यूसुफ ने कहा, ‘ऐसा कार्य मुझसे दूर ही रहे। जिस व्यक्ति के अधिकार में चषक पाया गया है, वही मेरा गुलाम बनेगा। तुम लोग सकुशल अपने पिता के पास चले जाओ।’
1 कुरिन्थियों 6:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या आप लोग यह नहीं जानते कि आपका शरीर मसीह का अंग है? तो, क्या मैं मसीह का अंग ले कर उसे वेश्या का अंग बना दूं? कभी नहीं! पवित्र बाइबल क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर स्वयं यीशु मसीह से जुड़े हैं? तो क्या मुझे उन्हें, जो मसीह के अंग हैं, किसी वेश्या के अंग बना देना चाहिये? Hindi Holy Bible क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं। नवीन हिंदी बाइबल क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंगों को लेकर वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं! सरल हिन्दी बाइबल क्या तुम्हें मालूम नहीं कि तुम सबके शरीर मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंगों को वेश्या के अंग बना दूं? ऐसा बिलकुल न हो! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं। |
यूसुफ ने कहा, ‘ऐसा कार्य मुझसे दूर ही रहे। जिस व्यक्ति के अधिकार में चषक पाया गया है, वही मेरा गुलाम बनेगा। तुम लोग सकुशल अपने पिता के पास चले जाओ।’
तो, क्या हम इस विश्वास द्वारा व्यवस्था को रद्द करते हैं? कदापि नहीं! हम व्यवस्था की पुष्टि करते हैं।
तो, क्या हम इसलिए पाप करें कि हम व्यवस्था के नहीं, बल्कि अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!
तो, जो बात कल्याणकारी थी, क्या वह मेरे लिए मृत्यु का कारण बनी? कदापि नहीं! किन्तु जो बात कल्याणकारी थी, उसी के द्वारा पाप मेरे लिए मृत्यु का कारण बना। इस प्रकार पाप का वास्तविक स्वरूप प्रकट हो गया और वह आज्ञा के माध्यम से बहुत अधिक पापमय प्रमाणित हुआ।
क्या इसका अर्थ यह है कि व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! फिर भी व्यवस्था के द्वारा ही पाप का पता चला। यदि व्यवस्था ने नहीं कहा होता : “लालच मत करो” तो मैं यह नहीं जानता कि लालच क्या है।
फिर भी मैं आप को यह बताना चाहता हूँ कि मसीह प्रत्येक पुरुष के शीर्ष हैं; पुरुष अपनी पत्नी का शीर्ष है, लेकिन मसीह का शीर्ष परमेश्वर ही है।
कोई यह भी कहेगा, “किन्तु भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए।” हां, किन्तु परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा। शरीर व्यभिचार के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए है और प्रभु शरीर के लिए।
क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;
क्या आप यह नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्या!
यदि हम भी, जो मसीह द्वारा धार्मिक ठहरना चाहते हैं, पापी प्रमाणित हो जाते हैं, तो क्या इसका निष्कर्ष यह है कि मसीह पाप को बढ़ावा देते हैं? कभी नहीं!
तो क्या व्यवस्था और परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में विरोध है? कभी नहीं! यदि ऐसी व्यवस्था की घोषणा हुई होती, जो जीवन प्रदान करने में समर्थ थी, तो व्यवस्था के पालन द्वारा ही मनुष्य धार्मिक ठहरता।
परन्तु परमेश्वर न करे कि हमारे प्रभु येशु मसीह के क्रूस के अतिरिक्त-किसी अन्य बात पर गर्व करूँ। उन्हीं के कारण संसार मेरी दृष्टि में क्रूसित हो चुका है और मैं संसार की दृष्टि में।
इस प्रकार उन्होंने सेवा-कार्य के लिए सन्तों को योग्य बनाया, जिससे मसीह की देह का निर्माण उस समय तक होता रहे,
क्योंकि पति उसी तरह पत्नी का शीर्ष है, जिस तरह मसीह कलीसिया का शीर्ष हैं और स्वयं अपनी उस देह के मुक्तिदाता हैं।
और इस प्रकार शीर्ष अर्थात् मसीह से संयुक्त नहीं रह पाते। मसीह वह शीर्ष हैं जिससे समस्त शरीर सन्धियों और स्नायुओं द्वारा पोषित और संगठित हो कर परमेश्वर की इच्छानुसार बढ़ता है।