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2 शमूएल 22:7 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

7 अपने संकट में मैंने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची।

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पवित्र बाइबल

7 मैं विपत्ति में था, किन्तु मैंने यहोवा को पुकारा। हाँ, मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा वह अपने उपासना गृह में था, उसने मेरी पुकार सुनी, मेरी सहायता की पुकार उसके कानों में पड़ी।

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Hindi Holy Bible

7 अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। और उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुंची।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 ‘मैंने संकट में प्रभु को पुकारा; मैंने अपने परमेश्‍वर की दुहाई दी। उसने अपने मन्‍दिर से मेरी वाणी सुनी; मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्‍वर के सम्मुख चिल्‍लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुँची।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 “अपनी वेदना में मैंने याहवेह की दोहाई दी; मैंने अपने ही परमेश्वर को पुकारा. अपने मंदिर में उन्होंने मेरी आवाज सुन ली, उनके कानों में मेरा रोना जा पड़ा.

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2 शमूएल 22:7
16 क्रॉस रेफरेंस  

अपने संकट में मैंने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैंने अपने परमेश्वर की दुहाई दी। और उसने अपने मन्दिर में से मेरी वाणी सुनी। और मेरी दुहाई उसके पास पहुँचकर उसके कानों में पड़ी।


तब मैंने यहोवा से प्रार्थना की, “हे यहोवा, विनती सुनकर मेरे प्राण को बचा ले!”


जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैंने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन् तेरे पवित्र मन्दिर में पहुँच गई।


संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।


फिर यहोवा ने कहा, “मैंने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दुःख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैंने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैंने चित्त लगाया है;


परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके सामने शान्त रहे।


इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।


एक वर मैंने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। (भज. 6:8, भज. 23:6, फिलि. 3:13)


देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उनकी मजदूरी जो तुम ने उन्हें नहीं दी; चिल्ला रही है, और लवनेवालों की दुहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गई है। (लैव्य. 19:13)


यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे शब्द से पुकार पुकारकर, और आँसू बहा-बहाकर उससे जो उसको मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएँ और विनती की और भक्ति के कारण उसकी सुनी गई।


तब मैंने कहा, ‘मैं तेरे सामने से निकाल दिया गया हूँ; कैसे मैं तेरे पवित्र मन्दिर की ओर फिर ताकूँगा?’


और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी-बड़ी बूँदों के समान भूमि पर गिर रहा था।


तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया;


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