इसके पश्चात् दाऊद ने प्रभु से यह पूछा, ‘क्या मैं यहूदा प्रदेश के किसी नगर में जा सकता हूँ?’ प्रभु ने उसको उत्तर दिया, ‘जा।’ दाऊद ने फिर पूछा, ‘मैं किस नगर में जाऊं?’ प्रभु ने कहा, ‘हेब्रोन नगर को जा।’
2 इतिहास 18:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहोशाफट ने इस्राएल प्रदेश के राजा अहाब से कहा, ‘आइए, पहले हम प्रभु का वचन प्राप्त करें।’ पवित्र बाइबल यहोशापात ने अहाब से यह कहा, “ओओ, पहले हम यहोवा से सन्देश प्राप्त करे।” Hindi Holy Bible फिर यहोशापात ते इस्राएल के राजा से कहा, आज यहोवा की आज्ञा ले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यहोशापात ने इस्राएल के राजा से कहा, “आओ, पहले यहोवा का वचन मालूम करें।” सरल हिन्दी बाइबल यहोशाफ़ात ने इस्राएल के राजा से कहा, “सबसे पहले याहवेह की इच्छा मालूम कर लें.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यहोशापात ने इस्राएल के राजा से कहा, “आओ, पहले यहोवा का वचन मालूम करें।” |
इसके पश्चात् दाऊद ने प्रभु से यह पूछा, ‘क्या मैं यहूदा प्रदेश के किसी नगर में जा सकता हूँ?’ प्रभु ने उसको उत्तर दिया, ‘जा।’ दाऊद ने फिर पूछा, ‘मैं किस नगर में जाऊं?’ प्रभु ने कहा, ‘हेब्रोन नगर को जा।’
दाऊद ने प्रभु से पूछा, ‘क्या मैं पलिश्तियों पर आक्रमण करूँ? क्या तू उन्हें मेरे हाथ में सौंप देगा?’ प्रभु ने दाऊद से कहा, ‘आक्रमण कर। मैं निश्चय ही पलिश्तियों को तेरे हाथ में सौंप दूँगा।’
दाऊद ने प्रभु से पूछा। प्रभु ने उससे कहा, ‘तू सामने से आक्रमण मत करना; बल्कि उनके पीछे से उन्हें घेरना, और मोखा वृक्षों के सामने से उन पर हमला करना।
इस्राएल प्रदेश के राजा अहाब ने यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट से कहा, ‘क्या आप मेरे साथ रामोत-गिलआद नगर को चलेंगे?’ यहोशाफट ने उत्तर दिया, ‘जो मेरा है, वह आप का है : मैं और मेरी सेना। हम युद्ध में आप से कन्धे से कन्धा मिलाकर शत्रु से लड़ेंगे’।
अत: इस्राएल प्रदेश के राजा अहाब ने नबियों को एकत्र किया। वे कुल चार सौ थे। राजा अहाब ने उनसे पूछा, ‘क्या हमें रामोत-गिलआद नगर से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए? अथवा मुझे युद्ध नहीं करना चाहिए?’ नबियों ने कहा, ‘आप आक्रमण कीजिए। परमेश्वर उसको महाराज के हाथ में सौंप देगा।’
परन्तु यहूदा प्रदेश के राजा से, जिसने तुम्हें मेरी इच्छा जानने के लिए भेजा है, यह कहना : इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : जो वचन तूने धर्म-पुस्तक से सुने हैं, उनके विषय में मेरी यह वाणी है।
मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।
‘बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने हम पर आक्रमण कर दिया है। आप, कृपया, इस सम्बन्ध में प्रभु से उसकी इच्छा मालूम कीजिए। कदाचित प्रभु हमारे मध्य अपने स्वभाव के अनुरूप आश्चर्यपूर्ण कार्य करे और राजा नबूकदनेस्सर हम पर आक्रमण करने का विचार छोड़ दे!’ तब प्रभु का यह सन्देश यिर्मयाह को मिला।
‘ओ मानव, तू इस्राएली राष्ट्र के धर्मवृद्धों से बोल, उनसे यह कह: “स्वामी-प्रभु यों कहता है : क्या तुम मेरी इच्छा जानने के लिए आए हो? मैं, स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मेरी इच्छा कभी नहीं जान पाओगे।”
अत: दाऊद ने प्रभु से यह पूछा ‘क्या मैं जाऊं और इन पलिश्तियों पर आक्रमण करूँ?’ प्रभु ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘जा, और पलिश्तियों पर आक्रमण कर। कईलाह नगर को बचा’
दाऊद ने प्रभु से फिर पूछा। प्रभु ने उसे उत्तर दिया, ‘उठ! कईलाह नगर को जा! मैं पलिश्ती सैनिकों को तेरे हाथ में सौंप दूँगा’