2 शमूएल 22:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मैंने संकट में प्रभु को पुकारा; मैंने अपने परमेश्वर की दुहाई दी। उसने अपने मन्दिर से मेरी वाणी सुनी; मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची। पवित्र बाइबल मैं विपत्ति में था, किन्तु मैंने यहोवा को पुकारा। हाँ, मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा वह अपने उपासना गृह में था, उसने मेरी पुकार सुनी, मेरी सहायता की पुकार उसके कानों में पड़ी। Hindi Holy Bible अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। और उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुंची। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुँची। सरल हिन्दी बाइबल “अपनी वेदना में मैंने याहवेह की दोहाई दी; मैंने अपने ही परमेश्वर को पुकारा. अपने मंदिर में उन्होंने मेरी आवाज सुन ली, उनके कानों में मेरा रोना जा पड़ा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपने संकट में मैंने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची। |
मैंने संकट में प्रभु को पुकारा, मैंने अपने परमेश्वर की दुहाई दी। उसने अपने मंदिर से मेरी वाणी सुनी, मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची।
मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।
इस पीड़ित व्यक्ति ने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उसकी प्रार्थना सुनी; प्रभु ने उसके सब संकटों से उसको बचाया।
प्रभु ने कहा, ‘मैंने निश्चय ही अपनी प्रजा की, जो मिस्र देश में है, दु:ख-पीड़ा देखी है। उनसे बेगार कराने वालों के कारण उत्पन्न उनकी दुहाई सुनी है। मैं उनके दु:ख को जानता हूं।
तब मैंने यह सोचा: मैं प्रभु के सम्मुख से निकाल दिया गया हूँ। अब मैं कैसे प्रभु के पवित्र मन्दिर के दर्शन कर सकूंगा?
जब मेरे प्राण मूर्छित थे, मैंने प्रभु को स्मरण किया। प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ तक, तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंची।
येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
मजदूरों ने तुम्हारे खेतों की फसल लुनी और तुमने उन्हें मजदूरी नहीं दी। वह मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है।