24 लेवी वंशजों के मुखिया ये थे : हशब्याह, शेरेब्याह, और येशुअ बेन-कदमीएल। उनके साथ उनके भाई थे जो आराधना में स्तुति और भजन-कीर्तन गाते समय परमेश्वर के जन दाऊद के आदेश के अनुसार निर्धारित दलों में बंटकर उनके सम्मुख खड़े रहते थे।
24 लेवियों के मुखियाओं के नाम ये थे: हशब्याह, शेरेब्याह, कदमिएल का पुत्र येशू उसके साथी। उनके भाई परमेश्वर को आदर देने के लिए स्तुतिगान के वास्ते उनके सामने खड़ा रहा करते थे। वे आमने—सामने इस तरह खड़े होते थे कि एक गायक समूह दूसरे गायक समूह के उत्तर में गीत गाता था। परमेश्वर के भक्त दाऊद की ऐसी ही आज्ञा थी।
24 और लेवियों के मुख्य पुरुष ये थे: अर्थात हसब्याह, शेरेब्याह और कदमीएल का पुत्र येशू; और उनके साम्हने उनके भाई परमेश्वर के भक्त दाऊद की आज्ञा के अनुसार आम्हने-साम्हने स्तुति और धन्यवाद करने पर नियुक्त थे।
24 लेवियों के मुख्य पुरुष ये थे : अर्थात् हशब्याह, शेरेब्याह और कदमीएल का पुत्र येशू; और उनके सामने उनके भाई परमेश्वर के भक्त दाऊद की आज्ञा के अनुसार आमने–सामने स्तुति और धन्यवाद करने पर नियुक्त थे।
24 हशाबियाह, शेरेबियाह और कदमिएल का पुत्र येशुआ लेवियों में प्रमुख थे. इनका चुनाव परमेश्वर के भक्त दावीद की आज्ञा के अनुसार समूहों में स्तुति और धन्यवाद देने के लिए किया गया था. इनके रिश्तेदार इनके सामने खड़े हुआ करते थे.
24 और लेवियों के मुख्य पुरुष ये थेः अर्थात् हशब्याह, शेरेब्याह और कदमीएल का पुत्र येशुअ; और उनके सामने उनके भाई परमेश्वर के भक्त दाऊद की आज्ञा के अनुसार आमने-सामने स्तुति और धन्यवाद करने पर नियुक्त थे।
मत्तन्याह बेन-मीका। इसकी वंशावली इस प्रकार है। मत्तन्याह का पिता मीका और उसका दादा जब्दी था। जब्दी आसाफ का पुत्र था। मत्तन्याह भजन-कीर्तन करने वालों का अगुआ था। वह आराधना के समय भजन-कीर्तन आरम्भ करता था। उसके भाई-बन्धुओं में बकबुक्याह उसका सहायक था। अब्दा बेन-शम्मूअ। इसकी वंशावली इस प्रकार है: अब्दा के पिता का नाम शम्मूअ, दादा का नाम गालाल और परदादा का नाम यदूतून था।
उपपुरोहित येशुअ, बानी, कदमीएल, शबन्याह, बुन्नी, शेरेब्याह, बानी और केनानी ‘लेवियों की सीढ़ी’ पर खड़े हुए, और उन्होंने उच्च स्वर में प्रभु परमेश्वर की दुहाई दी।
उपपुरोहित येशुअ, बानी, शेरेब्याह, यामीन, अक्कूब, शब्बतई, होदियाह, मासेयाह, कलीता, अजर्याह, योजाबाद, हानान और पलायाह ने लोगों को धर्म-व्यवस्था की बातें समझाने में सहायता की। लोग अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे।
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।
यहूदा कुल के लोग गिलगाल में यहोशुअ के पास आए। यपून्ने के पुत्र और कनिज्जी गोत्र के कालेब ने उससे कहा, ‘जो बातें प्रभु ने मेरे और तुम्हारे सम्बन्ध में अपने सेवक मूसा से कादेश-बर्नेअ नगर में की थीं, उन्हें तुम जानते हो।
जकर्याह के भाई-बन्धु जो पुरोहित थे− शमायाह, अजरेल, मिललई, गिललई, माए, नतनेल, यहूदा और हनानी− परमेश्वर के जन दाऊद के वाद्य-यन्त्र बजा रहे थे। उनके आगे-आगे शास्त्री एज्रा चल रहा था।
इसके अतिरिक्त दाऊद ने उप-पुरोहितों में से कुछ व्यक्तियों को धर्म-सेवकों के रूप में नियुक्त किया। ये प्रभु की मंजूषा के सम्मुख उपस्थित रहते थे। इनका कार्य यह था: इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर का स्मरण, सराहना और स्तुति करना।