने, और उसमें उत्तम जाति की अंगूर-बेल लगाई। उसने अंगूर-उद्यान के मध्य एक मचान बनाया, और वहाँ अंगूर-रस के लिए कुण्ड खोदा। उसने आशा की, कि अंगूर-उद्यान में उसे मीठे अंगूर मिलेंगे, पर उसमें केवल खट्टे अंगूर लगे!
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
‘यदि मैं कभी किसी राष्ट्र या राज्य के सम्बन्ध में यह घोषित करता हूं कि मैं उसको रोपूंगा, और उसकी जड़ें मजबूत करूंगा;
तो भी मैं उनका भला करने के उद्देश्य से उन पर दृष्टि करूंगा, और उन को फिर इस देश में वापस लाऊंगा। मैं उन को पुन: स्थापित करूंगा, और फिर कभी उन को ध्वस्त नहीं करूंगा। मैं उनको पुन: बोऊंगा, और उनको जड़-मूल से नहीं उखाड़ूंगा।
‘इस्राएल राष्ट्र के चारों ओर बसनेवाली कौमें उसके लिए मानो चुभनेवला कांटा थीं, बेधनेवाला शूल थीं। इस्राएलियों के ये पड़ोसी उनके साथ बुरा व्यवहार करते थे। किन्तु अब वे ऐसा नहीं करेंगे। तब इस्राएलियों को ज्ञात होगा कि मैं ही स्वामी-प्रभु हूं।
तब मैं उस दिन इस्राएली राष्ट्र की ओर से वन-पशुओं, आकाश के पक्षियों और भूमि पर रेंगनेवाले जीव-जंतुओं से सन्धि स्थापित करूंगा। मैं पृथ्वी पर से युद्ध के शस्त्र, तलवार और धनुष − तोड़ दूंगा। मैं तुझे सुख-चैन की नींद प्रदान करूंगा।
मैं उनके देश में उन्हें पुन: रोपूंगा। जो देश मैंने उन्हें दिया है, उन्हें वहां से फिर कभी नहीं उखाड़ूंगा’ तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने यह कहा है।
वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।”
उसके पास लोहे के नौ सौ रथ थे। उसने बीस वर्ष तक निर्दयतापूर्वक इस्राएलियों पर अत्याचार किया। तब इस्राएलियों ने प्रभु की दुहाई दी।
तब छापामार सैनिकों के तीन दल पलिश्ती पड़ाव से बाहर निकले। एक दल शूअल देश की ओर मुड़ा और उसने ओफ्राह नगर का मार्ग पकड़ा।