शासकों के समय में, जिन्होंने इस्राएली कुलों पर शासन किया था, तथा इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के राजाओं के राज्य-काल में ऐसा पास्का पर्व नहीं मनाया गया था।
2 इतिहास 30:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि राजा ने, उच्चाधिकारियों तथा यरूशलेम की धर्मसभा ने, परस्पर परामर्श के पश्चात् यह निश्चय किया है कि पास्का का पर्व वर्ष के दूसरे महीने में मनाया जाए। पवित्र बाइबल हिजकिय्याह ने सभी अधिकारियों और यरूशलेम की सभा से यह सलाह की कि फसह पर्व दूसरे महीने में मनाया जाये। Hindi Holy Bible राजा और उसके हाकिमों और यरूशलेम की मणडली ने सम्मति की थी कि फसह को दूसरे महीने में मनाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) राजा और उसके हाकिमों और यरूशलेम की मण्डली ने सम्मति की थी कि फसह को दूसरे महीने में मनाएँ। सरल हिन्दी बाइबल राजा, उसके शासक और सारी सभा ने येरूशलेम में मिलकर एक मत से यह निर्णय लिया था, कि फ़सह उत्सव दूसरे महीने में मना लिया जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 राजा और उसके हाकिमों और यरूशलेम की मण्डली ने सम्मति की थी कि फसह को दूसरे महीने में मनाएँ। |
शासकों के समय में, जिन्होंने इस्राएली कुलों पर शासन किया था, तथा इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के राजाओं के राज्य-काल में ऐसा पास्का पर्व नहीं मनाया गया था।
राजा सुलेमान ने समस्त इस्राएली जनता से, सेना के सहस्रपतियों, शतपतियों और प्रशासकों से, तथा इस्राएल के पितृकुलों के सब नेताओं से बात की।
राजा हिजकियाह ने इस्राएल तथा यहूदा प्रदेशों के निवासियों के पास सन्देश-वाहक भेजे। उसने एफ्रइम तथा मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में रहनेवाले अपने जाति-बन्धुओं को भी पत्र लिखे कि वे इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के लिए पास्का का पर्व मनाने के उद्देश्य से यरूशलेम नगर में स्थित प्रभु-भवन में आएं;
वर्ष के दूसरे महीने में, बेखमीर रोटी का पर्व मनाने के लिए अधिक संख्या में लोग यरूशलेम में आए। इस प्रकार यरूशलेम में आराधकों की एक अत्यन्त विशाल धर्मसभा एकत्र हो गई।
उन्होंने दूसरे महीने की चौदहवीं तारीख को पास्का-पर्व के मेमने का वध किया। यह देख कर पुरोहित और उप-पुरोहित लज्जित हुए। उन्होंने स्वयं को शुद्ध किया, और प्रभु के भवन में अग्नि-बलि चढ़ाई।
राजा योशियाह ने प्रभु के लिए यरूशलेम नगर में पास्का का पर्व मनाया। उन्होंने वर्ष के प्रथम महीने की चौदहवीं तारीख को पास्का-पर्व के मेमने का वध किया।
पथ-प्रदर्शन के अभाव में कौम का पतन हो जाता है; पर यदि उचित परामर्श देनेवाले मंत्री बहुत हों तो राष्ट्र सुरक्षित रहता है।
बिना उचित सलाह के योजनाएं निष्फल हो जाती हैं; किन्तु यदि योजना में अनेक बुद्धिमानों की सम्मति प्राप्त हो, तो वह सफल हो जाती है।
बुद्धिमान युवक गरीब होने पर भी ऐसे बूढ़े और मूर्ख राजा से श्रेष्ठ है, जो सलाह नहीं मानता।