सर्वशक्तिमान परमेश्वर को कौन पा सकता है? वह अत्यन्त सामर्थी और न्यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्याचार नहीं कर सकता।
1 तीमुथियुस 6:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो अमरता का एकमात्र स्रोत है, जो अगम्य ज्योति में निवास करता है, जिसे न तो किसी मनुष्य ने कभी देखा है और न कोई देख सकता है। उसे सम्मान प्राप्त हो तथा उसका सामर्थ्य युगानुयुग बना रहे! आमेन! पवित्र बाइबल वह अगम्य प्रकाश का निवासी है। उसे न किसी ने देखा है, न कोई देख सकता है। उसका सम्मान और उसकी अनन्त शक्ति का विस्तार होता रहे। आमीन। Hindi Holy Bible और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। नवीन हिंदी बाइबल जो एकमात्र अमर है, और अगम्य ज्योति में वास करता है, जिसे किसी मनुष्य ने न तो देखा है और न ही देख सकता है; उसी का आदर और पराक्रम युगानुयुग हो। आमीन। सरल हिन्दी बाइबल सिर्फ वही अमर्त्य हैं, जिनका वास अपार ज्योति में है. जिन्हें किसी ने न तो कभी देखा है और न ही देख सकता है. उनकी महिमा और प्रभुता निरंतर रहे. आमेन. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। (1 तीमु. 1:17) |
सर्वशक्तिमान परमेश्वर को कौन पा सकता है? वह अत्यन्त सामर्थी और न्यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्याचार नहीं कर सकता।
पर्वतों के उत्पन्न होने के पहिले, तेरे द्वारा संसार की सृष्टि होने के पूर्व, युग-युगान्त से तू ही परमेश्वर है।
परमेश्वर ने मूसा से कहा, ‘मैं हूं, जो मैं हूं।’ परमेश्वर ने फिर कहा, ‘इस्राएली लोगों से यह कहना : “मैं-हूं ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” ’
उसने यह भी कहा, ‘तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मुझे देखकर जीवित नहीं रह सकता।’
सर्वोच्च और महान परमेश्वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्च और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्ति की आत्मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।
सूर्य के प्रकाश के सदृश उसकी ज्योति थी। उसके हाथ से किरणें निकल रही थीं। उसके हाथ में उसका बल छिपा था।
किसी ने कभी परमेश्वर को नहीं देखा; पर एकलौते पुत्र ने, जो स्वयं परमेश्वर है और जो पिता की गोद में है, उसको प्रकट किया है।
येशु ने कहा, “फिलिप! मैं इतने समय तक तुम लोगों के साथ रहा, फिर भी तुम ने मुझे नहीं जाना? जिसने मुझे देखा है, उसने पिता को भी देखा है। फिर तुम यह क्या कहते हो : ‘हमें पिता के दर्शन कराइए’?
“यह न समझो कि किसी ने पिता को देखा है; केवल उसी ने पिता को देखा है, जो परमेश्वर की ओर से आया है।
येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : अब्राहम के जन्म लेने के पहले से ही मैं हूँ।”
युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्य और अतुल्य परमेश्वर का सम्मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे!
सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्धकार।
वह संदेश जो हमने येशु से सुना और अब तुम को भी सुनाते हैं, यह है-परमेश्वर ज्योति है और उस में कोई भी अन्धकार नहीं!
परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।
परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा। यदि हम एक दूसरे से प्रेम करते हैं, तो परमेश्वर हम में निवास करता है और हम में उसका प्रेम परिपूर्णता तक पहुंच जाता है।
जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा मुक्ति प्रदान करता है, उसी एकमात्र परमेश्वर को अनादि काल से, अभी और युग-युगान्तर तक महिमा, प्रताप, सामर्थ्य और अधिकार प्राप्त हो! आमेन!
और अपने पिता परमेश्वर के लिए हमें पुरोहितों का राजवंश बनाया। उनकी महिमा और उनका सामर्थ्य युग-युगों तक बना रहे! आमेन!
जो है, जो था और जो आनेवाला है, वही सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर कहता है, “अल्फा और ओमेगा मैं हूँ।”
तब मुझे सिंहासन से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्यों के बीच परमेश्वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्वर स्वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्वर होगा।
वहाँ फिर कभी रात नहीं होगी। उन्हें दीपक या सूर्य के प्रकाश की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें आलोकित करेगा और वे युग-युगों तक राज्य करेगे।
“हमारे प्रभु परमेश्वर! तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्योंकि तूने समस्त विश्व की सृष्टि की। तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।”
“आमेन! हमारे परमेश्वर को युगानुयुग तक स्तुति, महिमा, प्रज्ञ, धन्यवाद, सम्मान, सामर्थ्य और शक्ति! आमेन!”