क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
1 कुरिन्थियों 7:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूसरी ओर, यदि विश्वास नहीं करने वाला जीवन साथी अलग हो जाना चाहे, तो वह अलग हो जाये। ऐसी स्थिति में विश्वास करने वाला भाई या बहिन बाध्य नहीं है। फिर भी परमेश्वर ने आप को शान्ति का जीवन बिताने के लिए बुलाया है। पवित्र बाइबल फिर भी यदि कोई अविश्वासी अलग होना चाहता है तो वह अलग हो सकता है। ऐसी स्थितियों में किसी मसीही भाई या बहन पर कोई बंधन लागू नहीं होगा। परमेश्वर ने हमें शांति के साथ रहने को बुलाया है। Hindi Holy Bible परन्तु जो पुरूष विश्वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो, तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बन्धन में नहीं; परन्तु परमेश्वर ने तो हमें मेल मिलाप के लिये बुलाया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जो पुरुष विश्वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बन्धन में नहीं। परमेश्वर ने हमें मेलमिलाप के लिये बुलाया है। नवीन हिंदी बाइबल परंतु यदि अविश्वासी अलग होता है, तो उसे अलग होने दो; ऐसी स्थिति में कोई भाई या बहन बंधन में नहीं है। परमेश्वर ने हमें शांतिपूर्ण जीवन के लिए बुलाया है। सरल हिन्दी बाइबल फिर भी यदि अविश्वासी दंपति अलग होना चाहे तो उसे हो जाने दिया जाए. कोई भी विश्वासी भाई या विश्वासी बहन इस बंधन में बंधे रहने के लिए बाध्य नहीं. परमेश्वर ने हमें शांति से भरे जीवन के लिए बुलाया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जो पुरुष विश्वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो, तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहन बन्धन में नहीं; परन्तु परमेश्वर ने तो हमें मेल-मिलाप के लिये बुलाया है। |
क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
उसे एक आत्मा लग जाया करती है, जिससे वह अचानक चिल्ला उठता है। वह इसे ऐसा मरोड़ती है कि यह मुँह से झाग डालने लगता है। वह इसे क्षत-विक्षत करती है और बड़ी कठिनाई से इसको छोड़ती है।
हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।
क्योंकि परमेश्वर अव्यवस्था का नहीं, वरन शान्ति का परमेश्वर है। सन्तों की सभी कलीसियाओं की तरह
भाइयो और बहिनो, अब विदा! सब-कुछ सुव्यवस्थित कीजिए। मेरे अनुरोध पर ध्यान दीजिए। एक मत रहिए, और शांति बनाए रखिए। तब प्रेम तथा शान्ति का परमेश्वर आप के साथ होगा।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
सब के साथ शान्ति बनायें रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई व्यक्ति प्रभु के दर्शन नहीं कर पायेगा।