अत: मैं उनके पास खड़ा हुआ और मैंने उनका वध कर दिया। मैं निश्चित रूप से जानता था कि वह भूमि पर गिर जाने के पश्चात् नहीं बचेंगे। मैंने उनका मुकुट, और बाजूबन्द उतार लिया; और स्वामी, मैं उनको आपके पास ले आया हूँ।’
2 इतिहास 23:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके बाद पुरोहित यहोयादा राजकुमार को बाहर लाया। उसने राजकुमार के सिर पर मुकुट रखा और उसको साक्षी-पत्र सौंपा। पुरोहित यहोयादा और उसके पुत्रों ने राजकुमार का अभिषेक किया, और उसको राजा घोषित कर दिया। समस्त जन-समूह ने जय-जयकार किया, और कहा, ‘राजा चिरायु हो!’ पवित्र बाइबल वे राजा के पुत्र को बाहर लाए और उसे मुकुट पहना दिया। उन्होंने उसे व्यवस्था के पुस्तक की एक प्रति दी। तब उन्होंने योआश को राजा बनाया। यहोयादा औऱ उसके पुत्रों ने योआश का अभिषेक किया। उन्होंने कहा, “राजा दीर्घायु हो!” Hindi Holy Bible तब उन्होंने राजकुमार को बाहर ला, उसके सिर पर मुकुट रखा और साक्षीपत्र देकर उसे राजा बनाया; और यहोयादा और उसके पुत्रों ने उसका अभिषेक किया, और लोग बोल उठे, राजा जीवित रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उन्होंने राजकुमार को बाहर ला, उसके सिर पर मुकुट रखा और साक्षीपत्र देकर उसे राजा बनाया; और यहोयादा और उसके पुत्रों ने उसका अभिषेक किया, और लोग बोल उठे, राजा जीवित रहे। सरल हिन्दी बाइबल तब पुरोहित यहोयादा और उसके पुत्रों ने राजकुमार को लेकर बाहर आए, उसके सिर पर मुकुट रखा और उसे साक्षी पत्र दे दिया. उन्होंने उसे राजा घोषित कर उसका राजाभिषेक किया और सबने जयघोष करते हुए कहा, “महाराज जीवित रहें!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उन्होंने राजकुमार को बाहर ला, उसके सिर पर मुकुट रखा और साक्षीपत्र देकर उसे राजा बनाया; और यहोयादा और उसके पुत्रों ने उसका अभिषेक किया, और लोग बोल उठे, राजा जीवित रहे। |
अत: मैं उनके पास खड़ा हुआ और मैंने उनका वध कर दिया। मैं निश्चित रूप से जानता था कि वह भूमि पर गिर जाने के पश्चात् नहीं बचेंगे। मैंने उनका मुकुट, और बाजूबन्द उतार लिया; और स्वामी, मैं उनको आपके पास ले आया हूँ।’
अर्की जाति का हूशय, जो दाऊद का मित्र था, अबशालोम के पास आया। उसने अबशालोम से यह कहा, ‘महाराज चिरायु हों! महाराज चिरायु हों!’
अत: इस्राएली कुलों के सब धर्मवृद्ध हेब्रोन नगर में राजा दाऊद के पास आए। राजा दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन नगर में प्रभु के सम्मुख सन्धि की। उन्होंने दाऊद को इस्राएली प्रदेश का भी राजा बनाने के लिए उसका अभिषेक किया।
वह आज नीचे घाटी में गया है। उसने अनेक बैलों, हृष्ट-पुष्ट पशुओं और भेड़ों की बलि की है, और राजकुमारों, सेनापति योआब और पुरोहित एबयातर को निमन्त्रित किया है। देखिए, वे उसके साथ खा-पी रहे हैं। वे यह भी कह रहे हैं’ “महाराज अदोनियाह अमर हों!”
वहां पुरोहित सादोक और नबी नातान सुलेमान को इस्राएली राष्ट्र का राजा अभिषिक्त करेंगे। तत्पश्चात् तुम लोग नरसिंगा फूंकना, और कहना, “महाराज सुलेमान अमर हों!”
पुरोहित सादोक ने शिविर में से तेल से भरा सींग निकाला, और तेल से सुलेमान का अभिषेक किया। उसके बाद उन्होंने नरसिंगा फूंका। सब जनता ने कहा, ‘राजा सुलेमान अमर हों!’
तत्पश्चात् यहोयादा ने राजकुमार योआश को बाहर निकाला। उसने राजकुमार के सिर पर मुकुट रखा, उसको साक्षी-पत्र सौंपा और उसका अभिषेक किया। जनता ने ताली बजाकर जय-जयकार किया। उन्होंने कहा, ‘राजा चिरायु हो!’
किन्तु राजा योराम की पुत्री यहोशाबा ने अहज्याह के पुत्र योआश का अन्य राजकुमारों के मध्य से, जिनकी हत्या की जाने वाली थी, अपहरण कर लिया। उसने योआश और उसकी धाय को शयनागार में छिपा दिया। यों यहोशाबा ने अतल्याह की दृष्टि से योआश को छिपा दिया, और अतल्याह उसका वध न कर सकी। यहोशाबा राजा योराम की पुत्री, पुरोहित यहोयादा की पत्नी और राजा अहज्याह की बहिन थी।
उसने सब लोगों के हाथों में शस्त्र दे दिए और उनको मन्दिर के दक्षिणी कोने से उत्तरी कोने तक, मन्दिर तथा वेदी के आस-पास राजकुमार योआश के पहरेदारों के रूप में खड़ा कर दिया।
रानी अतल्याह ने लोगों के जय-जयकार, गुणगान और आने-जाने की आवाज सुनी। वह प्रभु के भवन में लोगों के पास गई।
प्रभु ने याकूब में साक्षी स्थापित की है, और इस्राएल में व्यवस्था नियुक्त की है। उसने हमारे पूर्वजों को आज्ञा दी थी कि वे अपनी सन्तान को ये बातें सिखाएं,
तूने अपने सेवक के साथ अपने विधान को त्याग दिया; तूने उसके मुकुट को भूमि पर गिराकर अशुद्ध कर दिया।
तू दया-आसन को मंजूषा के ऊपर स्थापित करना। जो साक्षी-पत्र मैं तुझे दूँगा, उसे मंजूषा में रखना।
जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्त किया तब उन्हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्थर की दो पट्टियाँ दीं।
राजा तेरे बच्चों के पालक-पिता होंगे; रानियाँ उनको दूध पिलानेवाली धाइयाँ बनेंगी। वे भूमि की ओर सिर झुकाकर तुझे प्रणाम करेंगे, वे तेरे पैरों की धूल चाटेंगे। तब तुझे अनुभव होगा कि निस्सन्देह मैं ही प्रभु हूं; जो लोग मेरी प्रतीक्षा करते हैं, वे निराश नहीं होंगे।
प्रभु की शिक्षा और उसकी साक्षी की ओर लौटो! यदि तुम उन लोगों के कथन के अनुसार आचरण करोगे, तो तुम्हारे लिए ज्ञान की पौ न फटेगी।
येशु के आगे-आगे और उनके पीछे आनेवाले लोग यह नारा लगा रहे थे, “दाऊद के वंशज की जय हो! जय हो! धन्य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है! सर्वोच्च स्वर्ग में जय हो! जय हो!”
परन्तु हम यह देखते हैं कि येशु कुछ काल के लिए स्वर्गदूतों से छोटे बनाए गए थे, किन्तु मृत्यु की यन्त्रणा सहने के कारण येशु को महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया गया है। इस प्रकार वह परमेश्वर की कृपा से प्रत्येक मनुष्य के लिए मृत्यु का स्वाद चख सके।
धन्य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्तों को देने की प्रतिज्ञा की है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! सुन लीजिए। क्या परमेश्वर ने उन लोगों को नहीं चुना है, जो संसार की दृष्टि में दरिद्र हैं, ताकि वे विश्वास के धनी हो जायें और उस राज्य के उत्तराधिकारी बनें, जिसे उसने अपने भक्तों को प्रदान करने की प्रतिज्ञा की है?
उसकी आँखें अग्नि की तरह धधकती हैं और उसके सिर पर अनेक मुकुट हैं। उसके शरीर पर एक नाम अंकित है, जिसे उसके अतिरिक्त और कोई नहीं जानता।
तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :
सिंहासन के चारों ओर चौबीस धर्मवृद्ध विराजमान हैं। वे उजले वस्त्र पहने हैं और उनके सिर पर सोने के मुकुट हैं।
तूने उन्हें हमारे परमेश्वर के लिए पुरोहितों का राजवंश बना दिया है और वे पृथ्वी पर राज्य करेंगे।”
शमूएल ने तेल की एक कुप्पी ली। उसने तेल को शाऊल के सिर पर उण्डेला। तत्पश्चात् उसने उसका चुम्बन लिया और कहा, ‘प्रभु ने अपने निज लोग इस्राएलियों के अगुए के रूप में तुम्हारा अभिषेक किया है। तुम प्रभु के निज लोगों पर शासन करोगे। तुम उन्हें उनके चारों ओर के शत्रुओं के हाथ से बचाओगे। प्रभु ने अपनी निज सम्पत्ति पर शासन करने के लिए अगुए के रूप में तुम्हारा अभिषेक किया है, इस बात का तुम्हारे लिए ये चिह्न होंगे :
शमूएल ने लोगों से कहा, ‘जिस व्यक्ति को प्रभु ने चुना, उसे तुमने देख लिया कि सब लोगों में उसके समान दूसरा कोई भी नहीं है।’ लोगों ने जय-जयकार किया, ‘राजा चिरायु हो!’