परमेश्वर के तीरंदाज मेरे चारों तरफ है। वह मेरे गुर्दों को बाणों से बेधता है। वह दया नहीं दिखाता है। वह मेरे पित्त को धरती पर बिखेरता है।
विलापगीत 2:11 - पवित्र बाइबल मेरे नयन आँसुओं से दु:ख रहे हैं! मेरा अंतरंग व्याकुल है! मेरे मन को ऐसा लगता है जैसे वह बाहर निकल कर धरती पर गिरा हो! मुझको इसलिये ऐसा लगता है कि मेरे अपने लोग नष्ट हुए हैं। सन्तानें और शिशु मूर्छित हो रहें हैं। वे नगर के गलियों और बाजारों में मूर्छित पड़े हैं। Hindi Holy Bible मेरी आंखें आंसू बहाते बहाते रह गई हैं; मेरी अन्तडिय़ां ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन दूधपिउवे बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्च्छित होते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्चे नगर के चौराहों पर मूर्च्छित पड़े हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मेरी आँखें आँसू बहाते बहाते धुँधली पड़ गई हैं; मेरी अन्तड़ियाँ ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन् दूध–पीते बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्च्छित होते हैं। सरल हिन्दी बाइबल रोते-रोते मेरे नेत्र अपनी ज्योति खो चुके हैं, मेरे उदर में मंथन हो रहा है; मेरा पित्त भूमि पर बिखरा पड़ा है; इसके पीछे मात्र एक ही कारण है; मेरी प्रजा की पुत्री का सर्वनाश, नगर की गलियों में मूर्च्छित पड़े हुए शिशु एवं बालक. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन् दूध-पीते बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्छित होते हैं। |
परमेश्वर के तीरंदाज मेरे चारों तरफ है। वह मेरे गुर्दों को बाणों से बेधता है। वह दया नहीं दिखाता है। वह मेरे पित्त को धरती पर बिखेरता है।
जिन बातों का तूने वचन दिया था, मैं उनकी बाँट जोहता रहता हूँ। किन्तु मेरी आँखे थकने लगी है। हे यहोवा, मुझे कब तू आराम देगा
मेरी शक्ति धरती पर बिखरे जल सी लुप्त हो गई। मेरी हड्डियाँ अलग हो गई हैं। मेरा साहस खत्म हो चुका है।
हे यहोवा, मुझ पर अनेक संकट हैं। सो मुझ पर कृपा कर। मैं इतना व्याकुल हूँ कि मेरी आँखें दु:ख रही हैं। मेरे गला और पेट पीड़ित हो रहे हैं।
मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ। मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ।
मेरे शत्रुओं ने मुझे बहुतेरे दु:ख दिये। इसने मुझे शोकाकुल और बहुत दु:खी कर डाला और अब मेरी आँखें रोने बिलखने से थकी हारी, दुर्बल हैं।
सहायता को पुकारते मैं दुर्बल होता जा रहा हूँ। मेरा गला दु:ख रहा है। मैं बाट जोह रहा हूँ तुझसे सहायता पाने और देखते—देखते मेरी आँखें दु:ख रही है।
मैं इसलिए कहता हूँ, “मेरी तरफ मत देखो, बस मुझको रोने दो! यरूशलेम के विनाश पर मुझे सान्त्वना देने के लिये मेरी ओर मत लपको।”
मैं कबूतर सा रोता रहा। मैं एक पक्षी जैसा रोता रहा। मेरी आँखें थक गयी तो भी मैं लगातर आकाश की तरफ निहारता रहा। मेरे स्वामी, मैं विपत्ति में हूँ मुझको उबारने का वचन दे।”
तेरे लोग दुर्बल हो गये। वे वहाँ धरती पर गिर पड़े हैं और वहीं पड़े रहेंगे। वे लोग वहाँ हर गली के नुक्कड़ पर पड़े हैं। वे लोग ऐसे हैं जैसे किसी जाल में फंसा हिरण हो। उन लोगों पर यहोवा के कोप की मार तब तक पड़ती रही, जब तक वे ऐसे न हो गये कि और दण्ड झेल ही न सकें। परमेश्वर ने जब कहा कि उन्हें और दण्ड दिया जायेगा तो वे बहुत कमज़ोर हो गये।
“यिर्मयाह, यह सन्देश यहूदा के लोगों को दो: ‘मेरी आँखें आँसुओं से भरी हैं। मैं बिना रूके रात—दिन रोऊँगा। मैं अपनी कुमारी पुत्री के लिये रोऊँगा। मैं अपने लोगों के लिए रोऊँगा। क्यों क्योंकि किसी ने उन पर प्रहार किया और उन्हें कुचल डाला। वे बुरी तरह घायल किये गए हैं।
आह, मेरा दुःख और मेरी परेशानी मेरे पेट में दर्द कर रही हैं। मेरा हृदय धड़क रहा है। हाय, मैं इतना भयभीत हूँ। मेरा हृदय मेरे भीतर तड़प रहा है। मैं चुप नहीं बैठ सकता। क्यों क्योंकि मैंने तुरही का बजना सुना है। तुरही सेना को युद्ध के लिये बुला रही है।
“अत: इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, ‘देवमूर्ति की पूजा करते रह कर तुम अपने को क्यों चोट पहुँचाते हो, तुम पुरुष, स्त्रियों, बच्चों और शिशुओं को यहूदा के परिवार से अलग कर रहे हो। तुममें से कोई भी नहीं जीवित रहेगा।
मेरे लोगों की सुन। इस देश में वे चारों ओर सहायता के लिए पुकार रहे हैं। वे कहते हैं, “क्या यहोवा अब भी सिय्योन में है? क्या सिय्योन के राजा अब भी वहाँ है?” किन्तु परमेश्वर कहता है, “यहूदा के लोग, अपनी देव मूर्तियों की पूजा करके मुझे क्रोधित क्यों करते हैं, उन्होंने अपने व्यर्थ विदेशी देव मूर्तियों की पूजा की है।”
यरूशलेम के सभी लोग कराह रहे हैं, उसके सभी लोग खाने की खोज में है। वे खाना जुटाने को अपने मूल्यवान वस्तुयें बेच रहे हैं। वे ऐसा करते हैं ताकि उनका जीवन बना रहे। यरूशलेम कहता है, “देख यहोवा, तू मुझको देख! देख, लोग मुझको कैसे घृणा करते है।
“इन सभी बातों को लेकर मैं चिल्लाई। मेरे नयन जल में डूब गये। मेरे पास कोई नहीं मुझे चैन देने। मेरे पास कोई नहीं जो मुझे थोड़ी सी शांति दे। मेरे संताने ऐसी बनी जैसे उजाड़ होता है। वे ऐसे इसलिये हुआ कि शत्रु जीत गया था।”
“हे यहोवा, मुझे देख! मैं दु:ख में पड़ी हूँ! मेरा अंतरंग बेचैन है! मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा हृदय उलट—पलट गया हो! मुझे मेरे मन में ऐसा लगता है क्योंकि मैं हठी रही थी! गलियों में मेरे बच्चों को तलवार ने काट डाला है। घरों के भीतर मौत का वास था।
क्योंकि ऐसे दिन आ रहे हैं जब लोग कहेंगे, ‘वे स्त्रियाँ धन्य हैं, जो बाँझ हैं और धन्य हैं, वे कोख जिन्होंने किसी को कभी जन्म ही नहीं दिया। वे स्तन धन्य हैं जिन्होंने कभी दूध नहीं पिलाया।’
दाऊद और उसकी सेना के अन्य लोग जोर से तब तक रोते रहे जब तक वे कमजोरी के कारण रोने के लायक नहीं रह गये।