उसके सम्मुख दो गुण्डों को बैठाना। ये नाबोत के विरुद्ध गवाही देंगे, और यह कहेंगे, “तुमने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।” तब आप नाबोत को नगर से बाहर निकालना, उसको पत्थरों से मारना और उसका वध कर देना।’
1 शमूएल 2:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एली के पुत्र बदमाश और गुण्डे थे। उन्हें प्रभु का अनुभव नहीं था। पवित्र बाइबल एली के पुत्र बुरे व्यक्ति थे। वे यहोवा की परवाह नहीं करते थे। Hindi Holy Bible एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। सरल हिन्दी बाइबल एली के पुत्र बुरे चरित्र के थे. उनके लिए न तो याहवेह के अधिकार का कोई महत्व था; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहचाना। |
उसके सम्मुख दो गुण्डों को बैठाना। ये नाबोत के विरुद्ध गवाही देंगे, और यह कहेंगे, “तुमने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।” तब आप नाबोत को नगर से बाहर निकालना, उसको पत्थरों से मारना और उसका वध कर देना।’
तब दो गुण्डे आए। वे नाबोत के सम्मुख बैठ गए। गुण्डों ने जनता की उपस्थिति में नाबोत के विरुद्ध साक्षी दी। उन्होंने कहा, ‘नाबोत ने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।’ अत: धर्मवृद्ध और अभिजात वर्ग के लोग नाबोत को पकड़ कर नगर के बाहर ले गए। उन्होंने उसको पत्थरों से मारा, और उसका वध कर दिया।
पुरोहित अब मुझसे नहीं पूछते हैं, “प्रभु कहां है?” व्यवस्था के आचार्य मुझे नहीं जानते हैं। राज्य के उच्चाधिकारी मेरे प्रति अपराध करते हैं। नबी बअल देवता के नाम से नबूवत करते हैं, और निरर्थक मूर्तियों का अनुसरण करते हैं।
वह निर्धन और निस्सहाय लोगों का न्याय करता था, इसलिए उसका भला हुआ। ऐसा कार्य करना ही मुझे जानना है। मुझ-प्रभु की यह वाणी है!
वे झूठ का शब्द फेंकने के लिए धनुष के सदृश अपनी जीभ को, प्रत्यंचा पर चढ़ाते हैं; सच्चाई नहीं, वरन् असत्य की फसल सारे देश में खूब पैदा हो रही है! वे दुष्कर्म पर दुष्कर्म करते जाते हैं। उनके विषय में स्वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्थिति का अनुभव नहीं करते हैं।’
वे अत्याचार पर अत्याचार, बार-बार छल-कपट करते हैं; उनके विषय में स्वयं प्रभु कहता है: ‘वे मेरी उपस्थिति का अनुभव करना नहीं चाहते।’
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
वे तुझे, एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और येशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जान लें− यही शाश्वत जीवन है।
यद्यपि तुम उसे नहीं जानते− पर मैं उसे जानता हूँ। यदि मैं कहता कि उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी तरह झूठा बन जाता। किन्तु मैं उसे जानता हूँ और उसके वचन का पालन करता हूँ।
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर को जानते हुए भी उसे परमेश्वर के रूप में समुचित आदर और धन्यवाद नहीं दिया। उनका समस्त चिन्तन व्यर्थ चला गया और उनका विवेकहीन मन अन्धकारमय हो गया।
कि तेरे मध्य से ही अधम पुरुष निकले हैं; और उन्होंने यह कहकर नगर-वासियों को पथ-भ्रष्ट किया है, “आओ, हम चलें और दूसरे देवताओं की पूजा करें,” जिन्हें तू नहीं जानता था,
तो तू पूछताछ करना, जांच-पड़ताल करना और सावधानी से प्रश्न करना। यदि यह बात सच और पक्की हो कि तेरे मध्य में ऐसा घृणित कार्य किया गया है,
जब वे आनन्द मना रहे थे तब नगर के गुण्डों-बदमाशों ने घर को घेर लिया। वे दरवाजे को जोर-जोर से खटखटाने लगे। उन्होंने घर के स्वामी, बूढ़े मनुष्य से कहा, ‘उस पुरुष को घर से बाहर निकालो, जो तुम्हारे घर में आया है। हम उससे सम्भोग करेंगे।’
यहोशुअ की समकालीन पीढ़ी भी अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिल गई। उनके पश्चात् नई पीढ़ी का उदय हुआ। यह पीढ़ी न प्रभु को जानती थी, और न उसके आश्चर्यपूर्ण कार्यों को जो उसने इस्राएलियों के हितार्थ किए थे।
परन्तु कुछ बदमाश लोगों ने कहा, ‘यह आदमी किस प्रकार हमें शत्रुओं के हाथ से बचा सकता है?’ अत: उन्होंने शाऊल का तिरस्कार किया, और उसको भेंट नहीं चढ़ाई। किन्तु शाऊल चुप रहा।
अब इस बात को समझिए, और देखिए कि क्या करना चाहिए। दाऊद और उनके सैनिक हमारे स्वामी और हमारे समस्त परिवार का अनिष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं। उधर हमारे स्वामी का स्वभाव ऐसा है कि कोई उनसे बात भी नहीं कर सकता।’
तू उसे यह बात बताएगा कि मैं उसके परिवार को स्थाई रूप से दण्डित कर रहा हूँ; क्योंकि वह अपने पुत्रों के अधर्म को जानता था कि वे परमेश्वर की निन्दा कर रहे हैं, फिर भी उसने उन्हें नहीं रोका!
शमूएल को प्रभु का अनुभव अब तक नहीं हुआ था। प्रभु का वचन अब तक उस पर प्रकट नहीं किया गया था।