कोरे उन भेंटों का अधीक्षक था जिन्हें लोग स्वेच्छा से यहोवा को चढ़ाते थे। वह उन संग्रहों को देने का उत्तरदायी था जो यहोवा को चढ़ाये जाते थे और वह उन उपहारों को वितरित करने का उत्तरदायी था जो यहोवा के लिये पवित्र बनाई जाती थीं। कोरे पूर्वी द्वार का द्वारपाल था। उसके पिता का नाम यिम्ना था जो लेवीवंशी था।
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “यही वह स्थान है जहाँ याजक दोष बलि और पाप बलि को पकायेंगे। यहीं पर याजक अन्नबलि को पकायेंगे। क्यों क्योंकि जिससे उन्हें उन भेंटों को बाहरी आँगन में ले जाने की आवश्यकता न रहे। इस प्रकार वे उन पवित्र चीजों को बाहर नहीं लाएंगे जहाँ साधारण लोग होंगे।”
“यदि कोई व्यक्ति दो फाख्ता या दो कबूतर भेंट चढ़ाने में असमर्थ हो तो उसे एपा का दसवाँ भाग महीन आटा लाना चाहिए। यह उसकी दोषबलि होगी। उस व्यक्ति को आटे पर तेल नहीं डालना चाहिए। उसे इस पर लोबान नहीं रखना चाहिए क्यों यह दोषबलि है।
“कोई व्यक्ति यहोवा की पवित्र वस्तुओं के प्रति अकस्मात् कोई गलती कर सकता है। तो उस व्यक्ति को एक दोष रहित मेढ़ा लाना चाहिए। यह मेढ़ा यहोवा के लिए उसकी दोषबलि होगी। तुम्हें उस मेढ़े का मुल्य निर्धारित करने के लिए अधिकृत मानक का प्रयोग करना चाहिए।
“यदि कोई व्यक्ति मेमना भेंट करने में असमर्थ है तो उसे दो फ़ाख्ता या कबूतर के दो बच्चे यहोवा को भेंट में देना चाहिए। यह उसके पाप के लिए दोषबलि होगी। एक पक्षी दोषबलि के लिए होना चाहिए तथा दूसरा होमबलि के लिए होना चाहिए।
उस व्यक्ति को चाहिए कि वह उन पक्षियों को याजक के पास लाए। पहले याजक को दोषबलि के रूप में एक पक्षी को चढ़ाना चाहिए। याजक पक्षी की गर्दन को मोड़ देगा। किन्तु याजक पक्षी को दो भागों में नहीं बाँटेगा।
अन्नबलि खमीर के साथ नहीं पकाई जानी चाहिए। मुझको (यहोवा को) आग द्वारा दी जाने वली बलि में से उनके (याजकों के) भाग के रूप में मैंने इसे दिया है। यह पापबलि तथा दोषबलि के समान अत्यन्त पवित्र है।
“हारून और उसके पुत्रों से कहो: पापबलि के लिए यह नियम है कि पापबलि को भी वहीं मारा जाना चाहिए जहाँ यहोवा के सामने होमबलि को मारा जाता है। यह अत्यन्त पवित्र है।
इसका यह तात्पर्य हुआ कि उस व्यक्ति को फिर अलगाव के दूसरे समय के लिए अपने आपको यहोवा को समर्पित कर देना चाहिए। उस व्यक्ति को एक वर्ष का एक मेढ़ा लाना चाहिए। वह इसे पाप के लिए भेंट के रूप में देगा। उसके अलगाव के सभी दिन भुला दिये जाते हैं। उस व्यक्ति को नये अलगाव के समय का आरम्भ करना होगा। यह अवश्य किया जाना चाहिए क्योंकि उसने अलगाव के प्रथम काल में एक शव का स्पर्श किया।