1 तीमुथियुस 3:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह मद्यसेवी या क्रोधी नहीं, बल्कि सहनशील हो। वह झगड़ालू या लोभी न हो। पवित्र बाइबल वह पियक्कड़ नहीं होना चाहिए, न ही उसे झगड़ालू होना चाहिए। उसे तो सज्जन तथा शांतिप्रिय होना चाहिए। उसे पैसे का प्रेमी नहीं होना चाहिए। Hindi Holy Bible पियक्कड़ या मार पीट करने वाला न हो; वरन कोमल हो, और न झगड़ालू, और न लोभी हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पियक्कड़ या मारपीट करनेवाला न हो; वरन् कोमल हो, और न झगड़ालु, और न धन का लोभी हो। नवीन हिंदी बाइबल पियक्कड़ और मारपीट करनेवाला न हो बल्कि विनम्र हो, और न ही झगड़ालू और धन का लोभी हो। सरल हिन्दी बाइबल वह पीनेवाला, झगड़ालू, अधीर, विवादी तथा पैसे का लालची न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पियक्कड़ या मारपीट करनेवाला न हो; वरन् कोमल हो, और न झगड़ालू, और न धन का लोभी हो। |
धन का लोभी मनुष्य, जो अन्याय से धन कमाता है, अपने परिवार को संकट में डालता है; पर घूस से घृणा करनेवाला व्यक्ति जीवित रहेगा।
कार्य के आरम्भ से उसका अन्त उत्तम है, अहंकारी पुरुष की अपेक्षा धीरज रखने वाला पुरुष श्रेष्ठ है।
एफ्रइम राज्य के शराबियों के अहंकारमय मुकुट को धिक्कार! उत्तरी राज्य के कान्तिमय सौंदर्य के मुरझाते हुए फूल को धिक्कार! यह मदिरा से मस्त शराबियों की उपजाऊ घाटी के ऊपरी भाग में खिला है।
यरूशलेम के पुरोहित और नबी भी मदिरा पीकर डगमगाते हैं : वे शराब के कारण लड़खड़ाते हैं। निस्सन्देह पुरोहित और नबी मदिरा पीकर डगमगाते हैं। मदिरा के कारण उनकी मति भ्रष्ट हो गई; वे प्रभु के दर्शन को समझने में भूल करते हैं। वे फैसला सुनाते समय शराब के कारण लड़खड़ाते हैं।
‘बच्चों से बूढ़ों तक, गरीब से अमीर तक हर कोई अन्याय से कमाए गए धन का लोभी बन गया है। नबी से पुरोहित तक सब मनुष्य झूठ का सौदा करते हैं।
अत: मैं उनकी स्त्रियां और उनके खेत विजेता शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा। क्योंकि छोटे से बड़े तक, हर कोई मनुष्य अन्याय से कमाए गए धन का लोभी बन गया है। नबी से पुरोहित तक सब मनुष्य झूठ का सौदा करते हैं।
‘जब तू अथवा तेरे साथ तेरे पुत्र मिलन-शिविर में प्रवेश करें तब अंगूर का रस या मदिरा मत पीना। ऐसा न हो कि तुम मर जाओ। यह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी के लिए स्थायी संविधि है।
यदि कोई खाली बातें करता और झूठ बोलता हुआ, इधर-उधर फिरता है, और यह कहता है, ‘मैं तुम्हें मदिरा और शराब के पक्ष में उपदेश दूंगा’ तो ये लोग उसको अपना उपदेशक स्वीकार कर लेते हैं!
तुम्हारे अगुए घूस लेकर न्याय करते, पुरोहित पैसे लेकर धर्म की बातें सिखाते, और नबी धन के लिए शकुन विचारते हैं; फिर भी वे प्रभु का सहारा लेते, और यह कहते हैं, ‘निस्सन्देह प्रभु हमारे मध्य है! हम विपत्ति में नहीं पड़ेंगे।’
प्रभु ने नबियों के विषय में यह कहा है: ‘इन नबियों ने मेरे लोगों को पथभ्रष्ट किया है: जब इनके पेट भरे रहते हैं तब वे आश्वासन देते हैं, कि युद्ध नहीं होगा! पर जब लोग उन्हें खाने को नहीं देते तब वे उनको युद्ध की धमकी देते हैं।’
‘काश! तुम्हारे मध्य कोई ऐसा व्यक्ति होता जो मेरे मन्दिर के दरवाजों को बन्द कर देता, जिससे तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ अग्नि नहीं जलाते। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: मुझे तुममें कोई रुचि नहीं रही। मैं तुम्हारे हाथ से भेंट स्वीकार नहीं करूंगा।
और उन से कहा, “धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा,’ परन्तु तुम लोग उसे लुटेरों का अड्डा बना रहे हो।”
वे हमारे प्रभु मसीह की सेवा नहीं, बल्कि अपने पेट की पूजा करते हैं। वे चिकनी-चुपड़ी और खुशामद-भरी बातों से भोले-भाले लोगों को भुलावे में डालते हैं।
मदिरा पी कर मतवाले नहीं बनें, क्योंकि इससे विषय-वासना उत्पन्न होती है, बल्कि पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जायें।
भाइयो और बहिनो! हम आप से अनुरोध करते हैं कि आप आलसियों को चेतावनी दें, भीरुओं को सान्त्वना दें, दुर्बलों को संभालें और सब के साथ सहनशीलता का व्यवहार करें।
मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारने वाले, अहंकारी और परनिन्दक होंगे। वे अपने माता-पिता की आज्ञा नहीं मानेंगे। उन में कृतज्ञता, पवित्रता,
ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।
परमेश्वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्दनीय हो। वह स्वेच्छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो।
इसी प्रकार वृद्धाओं का आचरण प्रभु-भक्तों के अनुरूप हो। वे किसी की झूठी निन्दा न करें और न मदिरा की व्यसनी हों। वे अपने सदाचरण द्वारा
किसी की निन्दा न करें, झगड़ालू नहीं, बल्कि सहनशील हों और सब लोगों के साथ नम्र व्यवहार करें।
आप लोग धन का लालच न करें। जो आपके पास है, उस से सन्तुष्ट रहें; क्योंकि परमेश्वर ने स्वयं कहा है, “मैं तुझको नहीं छोड़ूँगा। मैं तुझको कभी नहीं त्यागूँगा।”
आप लोगों में द्वेष और लड़ाई-झगड़ा कहां से आता है? क्या इसका कारण यह नहीं है कि आपकी वासनाएँ आप के अन्दर लड़ाई करती हैं?
आप लोगों को परमेश्वर का जो झुण्ड सौंपा गया, उसका चरवाहा बनें, परमेश्वर की इच्छा के अनुसार उसकी देखभाल करें-लाचारी से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से; घिनावने लाभ के लिए नहीं, बल्कि सेवाभाव से;
वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!
धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।
मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था।
परन्तु शमूएल के पुत्र अपने पिता के मार्ग पर नहीं चले। वे पैसा कमाने के लिए अनुचित तरीका अपनाते थे। वे घूस लेकर न्याय को भ्रष्ट करते थे।