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2 राजाओं 1:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

देखिए, आकाश से आग बरसी थी। उसने दो सेना-नायकों और उनके पचास-पचास सैनिकों के दल को भस्‍म कर दिया था। अब, कृपाकर, मेरे प्राण को अपनी दृष्‍टि में तुच्‍छ मत समझिए।’

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पवित्र बाइबल

स्वर्ग से आग गिर पड़ी और प्रथम दो सेनापतियों और उन के पचास सैनिकों को उसने नष्ट कर दिया। किन्तु अब कृपा करें और हमें जीवित रहने दें!”

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Hindi Holy Bible

पचास पचास सिपाहियों के जो दो प्रधान अपने अपने पचासों समेत पहिले आए थे, उन को तो आग ने आकाश से गिरकर भस्म कर डाला, परन्तु अब मेरा प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पचास पचास सिपाहियों के जो दो प्रधान अपने अपने पचासों समेत पहले आए थे, उनको तो आग ने आकाश से गिरकर भस्म कर डाला, परन्तु अब मेरा प्राण तेरी दृष्‍टि में अनमोल ठहरे।”

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सरल हिन्दी बाइबल

आकाश से आग बरसी और मुझसे पहले आए दो सेना प्रधानों और उनके पचास-पचास सैनिकों को चट कर गई; मगर अब आपकी दृष्टि में मेरा जीवन कीमती हो.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पचास-पचास सिपाहियों के जो दो प्रधान अपने-अपने पचासों समेत पहले आए थे, उनको तो आग ने आकाश से गिरकर भस्म कर डाला, परन्तु अब मेरा प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरे।”

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2 राजाओं 1:14
11 क्रॉस रेफरेंस  

राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों के तीसरे दल को तथा उनके सेना-नायक को भेजा। तीसरा सेना-नायक पहाड़ पर चढ़ा। वह एलियाह के समीप आया। उसने एलियाह के सम्‍मुख घुटने टेके, और उनसे यह निवेदन किया, “हे परमेश्‍वर के जन! कृपाकर, मेरे प्राण को और अपने पचास सेवकों के प्राण को अपनी दृष्‍टि में तुच्‍छ मत समझिए।


तब प्रभु के दूत ने एलियाह से कहा, ‘सेना-नायक के साथ नीचे उतर। उससे मत डर।’ अत: एलियाह उठे। वह सेना-नायक के साथ नीचे उतरे, और राजा के पास गए।


प्रभु के संतों की मृत्‍यु प्रभु की दृष्‍टि में मूल्‍यवान है।


क्‍योंकि उसके प्राण के उद्धार का मूल्‍य बहुत अधिक है, यह कभी पर्याप्‍त नहीं हो सकता।


वह दमन और अत्‍याचार से उनके प्राण का उद्धार करता है, उसकी दृष्‍टि में उनका रक्‍त अनमोल है।


वेश्‍या रोटी के एक टुकड़े में खरीदी जा सकती है, किन्‍तु व्‍यभिचारिणी स्‍त्री पुरुष का जीवन ही नष्‍ट कर देती है।


किन्‍तु मेरी दृष्‍टि में मेरे जीवन का कोई मूल्‍य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्‍त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्‍वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।


शाऊल ने कहा, ‘मैंने पाप किया है। दाऊद, मेरे पुत्र, लौट आ! अब मैं तेरा अनिष्‍ट कभी नहीं करूंगा। तूने आज अपनी दृष्‍टि में मेरे प्राण को बहुमूल्‍य समझा। देख, मैंने आज बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। मैंने बड़ी भूल की।’


देखिए, जैसे आज मेरी दृष्‍टि में आपका प्राण बहुमूल्‍य था, वैसे ही प्रभु की दृष्‍टि में मेरा प्राण बहुमूल्‍य हो। प्रभु मुझे सब दु:ख-तकलीफ से बचाए।’