मनुष्य का जीवन एक फूल के समान है जो शीघ्र उगता है और फिर समाप्त हो जाता है। मनुष्य का जीवन है जैसे कोई छाया जो थोड़ी देर टिकती है और बनी नहीं रहती।
भजन संहिता 90:6 - पवित्र बाइबल जो सुबह उगती है और वह शाम को सूख कर मुरझा जाती है। Hindi Holy Bible वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और सांझ तक कट कर मुर्झा जाती है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह प्रात: काल फूलती और लहलहाती है, किन्तु संध्या को मुर्झाकर सूख जाती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और साँझ तक कटकर मुर्झा जाती है। नवीन हिंदी बाइबल जो भोर को फूलती और बढ़ती है, और साँझ तक मुरझाकर सूख जाती है। सरल हिन्दी बाइबल जो प्रातःकाल फूलती है, उसमें बढ़ती है, किंतु संध्या होते-होते यह मुरझाती और सूख जाती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और साँझ तक कटकर मुर्झा जाती है। |
मनुष्य का जीवन एक फूल के समान है जो शीघ्र उगता है और फिर समाप्त हो जाता है। मनुष्य का जीवन है जैसे कोई छाया जो थोड़ी देर टिकती है और बनी नहीं रहती।
दुष्ट जन घास की तरह जीते और मरते हैं। वे जो भी कुछ व्यर्थ कार्य करते हैं, उन्हें सदा सर्वदा के लिये मिटाया जायेगा।
एक वाणी मुखरित हुई, उसने कहा, “बोलो!” सो व्यक्ति ने पूछा, “मैं क्या कहूँ” वाणी ने कहा, “लोग सर्वदा जीवित नहीं रहेंगे। वे सभी रेगिस्तान के घास के समान है। उनकी धार्मिकता जंगली फूल के समान है।
इसलिये जब जंगली पौधों को जो आज जीवित हैं पर जिन्हें कल ही भाड़ में झोंक दिया जाना है, परमेश्वर ऐसे वस्त्र पहनाता है तो अरे ओ कम विश्वास रखने वालों, क्या वह तुम्हें और अधिक वस्त्र नहीं पहनायेगा?
सूरज कड़कड़ाती धूप लिए उगता है और पौधों को सुखा डालता है। उनकी फूल पत्तियाँ झड़ जाती हैं और सुन्दरता समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार धनी व्यक्ति भी अपनी भाग दौड़ के साथ समाप्त हो जाता है।