तब वह बोला, ‘अब तेरा नाम याकूब न होगा, वरन् “इस्राएल” होगा; क्योंकि तूने परमेश्वर और मनुष्य से लड़कर विजय प्राप्त की है।’
2 राजाओं 17:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे आज भी प्राचीन रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। सामरी लोग प्रभु का भय नहीं मानते थे। वे उन संविधियों, न्याय-सिद्धान्तों, व्यवस्था और आज्ञाओं का पालन नहीं करते थे, जिन्हें प्रभु ने याकूब के वंशजों को प्रदान किया था। याकूब का नाम उसने ‘इस्राएल’ रखा था। पवित्र बाइबल आज भी वे लोग वैसे ही रहते हैं जैसे वे भूतकाल में रहते थे। वे यहोवा का सम्मान नहीं करते थे। वे इस्राएलियों के आदेशों और नियमों का पालन नहीं करते थे। वे उन नियमों या आदेशों का पालन नहीं करते थे जिन्हें यहोवा ने याकूब (इस्राएल) की सन्तानों को दिया था। Hindi Holy Bible आज के दिन तक वे अपनी पहिली रीतियों पर चलते हैं, वे यहोवा का भय नहीं मानते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) आज के दिन तक वे अपनी पुरानी रीतियों पर चलते हैं, वे यहोवा का भय नहीं मानते। वे न तो उन विधियों और नियमों पर और न उस व्यवस्था और आज्ञा के अनुसार चलते हैं, जो यहोवा ने याकूब की सन्तान को दी थी, जिसका नाम उस ने इस्राएल रखा था। सरल हिन्दी बाइबल आज तक वे अपनी-अपनी पहले की प्रथाओं में लगे हैं. वे न तो याहवेह के प्रति भय दिखाते हैं, न ही वे याहवेह द्वारा दी गई विधियों या आदेशों या नियमों या व्यवस्था का पालन करते हैं, जिनके पालन करने का आदेश याहवेह द्वारा याकोब के वंशों को दिया गया था, जिन्हें वह इस्राएल नाम से बुलाते थे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 आज के दिन तक वे अपनी पुरानी रीतियों पर चलते हैं, वे यहोवा का भय नहीं मानते। वे न तो उन विधियों और नियमों पर और न उस व्यवस्था और आज्ञा के अनुसार चलते हैं, जो यहोवा ने याकूब की सन्तान को दी थी, जिसका नाम उसने इस्राएल रखा था। |
तब वह बोला, ‘अब तेरा नाम याकूब न होगा, वरन् “इस्राएल” होगा; क्योंकि तूने परमेश्वर और मनुष्य से लड़कर विजय प्राप्त की है।’
याकूब ने पूछा, ‘कृपया, मुझे अपना नाम बता।’ उसने कहा, ‘तूने मेरा नाम क्यों पूछा?’ तत्पश्चात् उसने याकूब को आशीर्वाद दिया।
परमेश्वर ने उससे कहा, ‘तेरा नाम याकूब है। किन्तु अब से तेरा नाम याकूब नहीं रहेगा, वरन् तेरा नाम इस्राएल होगा।’ अत: उसका नाम इस्राएल रखा गया।
उसने यारोबआम से यह कहा, ‘तू ये दस टुकड़े ले, क्योंकि इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : “देख, मैं सुलेमान के हाथ से उसका राज्य छीन कर उसके टुकड़े करूंगा। मैं उसके दस टुकड़े, इस्राएली राष्ट्र के दस कुलों पर राज्य करने का अधिकार, तुझे दूंगा।
एलियाह ने याकूब के बारह पुत्रों के कुलों की संख्या के अनुसार बारह पत्थर लिये। उसी याकूब को प्रभु का यह वचन सुनाई दिया था, ‘अब से तेरा नाम इस्राएल होगा।’
अपने निवास के आरम्भिक दिनों में वे प्रभु की आराधना नहीं करते थे। अत: प्रभु ने उनकी बस्तियों में सिंहों को भेजा, जिन्होंने उनके कुछ लोगों को मार डाला।
ये जातियां प्रभु की आराधना करती तो थीं, पर वे अपने देश की प्रथा के अनुसार, जहां से वे निर्वासित हुई थीं, अपने-अपने राष्ट्रीय देवता की पूजा भी करती थीं।
जिस मनुष्य का आचरण निष्कपट है, वह प्रभु की भक्ति करता है; किन्तु जिसका आचरण छल-कपट से भरा है, वह प्रभु को तुच्छ समझता है
ओ याकूब के वंशजो, मेरी यह बात सुनो। तुम इस्राएल के नाम से पुकारे जाते हो, तुम यहूदा के वंश में उत्पन्न हुए हो। तुम प्रभु के नाम की शपथ खाते हो, तुम इस्राएल के परमेश्वर के नाम को स्मरण करते हो, पर सच्चाई से नहीं, धार्मिकता से नहीं।