2 इतिहास 8:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था। पवित्र बाइबल सुलैमान ने अपने पिता दाऊद के निर्देशों का पालन किया। सुलैमान ने याजकों के वर्ग उनकी सेवा के लिये चुने। सुलैमान ने लेवीवंशियों को भी उनके कार्य के लिये चुना। लेवीवंशियों को स्तुति में पहल करनी होती थी और उन्हें मन्दिर की सेवाओं में जो कुछ नित्य किया जाना होता था उनमें याचकों की सहायता करनी थी और सुलैमान ने द्वारपालों को चुना जिनके समूहों को हर द्वार पर सेवा करनी थी। इस पद्धति का निर्देश परमेश्वर के व्यक्ति दाऊद ने दिया था। Hindi Holy Bible और उसने अपने पिता दाऊद के नियम के अनुसार याजकों की सेवकाई के लिये उनके दल ठहराए, और लेवियों को उनके कामों पर ठहराया, कि हर एक दिन के प्रयोजन के अनुसार वे यहोवा की स्तुति और याजकों के साम्हने सेवा-टहल किया करें, और एक एक फाटक के पास द्वारपालों को दल दल कर के ठहरा दिया; क्योंकि परमेश्वर के भक्त दाऊद ने ऐसी आज्ञा दी थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने अपने पिता दाऊद के नियम के अनुसार याजकों के सेवा–कार्यों के लिये उनके दल ठहराए, और लेवियों को उनके कामों पर ठहराया, कि हर एक दिन के प्रयोजन के अनुसार वे यहोवा की स्तुति और याजकों के सामने सेवा–टहल किया करें, और एक एक फाटक के पास द्वारपालों को दल दल करके ठहरा दिया; क्योंकि परमेश्वर के भक्त दाऊद ने ऐसी आज्ञा दी थी। सरल हिन्दी बाइबल जैसा उनके पिता दावीद ने आज्ञा दी थी, शलोमोन ने पुरोहितों के दलों को उनके लिए ठहराए गए रोज़ के काम करने के लिए, लेवियों को आराधना करने और पुरोहितों की सहायता करने के लिए और द्वारपालों के दलों को उनके लिए ठहराए गए द्वारों पर सेवा करने के लिए चुन लिया. परमेश्वर के जन दावीद ने यही आदेश दिया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने अपने पिता दाऊद के नियम के अनुसार याजकों के सेवाकार्यों के लिये उनके दल ठहराए, और लेवियों को उनके कामों पर ठहराया, कि हर एक दिन के प्रयोजन के अनुसार वे यहोवा की स्तुति और याजकों के सामने सेवा-टहल किया करें, और एक-एक फाटक के पास द्वारपालों को दल-दल करके ठहरा दिया; क्योंकि परमेश्वर के भक्त दाऊद ने ऐसी आज्ञा दी थी। |
जब यारोबआम बेत-एल की वेदी पर सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाने के लिए खड़ा था, तब प्रभु के वचन से उत्प्रेरित होकर यहूदा प्रदेश से ‘परमेश्वर का एक जन’ वहाँ आया।
दाऊद आसाफ और उसके भाई-बन्धुओं को प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्मुख छोड़कर चला गया कि वे नियमित रूप से प्रतिदिन मंजूषा के सामने निरन्तर धर्म-सेवा करते रहें।
हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्त पवित्र राग बजाने के लिए अन्य वाद्य यन्त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्त थे।
दाऊद वृद्ध हो गया था। वस्तुत: उसकी आयु पुर्ण हो चुकी थी। अत: उसने अपने पुत्र सुलेमान को इस्राएल देश का राजा नियुक्त किया।
हारून के वंशजों के दल इस प्रकार थे। हारून के ये पुत्र थे: नादाब, अबीहू, एलआजर और ईतामार।
एलआजर के वंशज सादोक और ईतामार के वंशज अहीमेलेक की सहायता से दाऊद ने पुरोहित के सेवा-कार्यों को सम्पन्न करने के लिए हारून के वंशजों का पुन: संगठन किया।
दाऊद और उच्चाधिकारियों ने आसाफ, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को विशेष सेवा-कार्यों के लिए नियुक्त किया। इनका कार्य वीणा, सारंगी और झांझ बजाते हुए नबूवत करना था। जो व्यक्ति मन्दिर में यह सेवा-कार्य करते थे, उनके नाम इस प्रकार हैं :
मन्दिर के द्वारपालों के दलों के नाम इस प्रकार थे: कोरह के वंश में से: मशेलेम्याह जो कोरे का पुत्र और एबयासाफ का पौत्र था।
दाऊद ने कहा, ‘यह स्वयं प्रभु ने अपने हाथ से लिखकर निर्धारित किया था। मैंने सिर्फ इस निर्धारण के अनुसार कार्य किया।’
मन्दिर के द्वारपाल ये थे : शल्लूम, अक्कूब, टलमोन और अहीमान तथा उनके चचेरे भाई-बन्धु। शल्लूम मुख्य द्वारपाल था।
पुरोहित यहोयादा ने प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वारों पर भी पहरेदार नियुक्त किए, जिससे कोई भी मनुष्य अशुद्ध दशा में प्रवेश न कर सके।
तुम्हें यह काम करना होगा: तुममें से जो पुरोहित और उप-पुरोहित विश्राम-दिवस पर कार्यरत रहते हैं, उनमें से एक-तिहाई द्वार पर पहरा देंगे।
जैसा कि राजा दाऊद, राजा दाऊद के द्रष्टा गाद तथा नबी नातान ने आदेश दिया था कि प्रभु के भवन में उप-पुरोहित स्तुति-गान के लिए नियुक्त किए जाएंगे और उनके हाथों में वाद्य-यन्त्र−झांझ, सारंगी और वीणा−रहेंगे, वैसा राजा हिजकियाह ने किया; क्योंकि स्वयं परमेश्वर ने इस प्रथा का आदेश अपने नबियों के माध्यम से दिया था।
राजा हिजकियाह ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों को उनके सेवा-कार्य के अनुसार विभिन्न दलों में विभक्त कर दिया। उसने प्रत्येक पुरोहित और उप-पुरोहित को उसके सेवा-कार्य के अनुसार अग्नि-बलि, सहभागिता-बलि और धन्यवाद-बलि चढ़ाने, स्तुति-गान गाने तथा प्रभु के शिविर के द्वारों पर पहरा देने के लिए नियुक्त किया।
इस प्रकार आराधना की तैयारी पूर्ण हुई। राजा के आदेश के अनुसार पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर और उपपुरोहित अपने-अपने दल में खड़े हुए।
राजा दाऊद, आसाफ, हेमान और राज-द्रष्टा यदूतून के निर्देश के अनुसार आसाफ-वंशीय गायक निर्धारित स्थान पर उपस्थित थे। हर एक द्वारपाल अपने द्वार पर उपस्थित था। उनको अपना कार्य बीच में छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी; क्योंकि उनके सहयोगी उपपुरोहितों ने उनके लिए बलि-भोज का प्रबन्ध कर दिया।
तुम अपने पितृकुल तथा अपने-अपने दल के अनुसार सेवा के लिए स्वयं को तैयार करो। ऐसा ही निर्देश इस्राएल देश के राजा दाऊद तथा उसके पुत्र राजा सुलेमान ने लिखित रूप में दिया था।
जो पुरोहित भवन में उपस्थित थे, उन्होंने बिना श्रेणियों का विचार किए, स्वयं को शुद्ध किया था।
पुरोहितों और उप-पुरोहितों ने राजा के सब आदेशों का पूर्णत: पालन किया। यहां तक कि भण्डार-गृहों, तथा मन्दिर के कोषागार के सम्बन्ध में भी वे राजा के आदेश का पालन करते थे।
उन्होंने यरूशलेम में निर्मित परमेश्वर के भवन में आराधना-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों की पारी और उपपुरोहितों के दल की व्यवस्था की, जैसा मूसा के ग्रन्थ में लिखा हुआ है।
लेवी वंशजों के मुखिया ये थे : हशब्याह, शेरेब्याह, और येशुअ बेन-कदमीएल। उनके साथ उनके भाई थे जो आराधना में स्तुति और भजन-कीर्तन गाते समय परमेश्वर के जन दाऊद के आदेश के अनुसार निर्धारित दलों में बंटकर उनके सम्मुख खड़े रहते थे।
मत्तन्याह, बकबुक्याह, ओबद्याह, मशुल्लाम, तल्मोन और अक्कूब द्वारपाल थे। ये मन्दिर के द्वारों के समीप बने भण्डार-गृहों पर पहरा देते थे।
जकर्याह के भाई-बन्धु जो पुरोहित थे− शमायाह, अजरेल, मिललई, गिललई, माए, नतनेल, यहूदा और हनानी− परमेश्वर के जन दाऊद के वाद्य-यन्त्र बजा रहे थे। उनके आगे-आगे शास्त्री एज्रा चल रहा था।
यहूदा प्रदेश के राजा हेरोदेस के समय में अबिय्याह के दल का जकर्याह नामक एक पुरोहित था। उसकी पत्नी हारून वंश की थी। उसका नाम एलीशेबा था।
जब जकर्याह नियुिक्त के क्रम से अपने दल के साथ परमेश्वर के सामने पुरोहित का कार्य कर रहा था,
फिर परमेश्वर ने उसे हटाकर दाऊद को उनका राजा बनाया और उनके विषय में यह साक्षी दी, ‘मुझे अपने मन के अनुकूल एक मनुष्य, यिशय का पुत्र दाऊद मिल गया है। वह मेरी सब इच्छाएं पूरी करेगा।’
“दाऊद तो अपने समय में परमेश्वर का अभिप्राय पूरा कर मर गये। वह अपने पूर्वजों के पास कबर में रखे गये और उनकी विकृति हो गयी;
जो आशीर्वाद परमेश्वर के प्रियजन मूसा ने अपनी मृत्यु के पूर्व इस्राएली समाज को दिया था, वह यह है।