ओ अय्यूब, उसने तुम्हें भी संकट के मुंह से बाहर निकाला, और निरापद स्थान में लाया, संकरे नहीं, वरन् चौड़े मार्ग पर पहुँचाया; उसने तुम्हें ऐसी मेज पर बैठाया, जहाँ सर्वोत्तम भोजन तुम्हारे सम्मुख परोसा गया।
2 कुरिन्थियों 6:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोगों के प्रति हम में कोई संकीर्णता नहीं है, बल्कि आपके हृदय में संकीर्णता है। पवित्र बाइबल हमारा प्रेम तुम्हारे लिये कम नहीं हुआ है। किन्तु तुमने हमसे प्यार करना रोक दिया है। Hindi Holy Bible तुम्हारे लिये हमारे मन में कुछ सकेती नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में सकेती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम्हारे लिये हमारे मन में कोई संकोच नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में संकोच है। नवीन हिंदी बाइबल तुम्हारे संकोच का कारण हम नहीं हैं, परंतु तुम अपने ही मनों में संकोच करते हो। सरल हिन्दी बाइबल हमने तुम पर कोई रोक-टोक नहीं लगाई; रोक-टोक स्वयं तुमने ही अपने मनों पर लगाई है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम्हारे लिये हमारे मन में कुछ संकोच नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में संकोच है। |
ओ अय्यूब, उसने तुम्हें भी संकट के मुंह से बाहर निकाला, और निरापद स्थान में लाया, संकरे नहीं, वरन् चौड़े मार्ग पर पहुँचाया; उसने तुम्हें ऐसी मेज पर बैठाया, जहाँ सर्वोत्तम भोजन तुम्हारे सम्मुख परोसा गया।
जब तू बुद्धि के मार्ग पर चलेगा, तब तेरे पैरों को बाधा न होगी; यदि तू दौड़ेगा तो तुझको ठोकर न लगेगी।
आंखों से देख लेना मन की चंचल कामनाओं से उत्तम है। अत: पेट के लिए परिश्रम करना भी निस्सार है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
प्रभु कहता है, ‘ओ याकूब के वंशजो, क्या मनुष्य मुझ से यह प्रश्न पूछ सकता है, “क्या प्रभु का आत्मा धीरज खो बैठा है? क्या यह उसके कार्य हैं? क्या सदाचारी के प्रति उसके वचन हितकर नहीं होते?”
किन्तु सँकरा है वह द्वार और संकीर्ण है वह मार्ग, जो जीवन की ओर ले जाता है। जो उसे पाते हैं, उनकी संख्या थोड़ी है।
हम कष्टों से घिरे रहते हैं, परन्तु कभी हार नहीं मानते। हम परेशान होते हैं, परन्तु कभी निराश नहीं होते।
आप हमारे प्रति उदार बनें। हमने किसी के साथ अन्याय नहीं किया, किसी को आर्थिक हानि नहीं पहुँचायी और किसी से अनुचित लाभ नहीं उठाया।
परमेश्वर मेरा साक्षी है कि मैं येशु मसीह की करुणा से प्रेरित हो कर आप लोगों को कितना चाहता हूँ।
किसी के पास संसार की धन-दौलत हो और वह अपने भाई अथवा बहिन को तंगहाली में देख कर उस पर दया न करे, तो परमेश्वर का प्रेम उस में कैसे बना रह सकता है?