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1 कुरिन्थियों 6:15 - नवीन हिंदी बाइबल

15 क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंगों को लेकर वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं!

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पवित्र बाइबल

15 क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर स्वयं यीशु मसीह से जुड़े हैं? तो क्या मुझे उन्हें, जो मसीह के अंग हैं, किसी वेश्या के अंग बना देना चाहिये?

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Hindi Holy Bible

15 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 क्‍या आप लोग यह नहीं जानते कि आपका शरीर मसीह का अंग है? तो, क्‍या मैं मसीह का अंग ले कर उसे वेश्‍या का अंग बना दूं? कभी नहीं!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 क्या तुम्हें मालूम नहीं कि तुम सबके शरीर मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंगों को वेश्या के अंग बना दूं? ऐसा बिलकुल न हो!

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1 कुरिन्थियों 6:15
25 क्रॉस रेफरेंस  

उसने कहा, “ऐसा करना मुझसे दूर ही रहे, जिस व्यक्‍ति के पास से वह कटोरा मिला है, वही मेरा दास होगा; परंतु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुम शांति से अपने पिता के पास चले जाओ।”


वह आएगा और उन किसानों का नाश करेगा, और अंगूर का बगीचा दूसरों को दे देगा।” यह सुनकर उन्होंने कहा, “ऐसा कभी न हो।”


उसी प्रकार हम अनेक होते हुए भी मसीह में एक देह हैं, और आपस में एक दूसरे के अंग हैं।


तो क्या विश्‍वास के द्वारा हम व्यवस्था को व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं! बल्कि हम व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं।


कदापि नहीं! अन्यथा परमेश्‍वर जगत का न्याय कैसे करेगा?


तो क्या? क्या हम इसलिए पाप करें क्योंकि हम व्यवस्था के अधीन नहीं बल्कि अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!


कदापि नहीं! हम जो पाप के प्रति मर गए तो अब उसमें कैसे जीवन बिताएँ?


तो क्या वह जो भली है, मेरे लिए मृत्यु का कारण बनी? कदापि नहीं! बल्कि पाप उस भली बात के द्वारा मुझमें मृत्यु उत्पन्‍न‍ करनेवाला हुआ जिससे कि वह पाप के रूप में प्रकट हो जाए और आज्ञा के द्वारा और भी अधिक पापमय ठहरे।


तो हम क्या कहें? क्या व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! बल्कि व्यवस्था के बिना मैं पाप को नहीं जान पाता। क्योंकि यदि व्यवस्था न कहती, “तू लालच न करना,” तो मैं लालच के विषय में नहीं जानता।


परंतु मैं चाहता हूँ कि तुम यह जान लो कि प्रत्येक पुरुष का सिर मसीह है, और स्‍त्री का सिर पुरुष है, और मसीह का सिर परमेश्‍वर है।


तुम मिलकर मसीह की देह और व्यक्‍तिगत रूप से उसके अंग हो।


भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए, परंतु परमेश्‍वर इन दोनों को नष्‍ट करेगा। फिर भी देह व्यभिचार के लिए नहीं बल्कि प्रभु के लिए है, और प्रभु देह के लिए है।


परंतु जो प्रभु से जुड़ जाता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।


क्या तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मंदिर है जो तुममें है, और परमेश्‍वर की ओर से तुम्हें मिला है? और तुम अपने नहीं हो,


क्या तुम नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? सांसारिक विषयों की तो बात ही छोड़ो।


अब हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि स्वयं ही पापी निकलें, तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं!


तो क्या व्यवस्था परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाओं के विरुद्ध है? कदापि नहीं! क्योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी गई होती जो जीवन प्रदान कर सकती थी तो वास्तव में धार्मिकता व्यवस्था से होती।


परंतु ऐसा कभी न हो कि मैं हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस को छोड़ किसी और बात पर घमंड करूँ, जिसके द्वारा संसार मेरे प्रति क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है और मैं संसार के प्रति।


कि पवित्र लोग सेवाकार्य के योग्य हो जाएँ जिससे मसीह की देह की तब तक उन्‍नति हो,


क्योंकि पति पत्‍नी का सिर है जैसे मसीह कलीसिया का सिर है और स्वयं देह का उद्धारकर्ता भी है।


क्योंकि हम उसकी देह के अंग हैं।


और उस सिर से जुड़ा नहीं रहता जिसके द्वारा सारी देह जोड़ों और अस्थिबंधों के माध्यम से पोषित और सुगठित होकर परमेश्‍वर की ओर से बढ़ती है।


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