पर प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ को अर्पित है, हे परमेश्वर, कृपा-अवसर पर अपनी महाकरुणा के कारण मुझे उत्तर दे। अपनी सच्ची सहायता द्वारा
2 कुरिन्थियों 6:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि वह कहता है, “उपयुक्त समय में मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी; उद्धार के दिन मैंने तुम्हारी सहायता की।” और देखिए, अभी उपयुक्त समय है, अभी उद्धार का दिन है। पवित्र बाइबल क्योंकि उसने कहा है: “मैंने उचित समय पर तेरी सुन ली, और मैं उद्धार के दिन तुझे सहारा देने आया।” देखो! “उचित समय” यही है। देखो! “उद्धार का दिन” यही है। Hindi Holy Bible क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि वह तो कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की।” देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी वह उद्धार का दिन है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि वह कहता है : उचित समय पर मैंने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैंने तेरी सहायता की। देख, अभी है वह उचित समय। देख, आज है वह उद्धार का दिन। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि परमेश्वर का कहना है: “अनुकूल अवसर पर मैंने तुम्हारी पुकार सुनी, उद्धार के दिन मैंने तुम्हारी सहायता की.” सुनो! यही है वह अनुकूल अवसर; यही है वह उद्धार का दिन! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि वह तो कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैंने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैंने तेरी, सहायता की।” देखो; अभी प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है। (यशा. 49:8) |
पर प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ को अर्पित है, हे परमेश्वर, कृपा-अवसर पर अपनी महाकरुणा के कारण मुझे उत्तर दे। अपनी सच्ची सहायता द्वारा
प्रभु यों कहता है : ‘कृपा के समय मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, उद्धार के दिन मैंने तेरी सहायता की। मैंने तुझे सुरक्षित रखा है, और जनता के लिए विधान के रूप में तुझे नियुक्त किया है, ताकि तू देश का पुन: निर्माण करे, उजाड़ पैतृक-भूमि का पुन: आबंटन करे;
उसने मुझे भेजा है कि मैं ‘प्रभु की कृपा का वर्ष’, और ‘हमारे परमेश्वर का प्रतिशोध दिवस’ घोषित करूं, और जो शोक करते हैं, उन्हें शान्ति प्रदान करूं।
‘मैं फिर तेरे पास से गुजरा, और तुझ पर दृष्टि की, तो देखा कि तेरी उम्र प्रेम करने के लायक हो गई है। मैंने तेरे शरीर पर अपनी चादर डाल दी, और यों तेरी नग्नता ढांप दी। मैंने सौगन्ध खाकर तुझे वचन दिया, और तेरे साथ विधान स्थापित किया, और इस प्रकार तू मेरी पत्नी बन गई।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
जब तक “आज” बना रहता है, आप लोग प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहन देते जायें, जिससे कोई भी पाप के फन्दे में पड़ कर कठोर न बने।
इसलिए परमेश्वर एक दूसरा दिन, अर्थात् “आज” निर्धारित करता है और वह बहुत वर्षों के बाद दाऊद के मुख से उपर्युक्त शब्द कहता है, “यदि तुम ‘आज’ उसकी वाणी सुनो, तो अपना हृदय कठोर न करना।”