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विलापगीत 1:16 - पवित्र बाइबल

16 “इन सभी बातों को लेकर मैं चिल्लाई। मेरे नयन जल में डूब गये। मेरे पास कोई नहीं मुझे चैन देने। मेरे पास कोई नहीं जो मुझे थोड़ी सी शांति दे। मेरे संताने ऐसी बनी जैसे उजाड़ होता है। वे ऐसे इसलिये हुआ कि शत्रु जीत गया था।”

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Hindi Holy Bible

16 इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझ से दूर हो गया; मेरे लड़के-बाले अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 ‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्‍चे बेघर हो गए हैं; क्‍योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आँखों से आँसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझ से दूर हो गया; मेरे बच्‍चे अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 “यही सब मेरे रोने का कारण हैं और मेरे नेत्रों से हो रहा अश्रुपात बहता है. क्योंकि मुझसे अत्यंत दूर है सांत्वना देनेवाला, जिसमें मुझमें नवजीवन संचार करने की क्षमता है. मेरे बालक अब निस्सहाय रह गए हैं, क्योंकि शत्रु प्रबल हो गया है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

16 इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आँखों से आँसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझसे दूर हो गया; मेरे बच्चे अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

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विलापगीत 1:16
23 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्वर के जनों के शत्रुओं ने उन पर अधिकार किया और उनका जीना बहुत कठिन कर दिया।


रो—रो कर आँसुओं की एक नदी मैं बहा चुका हूँ। क्योंकि लोग तेरी शिक्षाओं का पालन नहीं करते हैं।


निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है! बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ। मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा, किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला।


मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है।


“हे नगरी, हे दुखियारी! तुझको तुफानों ने सताया है और किसी ने तुझको चैन नहीं दिया है। मैं तेरा मूल्यवान पत्थरों से फिर से निर्माण करूँगा। मैं तेरी नींव फिरोजें और नीलम से धरूँगा।


यहूदा के लोगों, यदि तुम यहोवा की अनसुनी करते हो तो मैं छिप जाऊँगा और रोऊँगा। तुम्हारा घमण्ड मुझे रूलायेगा। मैं फूट—फूट कर रोऊँगा। मेरा आँखें आँसुओं से भर जाएंगी। क्यों क्योंकि यहोवा की रेवड़ पकड़ी जाएगी।


“यिर्मयाह, यह सन्देश यहूदा के लोगों को दो: ‘मेरी आँखें आँसुओं से भरी हैं। मैं बिना रूके रात—दिन रोऊँगा। मैं अपनी कुमारी पुत्री के लिये रोऊँगा। मैं अपने लोगों के लिए रोऊँगा। क्यों क्योंकि किसी ने उन पर प्रहार किया और उन्हें कुचल डाला। वे बुरी तरह घायल किये गए हैं।


“यरूशलेम नगर, तुम्हारे लिये कोई अफसोस नहीं करेगा। कोई व्यक्ति तुम्हारे लिए न दु:खी होगा, न ही रोएगा। कौन तुम्हारा कुशल क्षेम पूछने तुम्हारे पास आयेगा!


परमेश्वर, मैं बहुत दु:खी और भयभीत हूँ।


यदि मेरा सिर पानी से भरा होता, और मेरी आँखें आँसू का झरना होतीं तो मैं अपने नष्ट किये गए लोगों के लिए दिन रात रोता रहता।


मैं (यिर्मयाह) पर्वतों के लिये फूट फूट कर रोऊँगा। मैं खाली खेतों के लिये शोकगीत गाऊँगा। क्यों क्योंकि जीवित वस्तुएँ छीन ली गई। कोई व्यक्ति वहाँ यात्रा नहीं करता। उन स्थान पर पशु ध्वनि नहीं सुनाई पड़ सकती। पक्षी उड़ गए हैं और जानवर चले गए हैं।


“मृत्यु हमारी खिड़कियों से चढ़कर आ गई है। मृत्यु हमारे महलों में घुस गई है। सड़क पर खेलने वाले हमारे बच्चों की मृत्यु आ गई है। सामाजिक स्थानों में मिलने वाले युवकों की मृत्यु हो गई है।”


रात में वह बुरी तरह रोती है और उसके अश्रु गालों पर टिके हुए है! उसके पास कोई नहीं है जो उसको ढांढस दे। उसके मित्र देशों में कोई ऐसा नहीं है जो उसको चैन दे। उसके सभी मित्रों ने उससे मुख फेर लिया। उसके मित्र उसके शत्रु बन गये।


यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”


मेरे नयन आँसुओं से दु:ख रहे हैं! मेरा अंतरंग व्याकुल है! मेरे मन को ऐसा लगता है जैसे वह बाहर निकल कर धरती पर गिरा हो! मुझको इसलिये ऐसा लगता है कि मेरे अपने लोग नष्ट हुए हैं। सन्तानें और शिशु मूर्छित हो रहें हैं। वे नगर के गलियों और बाजारों में मूर्छित पड़े हैं।


हे यरूशलेम की पुत्री परकोटे, तू अपने मन से यहोवा की टेर लगा! आँसुओं को नदी सा बहने दे! रात—दिन अपने आँसुओं को गिरने दे! तू उनको रोक मत! तू अपनी आँखों को थमने मत दे!


किन्तु यदि इस्राएली अपने बच्चे पाल भी लेंगे तो भी सब बेकार हो जायेगा। मैं उनसे उनके बच्चे छीन लूँगा। मैं उन्हें त्याग दूँगा और उन्हें विपदाओं के अलावा कुछ भी नहीं मिल पायेगा।”


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