तुमने अपने भाई-बन्धु के बन्धक अकारण रख लिये हैं; तुमने नग्न व्यक्तियों के भी कपड़े उतार लिये हैं!
1 कुरिन्थियों 4:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम इस समय भी भूखे और प्यासे हैं, फटे-पुराने कपड़े पहनते हैं, मार खाते हैं, भटकते फिरते हैं पवित्र बाइबल इस घड़ी तक हम तो भूखे-प्यासे हैं। फटे-पुराने चिथड़े पहने हैं। हमारे साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। हम बेघर हैं। Hindi Holy Bible हम इस घड़ी तक भूखे-प्यासे और नंगे हैं, और घूंसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम इस घड़ी तक भूखे प्यासे और नंगे हैं, और घूसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं; नवीन हिंदी बाइबल इस घड़ी तक हम भूखे-प्यासे और नंगे हैं, हम मार खाते और मारे-मारे फिरते हैं, सरल हिन्दी बाइबल इस समय भी हम भूखे-प्यासे और अपर्याप्त वस्त्रों में हैं, सताए जाते तथा मारे-मारे फिरते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम इस घड़ी तक भूखे प्यासे और नंगे हैं, और घूसे खाते हैं और मारे-मारे फिरते हैं; |
तुमने अपने भाई-बन्धु के बन्धक अकारण रख लिये हैं; तुमने नग्न व्यक्तियों के भी कपड़े उतार लिये हैं!
येशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के लिए माँदें हैं और आकाश के पक्षियों के लिए घोंसले, परन्तु मानव पुत्र के लिए सिर रखने को भी कहीं स्थान नहीं है।”
किन्तु अन्ताकिया तथा इकोनियुम से कुछ यहूदी आ पहुंचे। उन्होंने जनता को अपने पक्ष में मिला लिया। उन्होंने पौलुस को पत्थरों से मारा और मृत समझ कर उन्हें नगर के बाहर घसीट कर ले गये।
उन्होंने पौलुस और सीलास को बेंतों से बहुत मारा और बन्दीगृह में डाल दिया। उन्होंने बन्दीगृह के अधीक्षक को आदेश दिया कि वह सावधानी से उनकी रखवाली करे।
इस पर प्रधान महापुरोहित हनन्याह ने पास खड़े लोगों को आदेश दिया कि वे पौलुस के मुंह पर थप्पड़ मारें।
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग कर सकता है? क्या विपत्ति या संकट? क्या अत्याचार, भूख, नग्नता, जोखिम या तलवार?
जब कोई आपकी स्वतन्त्रता छीनता, आपकी धन-संपत्ति खा जाता, आपका शोषण करता, आपके प्रति तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करता अथवा आप को थप्पड़ मारता है, तो आप यह सब सह लेते हैं।
हम कष्टों से घिरे रहते हैं, परन्तु कभी हार नहीं मानते। हम परेशान होते हैं, परन्तु कभी निराश नहीं होते।
मैं दरिद्रता तथा सम्पन्नता, दोनों से परिचित हूँ। चाहे परितृप्ति हो या भूख, समृद्धि हो या अभाव-मुझे जीवन के उतार-चढ़ाव का पूरा अनुभव है।
तुम जानते हो कि अन्ताकिया, इकोनियुम तथा लुस्त्रा जैसे नगरों में मुझ पर क्या-क्या अत्याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्याचार सहे! किन्तु प्रभु सब में मेरी रक्षा करता रहा है।