जैसे उसके पिता अमस्याह ने उन कार्यों को किया था जो प्रभु की दृष्टि में उचित थे, वैसे ही उसने भी किया।
2 इतिहास 27:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे उसके पिता उज्जियाह ने उन कार्यों को किया जो प्रभु की दृष्टि में उचित थे, वैसे उसने भी किया। पर उसने प्रभु के मन्दिर में प्रवेश करने की अनाधिकृत चेष्टा नहीं की। किन्तु जनता भ्रष्ट आचरण करती रही। पवित्र बाइबल योताम ने वह किया, जो यहोवा उससे करवाना चाहता था। उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन वैसे ही किया जैसे उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था। किन्तु योताम यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने के लिये उसी प्रकार नहीं घुसा जैसे उसका पिता घुसा था। किन्तु लोगों ने पाप करना जारी रखा। Hindi Holy Bible उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, अर्थात जैसा उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था, ठीक वैसा ही उसने भी किया: तौभी वह यहोवा के मन्दिर में न घुसा। और प्रजा के लोग तब भी बिगड़ी चाल चलते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, अर्थात् जैसा उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था, ठीक वैसा ही उसने भी किया : तौभी वह यहोवा के मन्दिर में न घुसा; और प्रजा के लोग तब भी बिगड़ी चाल चलते थे। सरल हिन्दी बाइबल उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था, जैसा उसके पिता उज्जियाह ने किया था. हां, उसने याहवेह के मंदिर में प्रवेश नहीं किया. मगर प्रजा में भ्रष्टाचार फैला था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, अर्थात् जैसा उसके पिता उज्जियाह ने किया था, ठीक वैसा ही उसने भी किया तो भी वह यहोवा के मन्दिर में न घुसा; और प्रजा के लोग तब भी बिगड़ी चाल चलते थे। |
जैसे उसके पिता अमस्याह ने उन कार्यों को किया था जो प्रभु की दृष्टि में उचित थे, वैसे ही उसने भी किया।
जब आहाज ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह बीस वर्ष का था। उसने सोलह वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया। उसने अपने पूर्वज दाऊद के आचरण का अनुसरण नहीं किया। उसने वे कार्य नहीं किये जो प्रभु की दृष्टि में उचित हैं।
प्रभु मूसा से बोला, ‘जा, नीचे उतर जा! तेरे लोग, जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, भ्रष्ट हो गए हैं।
ओ पापी राष्ट्र! ओ अधर्म के बोझ से दबे लोगो! ओ कुकर्मियों की सन्तान! ओ भ्रष्टाचारी पुत्रो! तुमने प्रभु को त्याग दिया, तुमने इस्राएल के पवित्र परमेश्वर को तुच्छ समझा। तुम उससे मुंह मोड़ कर दूर हो गए।
दूसरे लोगों में किसी को भी उन में सम्मिलित होने का साहस नहीं होता था, फिर भी जनता उनकी प्रशंसा करती थी।