तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल लौट न आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”
2 कुरिन्थियों 6:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हमें कोड़ों से मारा गया, कारागार में डाला गया, हम पर भीड़ ने उत्पात किया। हमने अत्यधिक परिश्रम किया, हम रात-रात भर जागे और भूखे रहे। पवित्र बाइबल मार खाते हुए, बन्दीगृहों में रहते हुए, अशांति के बीच, परिश्रम करते हुए, रातों-रात पलक भी न झपका कर, भूखे रह कर Hindi Holy Bible कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से, नवीन हिंदी बाइबल मार खाने में, बंदी होने में, उपद्रवों में, परिश्रम में, जागते रहने में, भूखे रहने में, सरल हिन्दी बाइबल सताहट में, जेल में, उपद्रव में, अधिक परिश्रम में, अपर्याप्त नींद में, उपवास में, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से, |
तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल लौट न आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”
यह सुनकर राजा आसा द्रष्टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्नि से धधक उठा था। उन्हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्यवहार भी किया।
किन्तु वह हमारे पापों के कारण घायल हुआ; वह हमारे दुष्कर्मों के कारण आहत हुआ। उसने अपने शरीर पर ताड़ना-स्वरूप मार सही, और उसकी मार से हमारा कल्याण हुआ। उसने कोड़े खाए, जिससे हम स्वस्थ हुए।
जब नबी यिर्मयाह राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में बन्दी थे तब दूसरी बार प्रभु का यह सन्देश नबी यिर्मयाह को मिला :
अत: उच्चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्सियों से बांध कर राजकुमार मल्कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए।
प्रभु ने मुझ से कहा, ‘ओ मानव, मैंने तुझे इस्राएल-कुल का पहरेदार नियुक्त किया है। जब-जब तू मेरे मुंह के वचन सुनेगा, तब-तब उनको मेरी ओर से चेतावनी देना।
हेरोदेस ने अपने भाई फिलिप की पत्नी हेरोदियस के कारण योहन को गिरफ्तार किया और उन्हें बाँध कर बन्दीगृह में डाल दिया था;
येशु ने उन से कहा, “जब तक दूल्हा साथ है, क्या बाराती शोक मना सकते हैं? किन्तु वे दिन आएँगे, जब दूल्हा उन से ले लिया जाएगा। तब वे उपवास करेंगे।
किन्तु अन्ताकिया तथा इकोनियुम से कुछ यहूदी आ पहुंचे। उन्होंने जनता को अपने पक्ष में मिला लिया। उन्होंने पौलुस को पत्थरों से मारा और मृत समझ कर उन्हें नगर के बाहर घसीट कर ले गये।
उन्होंने प्रत्येक कलीसिया में उनके लिए धर्मवृद्धों को नियुक्त किया और प्रार्थना तथा उपवास करने के बाद उन्हें प्रभु के हाथों सौंप दिया, जिन पर वे विश्वास कर चुके थे।
इस से यहूदी ईष्र्या से जलने लगे और उन्होंने बाजार के कुछ गुण्डों की सहायता से भीड़ एकत्र की और नगर में दंगा खड़ा कर दिया। वे पौलुस और सीलास को नगर-सभा के सामने पेश करने के उद्देश्य से यासोन के घर आ धमके।
इसलिए जागते रहिए और याद रखिए कि मैं आँसू बहा-बहा कर तीन वर्षों तक दिन-रात आप लोगों में हर एक को सावधान करता रहा।
जब विवाद बहुत बढ़ गया तो सेना-नायक को भय हुआ कि कहीं वे पौलुस के टुकड़े-टुकड़े न कर दें; इसलिए उसने सैनिकों को आदेश दिया कि वे सभा में नीचे जा कर पौलुस को उनके बीच से निकाल लें और किले में ले जायें।
उसने कहा, “जब तुम्हारे अभियोगी आ जाएंगे, तब तुम्हारी सुनवाई होगी।” और उसने आदेश दिया कि पौलुस को हेरोदेस के राजभवन में पहरे में रखा जाये।
किन्तु जब दो वर्षों के बाद राज्यपाल फ़ेलिक्स के स्थान पर पोर्कियुस फेस्तुस नियुक्त हुआ, तब फ़ेलिक्स यहूदी धर्मगुरुओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से पौलुस को बन्दीगृह में ही छोड़ गया।
मैंने यरूशलेम में ऐसा किया भी। मैंने महापुरोहितों से अधिकार प्राप्त कर अनेक सन्तों को बन्दीगृह में डाल दिया और जब उन्हें प्राणदण्ड दिया गया, तो मैंने इसके लिए अपनी सहमति दी थी।
पौलुस ने उत्तर दिया, “थोड़े में हो या बहुत में, परमेश्वर से मेरी यह प्रार्थना है कि न केवल आप, बल्कि जो लोग आज मेरी बातें सुन रहे हैं, वे सब-के-सब इन बेड़ियों को छोड़ कर मेरे सदृश बन जायें।”
पौलुस पूरे दो वर्षों तक अपने किराये के मकान में रहे। वह उन सब लोगों का स्वागत करते थे, जो उनसे मिलने आते थे।
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
हम इस समय भी भूखे और प्यासे हैं, फटे-पुराने कपड़े पहनते हैं, मार खाते हैं, भटकते फिरते हैं
आप लोग एक-दूसरे को उस अधिकार से वंचित नहीं करें और यदि ऐसा करें, तो दोनों की सहमति से और कुछ समय के लिए, जिससे प्रार्थना का अवकाश मिले और इसके बाद पहले-जैसे रहें। कहीं ऐसा न हो कि शैतान असंयम के कारण आप को प्रलोभन में डाल दे।
मैंने कठोर परिश्रम किया और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अकसर भोजन नहीं मिला। भूख-प्यास, ठण्ड और कपड़ों का अभाव−यह सब मैं सहता रहा
इसलिए मैं पौलुस, जो आप गैर-यहूदियों की भलाई के लिए येशु मसीह के कारण कैदी हूं, आप से एक प्रार्थना करना चाहता हूं।
वह उसको चालीस कोड़े लगा सकता है, पर इससे अधिक नहीं, क्योंकि यदि इससे अधिक उसको कोड़ों की मार पड़ेगी तो तेरा यह भाई-बन्धु तेरी दृष्टि में अपमानित होगा।
भाइयो और बहिनो! आप को हमारा कठोर परिश्रम याद होगा। आप के बीच परमेश्वर के शुभ समाचार की घोषणा करते समय हम दिन-रात काम-धन्धा करते रहे, जिससे किसी पर भार न डालें।
यही कारण है कि हम परिश्रम करते रहते और संघर्ष में लगे रहते हैं; क्योंकि हमने जीवन्त परमेश्वर पर भरोसा रखा है, जो सब मनुष्यों का और विशेष रूप से विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।
तुम न तो हमारे प्रभु की साक्षी देने में लज्जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, बल्कि परमेश्वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर, तुम मेरे साथ शुभसमाचार के लिए कष्ट सहते रहो।
इस शुभ समाचार की सेवा में मैं कष्ट पाता हूँ; और अपराधी की तरह बन्दी हूँ परन्तु परमेश्वर का वचन बन्दी नहीं है।
परन्तु तुम सब बातों में सन्तुलित बने रहो, धैर्य से कष्ट सहो, शुभ समाचार के प्रचार में लगे रहो और अपने सेवा-कार्य के सब कर्त्तव्य पूरे करते जाओ।
आपके धर्मनेताओं को रात-दिन आपकी आध्यात्मिक भलाई की चिन्ता रहती है, क्योंकि वे इसके लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए आप लोग उनका आज्ञापालन करें और उनके अधीन रहें, जिससे वे अपना कर्त्तव्य आनन्द के साथ, न कि आहें भरते हुए, पूरा कर सकें; क्योंकि इस से आप को कोई लाभ नहीं होगा।
मुझे आप लोगों को एक समाचार सुनाना है। हमारे भाई तिमोथी रिहा कर दिये गये हैं। यदि वह समय पर पहुँचेंगे, तो मैं उनके साथ आप से मिलने आऊंगा।
तुम्हें जो कष्ट भोगना होगा, उस से मत डरो। शैतान तुम्हारी परीक्षा लेने के उद्देश्य से तुम लोगों में से कुछ को क़ैद में डाल देगा और तुम लोग दस दिनों तक संकट में पड़े रहोगे। तुम मृत्यु तक विश्वस्त बने रहो और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा।