प्रभु सुलेमान से क्रुद्ध हो गया; क्योंकि सुलेमान का हृदय इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर से, जिसने उसे दो बार दर्शन दिए थे, विमुख हो गया था।
1 राजाओं 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु परमेश्वर ने वहां रात के समय स्वप्न में सुलेमान को दर्शन दिया। परमेश्वर ने कहा, ‘मांग, मैं तुझे क्या दूं?’ पवित्र बाइबल जब सुलैमान गिबोन में था उस रात को उसके पास स्वपन में यहोवा आया। परमेश्वर ने कहा, “जो चाहते हो तुम माँगो, मैं उसे तुम्हें दूँगा।” Hindi Holy Bible गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग।” सरल हिन्दी बाइबल गिबयोन नगर में ही याहवेह शलोमोन पर सपने में दिखे. परमेश्वर ने उनसे कहा, “मांगो, जो तुम्हारी मनोकामना है!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग।” |
प्रभु सुलेमान से क्रुद्ध हो गया; क्योंकि सुलेमान का हृदय इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर से, जिसने उसे दो बार दर्शन दिए थे, विमुख हो गया था।
प्रभु ने कहा, ‘मेरे वचन सुनो : यदि तुम्हारे मध्य कोई नबी है, तो मैं-प्रभु दर्शन के माध्यम से उस पर स्वयं को प्रकट करता हूं, मैं स्वप्न में उससे वार्तालाप करता हूं।
वह इस पर विचार कर ही रहा था कि उसे स्वप्न में प्रभु का दूत दिखाई दिया। दूत ने उससे कहा, “यूसुफ! दाऊद के वंशज! अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ लाने में नहीं डरें, क्योंकि उनके जो गर्भ है, वह पवित्र आत्मा से है।
उनके जाने के बाद प्रभु का दूत यूसुफ को स्वप्न में दिखाई दिया और यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश भाग जाइए। जब तक मैं आप से न कहूँ, वहीं रहिए; क्योंकि हेरोदेस इस बालक को मरवा डालने के लिए इस को ढूँढ़ने वाला है।”
राजा हेरोदेस की मृत्यु के बाद प्रभु का दूत मिस्र देश में यूसुफ को स्वप्न में दिखाई दिया और
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, तुम जो कुछ प्रार्थना में माँगते हो, विश्वास करो कि वह तुम्हें मिल गया है और वह तुम्हें दिया जाएगा।
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
यदि तुम मुझ में रहो और मेरी शिक्षा तुम में बनी रहती है, तो चाहे जो माँगो, वह तुम्हारे लिए हो जाएगा।