25 “हारून और उसके पुत्रों से कहो: पापबलि के लिए यह नियम है कि पापबलि को भी वहीं मारा जाना चाहिए जहाँ यहोवा के सामने होमबलि को मारा जाता है। यह अत्यन्त पवित्र है।
25 हारून और उसके पुत्रों से यह कह, कि पापबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।
25 ‘तू हारून और उसके पुत्रों से बोलना, यह पाप-बलि की व्यवस्था है : जिस स्थान पर अग्नि-बलि के पशु का वध किया जाता है, उसी स्थान पर प्रभु के सम्मुख पाप-बलि के पशु का वध किया जाएगा। वह बलि परम पवित्र है।
25 “हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है : जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।
25 “हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है : जिस स्थान पर होमबलि के पशु को बलि किया जाता है, उसी स्थान पर पापबलि के पशु को भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए। वह परमपवित्र है।
25 “अहरोन और उसके पुत्रों को यह आदेश दो, ‘पापबलि के लिए विधि यह है: जिस स्थान पर होमबलि के लिए निर्धारित पशु का वध किया जाता है, उसी स्थान पर याहवेह के सामने पापबलि के लिए निर्धारित पशु का वध किया जाए; यह परम पवित्र है.
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “आँगन के आर—पार वाले दक्षिण के कमरे और उत्तर के कमरे पवित्र कमरे हैं। ये उन याजकों के कमरे हैं जो यहोवा को बलि—भेंट चढ़ाते हैं। वे याजक इन कमरों में अति पवित्र भेंट को खाएंगे। वे सर्वाधिक पवित्र भेंट को वहाँ रखेंगे। क्यों क्योंकि यह स्थान पवित्र है। सर्वाधिक पवित्र भेंट ये हैं: अन्न भेंट, पाप के लिये भेंट और अपराध के लिये भेंट।
“यदि कोई व्यक्ति अपने पशुओं में से किसी की होमबलि दे तो वह नर होना चाहिए और उस जानवर में कोई दोष नहीं होना चाहिए। उस व्यक्ति को चाहिए कि वह जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाये। तब यहोव भेंट स्वीकार करेगा।
“व्यक्ति को चाहिए कि वह बछड़े को यहोवा के सामने मारे। हारुन के याजक पुत्रों को बछडे का खून लाना चाहिए। उन्हें मिलापवाले तम्बू के द्वारा की वेदी पर चारों ओर खून छिड़कना चाहिए।
अन्नबलि खमीर के साथ नहीं पकाई जानी चाहिए। मुझको (यहोवा को) आग द्वारा दी जाने वली बलि में से उनके (याजकों के) भाग के रूप में मैंने इसे दिया है। यह पापबलि तथा दोषबलि के समान अत्यन्त पवित्र है।