एमोरी जाति के लोगों ने मनश्शे से पहले जो घृणित कर्म किये थे, उनसे अधिक मनश्शे ने किये। उसने अपनी मूर्तियों के द्वारा यहूदा प्रदेश से पाप कराया।
2 राजाओं 24:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इनके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी। प्रभु ने उसको क्षमा नहीं किया था। पवित्र बाइबल यहोवा ने यह इसलिये किया कि मनश्शे ने बहुत से निरपराध व्यक्तियों को मार डाला। मनश्शे ने उनके खून से यरूशलेम को भर दिया था और यहोवा उन पापों को क्षमा नहीं कर सकता था। Hindi Holy Bible और निर्दोषों के उस खून के कारण जो उसने किया था; क्योंकि उसने यरूशलेम को निर्दोषों के खून से भर दिया था, जिस को यहोवा ने क्षमा करना न चाहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और निर्दोषों के उस खून के कारण जो उसने किया था; क्योंकि उसने यरूशलेम को निर्दोषों के खून से भर दिया था, जिसको यहोवा ने क्षमा करना न चाहा। सरल हिन्दी बाइबल साथ ही उसके द्वारा बहाए गए निर्दोषों के लहू के कारण; क्योंकि मनश्शेह ने येरूशलेम को निर्दोषों के लहू से भर दिया था, जिसे याहवेह ने क्षमा नहीं किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और निर्दोष के उस खून के कारण जो उसने किया था; क्योंकि उसने यरूशलेम को निर्दोषों के खून से भर दिया था, जिसको यहोवा ने क्षमा करना न चाहा। |
एमोरी जाति के लोगों ने मनश्शे से पहले जो घृणित कर्म किये थे, उनसे अधिक मनश्शे ने किये। उसने अपनी मूर्तियों के द्वारा यहूदा प्रदेश से पाप कराया।
मनश्शे ने यहूदा प्रदेश से पाप-कर्म कराए थे। उसने वे काम किये थे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरे हैं। इसके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी!
राजा मनश्शे ने अपने उकसाने वाले कार्यों से प्रभु को चिढ़ाया था। इसलिए उस की क्रोधाग्नि यहूदा प्रदेश के प्रति भड़क उठी थी। प्रभु की यह महाक्रोधाग्नि राजा योशियाह के धार्मिक सुधारों के बावजूद नहीं बुझी।
यहोयाकीम के शेष कार्यों का विवरण, उसके सब कार्यों का विवरण, ‘यहूदा प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है।
उन्होंने निर्दोष रक्त बहाया, अपने ही पुत्र-पुत्रियों का रक्त, जिन्हें कनान की मूर्तियों पर उन्होंने चढ़ाया; धरती रक्त से अपवित्र हो गई।
यहूदा प्रदेश के राजा मनश्शे बेन-हिजकियाह ने जो घृणित कार्य यरूशलेम नगर में किया था, उसके कारण मैं इन लोगों को ऐसा दण्ड दूंगा कि विश्व के सब राज्य इनको देख कर आतंकित हो जाएंगे।
क्योंकि तुम लोगों ने मुझ-प्रभु की आराधना त्याग कर इस स्थान में अन्य देवी-देवताओं को सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए हैं, और यों मेरे निवास-स्थान को अपवित्र कर दिया है। इन देवी-देवताओं की उपस्थिति का अनुभव न तुम्हें, न तुम्हारे पूर्वजों और न यहूदा प्रदेश के राजाओं को हुआ है। तुम ने निर्दोष बच्चों के खून से इस स्थान को भर दिया है।
तेरे आंचल में निर्दोष गरीबों का रक्त लगा है। यद्यपि तूने उन्हें सेंध लगाते हुए नहीं पकड़ा था। इन सब अपराधों के होते हुए भी
किन्तु तेरी आंखें किस लिए हैं? तेरे पास हृदय है ... पर किस लिए? अन्याय से लाभ कमाने के लिए, निर्दोष की हत्या करने के लिए, जनता पर अत्याचार और दमन करने के लिए?’
‘यिर्मयाह! यह नगर जब से आबाद हुआ है तब से आज तक मेरे क्रोध और रोष को भड़काता आया है। अत: मैं इस को अपने सामने से हटा दूंगा।
‘प्रभु, हमने तेरे प्रति अपराध किया, हमने तुझसे विद्रोह किया; और तूने हमें क्षमा नहीं किया।
तू उस से यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है: ओ यरूशलेम, तू अपने मध्य में हत्या-रक्तपात करता है, और यों अपने विनाश को स्वयं निमंत्रण देता है। तू मूर्तियां बनाता है, और यों स्वयं को अशुद्ध करता है।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है: यह नगरी मानो हण्डा है। धिक्कार है इसको! यह हत्या करने वाली नगरी है। धिक्कार है इस हण्डे को! इसमें जंग लगा है, और यह जंग इससे छूटा नहीं है। एक-एक टुकड़ा इसमें से निकाल लो, चुनने की आवश्यकता नहीं।
इसलिए मैंने भी उसका खून, जो खून उसने बहाया है, नंगी चट्टान पर उण्डेला है, भूमि पर नहीं; अन्यथा रेत उसको ढक लेती! चट्टान पर उसका खून देखकर मेरा क्रोध भड़केगा, और मैं उससे प्रतिशोध लूंगा।’
इसलिए तू उनसे यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : जिन कामों को न करने का मैंने तुम्हें आदेश दिया था, वही तुम करते हो: तुम रक्त के साथ मांस खाते हो। तुम सहायता के लिए देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर दृष्टि करते हो। तुम हत्या करते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर कब्जा कर सकोगे?
जिस देश में तुम रहते हो, उसको दूषित मत करना; क्योंकि हत्या का रक्त देश को दूषित करता है, और देश के लिए किसी भी प्रकार प्रायश्चित्त नहीं किया जा सकता है, केवल उस व्यक्ति के रक्त से जिसने हत्या की है।
इस प्रकार निर्दोष व्यक्ति का रक्त तेरे उस देश में नहीं बहेगा, जिसको पैतृक-अधिकार के लिए तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है। अन्यथा उसके रक्त का दोष तुझ पर लगेगा।
यदि कोई व्यक्ति इस शपथपूर्ण व्यवस्था के वचन सुनने के पश्चात् मन ही मन अपने को सौभाग्यशाली मानता है, और यह कहता है, “यद्यपि मैं अपने हृदय के हठ के अनुसार चलूंगा, तो भी मेरा कुशल-मंगल होगा” , तो ऐसा विचार गेहूं के साथ घुन को भी पीस डालता है।