तुमने मेरे विरुद्ध पाप किया और पाप से कलंकित हुई। मैंने तुम्हें नहलाना चाहा और तुम्हें स्वच्छ करना चाहा! किन्तु दाग छूटे नहीं। मैं तुमको फिर नहलाना नहीं चाहूँगा। जब तक मेरा तप्त क्रोध तुम्हारे प्रति समाप्त नहीं होता।
लैव्यव्यवस्था 14:43 - पवित्र बाइबल “सम्भव है कोई व्यक्ति पुराने पत्थरों और लेप को निकाल कर नेये पत्थरों और लेप को लगाए और सम्भव है वह फफूँदी उस घर में फिर प्रकट हो। Hindi Holy Bible और यदि पत्थरों के निकाले जाने और घर के खुरचे और लेसे जाने के बाद वह व्याधि फिर घर में फूट निकले, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘यदि रोग पत्थरों के निकाल लेने, घर को खुरचने तथा लिपाई-पुताई के पश्चात् भी घर में पुन: फूटता है पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “यदि पत्थरों के निकाले जाने और घर के खुरचे और लेसे जाने के बाद वह व्याधि फिर घर में फूट निकले, नवीन हिंदी बाइबल “यदि पत्थरों के निकाले जाने, घर के खुरचे जाने, और पलस्तर किए जाने के बाद भी वह फफूंदी फिर से घर में फूट निकले, सरल हिन्दी बाइबल “किंतु यदि उसके द्वारा पत्थरों को निकालवाए जाने, घर को खुरचे जाने तथा पुनः पलस्तर लीपे पोते जाने के बाद उस घर में वह फफूंदी फूट पड़ती है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “यदि पत्थरों के निकाले जाने और घर के खुरचे और पुताई जाने के बाद वह व्याधि फिर घर में फूट निकले, |
तुमने मेरे विरुद्ध पाप किया और पाप से कलंकित हुई। मैंने तुम्हें नहलाना चाहा और तुम्हें स्वच्छ करना चाहा! किन्तु दाग छूटे नहीं। मैं तुमको फिर नहलाना नहीं चाहूँगा। जब तक मेरा तप्त क्रोध तुम्हारे प्रति समाप्त नहीं होता।
तब उस व्यक्ति को नए पत्थर दीवारों में लगाने चाहिए और उसे उन दीवारों को नए लेप से ढक देना चाहिए।
तब याजक को आकर उस घर की जाँच करनी चाहिए। यदि फफूँदी घर में फैल गई हो तो यह रोग है जो दूसरी जगहों में जल्दी से फैलता है। अत: घर अशुद्ध है।
“घर में नये पत्थर और लेप लगाने के बाद याजक को घर की जाँच करनी चाहिए। यदि फफूँदी घर में नहीं फैली है तो याजक घोषणा करेगा कि घर शुद्ध है। क्यों? क्योंकि फफूँदी समाप्त हो गई है!
सो यदि ये हमारे प्रभु एवं उद्धारकर्त्ता यीशु मसीह को जान लेने और संसार के खोट से बच निकलने के बाद भी फिर से उन ही में फंस कर हार गये हैं, तो उनके लिए उनकी यह बाद की स्थिति, उनकी पहली स्थिति से कहीं बुरी है
उनके साथ तो वैसे ही घटी जैसे कि उन सच्ची कहावतों में कहा गया है: “कुत्ता अपनी उल्टी के पास ही लौटता है।” और “एक नहलायी हुई सुअरनी कीचड़ में लोट लगाने के लिए फिर लौट जाती है।”
ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है।