3 इससे पहले इस्राएली राष्ट्र के लोग पास्का का पर्व नहीं मना सके थे; क्योंकि पुरोहितों ने पर्याप्त संख्या में स्वयं को शुद्ध नहीं किया था, और न इस्राएली लोग यरूशलेम में एकत्र हो सके थे।
3 वे फसह पर्व को नियमित समय से न मना सके। क्यों? क्योंकि याजक पर्याप्त संख्या में पवित्र सेवा के लिये अपने को तैयार न कर सके और दूसरा कारण यह था कि लोग यरूशलेम में इकट्ठे नहीं हो सके थे।
3 क्योंकि वे इसे इसके नियत समय पर मना नहीं सके थे. इसका कारण यह था, कि पर्याप्त संख्या में पुरोहित अपने आपको शुद्ध न कर सके थे. इसके अलावा, प्रजाजन येरूशलेम में इकट्ठा भी न हो सके थे.
उन्होंने प्रभु के भवन की सफाई के कार्य का आरम्भ हिजकियाह के शासन-काल के प्रथम वर्ष के पहिले महीने से किया था। वे उस महीने की आठवीं तारीख को प्रभु के भवन की ड्योढ़ी में पहुंचे। उसके पश्चात् उन्होंने प्रभु के भवन को आठ दिन में स्वच्छ किया; और यों उस महीने की सोलहवीं तारीख को साफ-सफाई का काम पूरा हुआ।
किन्तु बलि-पशुओं की खाल उतारने के लिए पुरोहितों की संख्या कम पड़ गई। अत: उनके भाई-बन्धु उप-पुरोहितों ने काम पूरा करने में उनकी सहायता की। अन्य पुरोहितों ने भी काम पूरा करने के लिए स्वयं को शुद्ध किया। स्वयं को शुद्ध करने का उत्साह उप-पुरोहितों में पुरोहितों की अपेक्षा अधिक था।
उन्होंने दूसरे महीने की चौदहवीं तारीख को पास्का-पर्व के मेमने का वध किया। यह देख कर पुरोहित और उप-पुरोहित लज्जित हुए। उन्होंने स्वयं को शुद्ध किया, और प्रभु के भवन में अग्नि-बलि चढ़ाई।
यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह ने बलि चढ़ाने के लिए धर्मसभा को एक हजार बछड़े और सात हजार भेड़ें दी थीं। उसके उच्चाधिकारियों ने धर्मसभा को एक हजार बछड़े और दस हजार भेड़ें दी थीं। बहुत बड़ी संख्या में पुरोहितों ने स्वयं को शुद्ध किया।
प्रभु के आदेश का पालन करने के लिए पास्का का पर्व मनाओ। पास्का-पर्व के मेमने का वध करो, और यों अपने को शुद्ध कर अपने जाति भाई-बन्धु साधारण जनों को प्रभु के लिए तैयार करो। यही आज्ञा प्रभु ने मूसा के माध्यम से दी थी।’